Video: भगवान ने नहीं दिये पैर तो हाथों पर सबसे तेज 20 मीटर चलकर ज़ियोन ने रच डाला इतिहास
ज़ियोन क्लार्क की कहानी किसी भी हारे हुए इंसान की जिंदगी बदल सकती है। इस दिव्यांग अमेरिकी एथलीट ने अपने हाथों पर सबसे तेजी से 20 मीटर की दूरी तय करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
वाशिंगटन, 25 सितंबर। एक दिव्यांग अमेरिकी एथलीट ने अपने हाथों पर सबसे तेजी से 20 मीटर की दूरी तय करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। 23 वर्षीय ज़ियोन क्लार्क ने 4.78 सेकंड में 20 मीटर चलकर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। ज़ियोन क्लार्क का नाम भले ही आपने पहली बार सुना हो, लेकिन आपको बता दें कि क्लार्क एक मोटिवेशनल स्पीकर, लेखक और उद्दमी भी हैं और लाखों युवाओं की प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी कहानी किसी भी हारे हुए इंसान की जिंदगी बदल सकती है।
बिना पैरों के ही पैदा हुए थे ज़ियोन
आपको बदा दें कि ज़ियोन क्लार्क की अपंगता जन्मजात है। वह बिना पैरों के ही पैदा हुए थे। उनके अपंग पैदा होने से उनके मां-बाप को यकीनन काफी निराशा हुई होगी, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका यह अपंग बेटा एक दिन उनका नाम रोशन करेगा। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, क्लार्क कॉडल रिग्रेशन सिंड्रोम से पीड़ित हैं, जो शरीर के निचले आधे हिस्से के असामान्य विकास की विशेषता वाली एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति है, जहां रीढ़ की हड्डियां अक्सर गायब रहती हैं। लेकिन उन्होंने अपनी अपनी विकलांगता को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। हाई स्कूल के दिनों में ज़ियान एक पहलवान थे। क्लार्क दोबारा उसी हाई स्कूल में लौटे और यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने फरवरी 2021 में भी रिकॉर्ड तोड़ने का प्रयास किया था। हाथों पर सबसे तेज 20 मीटर चलकर उन्होंने हॉल ऑफ फेम में प्रवेश किया है। उन्हें इस हफ्ते ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई।
असफल होने का कोई बहाना नहीं
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनना कितना सुखद एहसास है। जीवन में मेरा लक्ष्य बच्चों को वह बनने के लिए प्रेरित करना है जो वे जीवन में बनना चाहते हैं, किसी को ये न बताएं कि आप क्या नहीं कर सकते। मैं विकलांग बच्चों या जो भी विकलांग हैं, उन्हें संदेश देना चाहूंगा कि अगर आपके पास दृढ़ संकल्प है, तो आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।' अपनी अपंगता को लेकर उन्होंने काफी कुछ सहा। बच्चे उन्हें चिढ़ाते थे। इस अपंगता के साथ जीना क्लार्क के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने एक बात ठान ली थी कि सफल होना है। कोई कुछ भी कहे बस सफल होना है।
2024 ओलंपिक्स पर हैं ज़ियोन की नजरें
ज़ियोन क्लार्क ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां, दोस्तों और अपने कोच को दिया है। उनके कोच बुच रेनॉल्ड्स ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स धारक हैं।क्लार्क ने कहा कि वह वह कर सकते हैं जो पहले अकल्पनीय था। ओलंपिक में प्रतिद्वंदियों को चुनौती देने की है तैयारी ज़ियोन 2024 के ओलंपिक्स में अपने प्रतिद्वंदियों को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। वह ओलंपिक (कुश्ती) और पैरालंपिक (व्हीलचेयर रेसिंग) दोनों खेलों में भाग लेने वाले पहले अमेरिकी एथलीट बनना चाहते हैं।