नैन्सी पेलोसी 'पागल' हैं, ताइवान की आड़ में ये क्या कह दिया ट्रंप ने...
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, नैन्सी क्रेजी हैं। वे ताइवान में क्या कर रही हैं।
न्यूयॉर्क/ ताइपे, 3 जुलाई : अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी अपना ताइवान का दौरा समाप्त कर लौट चुकी हैं। चीन की धमकी के बाद पूरी दुनिया और तमाम मीडिया की नजर नैन्सी की ताइवान दौरे पर आकर ठहर गई थी। दुनिया सांसे रोककर चीन की धमकी के बाद उसके अगले कदम का इंतजार कर रही थी। हालांकि, नैन्सी पेलोसी चीन की धमकियों को नजरअंदाज कर ताइवान गईं और वहां संसद को संबोधित किया और राष्ट्रपति से मुलाकात भी की। वही, दूसरी तरफ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दौरे पर जमकर टिप्पणी की है। उन्होंने नैन्सी को 'पागल'(crazy) तक कह दिया (Why is Crazy Nancy Pelosi in Taiwan Donald Trump wrote on his Truth Social platform )।
ट्रंप ने नैन्सी पर साधा निशाना
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान दौरे पर अपनी नजरें बनाए हुए थे। जहां रिपब्लिकन पार्टी के अन्य नेता पेलोसी का समर्थन करते नजर आए वहीं, ट्रंप ने उनके इस कदम को पागलपन करार दिया। डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर इस दौरे को लेकर नैन्सी पर जमकर निशाना साधा।
ट्रंप ने नैन्सी पेलोसी को पागल कहा
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रूथ सोशल पर लिखा, ये पागल नैन्सी पेलोसी ताइवान में क्या कर रही हैं। ये हमेशा मुश्किल पैदा करती हैं। इन्होंने कुछ भी ठीक से नहीं कर पाया। इनसे दो बार के महाभियोग प्रयास भी ढंग से नहीं हो पाए थे। बात दें कि डोनाल्ड ट्रंप और नैन्सी पेलोसी के बीच कई मसलों के लेकर मतभेद हैं और उन दोनों में आज तक नहीं बनी है।
25 साल बाद अमेरिका की पहली स्पीकर ताइवान दौरे पर
नैन्सी पेलोसी मंगलवार की रात ताइवान पहुंची थीं। वो 25 साल बाद अमेरिका की पहली ऐसी स्पीकर हैं जो ताइवान के दौरे पर गईं। इसको लेकर चीन अमेरिका को बार-बार धमकी देता रहा, लेकिन नैन्सी नहीं मानी और अमेरिका के ताकतवर विमान में सवार होकर ताइवान पहुंच गई।
अमेरिका ने वॉरशिप भेजे
बता दें कि, जब नैन्सी की ताइवान जाने की बात चल रही थी, ठीक उसी वक्त अमेरिका ने चीन की धमकियों को हल्के में नहीं लेते हुए चार वॉरशिप को उनकी सुरक्षा में तैनात कर दिया। जिससे चीन और अधिक जलभुन गया। इसके बाद चीन ने भी सैन्य ताकत दिखाना शुरू कर दिया। हालांकि, नैन्सी ने चीन की चेतावनी को दरकिनार ताइवान जाकर अमेरिका की बात दुनिया को बताई और कहा कि वॉशिंगटन हमेशा ताइवान के साथ खड़ा रहेगा।
चीनी नेतृत्व का घोर आलोचक नैन्सी पेलोसी
नैन्सी पेलोसी को चीनी नेतृत्व का घोर आलोचक कहा जाता है। इससे चीन पेलोसी से काफी नाराज रहता है। इतिहास में कई ऐसे किस्से दर्ज हैं जहां नैन्सी ने कदम-कदम पर चीन की चाल का विरोध किया। चीन में 1989 में एक बड़े विरोध-प्रदर्शन को चीन की सरकार ने दबा दिया था। इसके लिए बीजिंग ने बल का प्रयोग किया था। जिसकी पूरी दुनिया में आज भी निंदा हो रही है। इसके दो साल बाद 1991 में नैन्सा पेलोसी तिएनेन्मन स्क्वायर गई थीं और वहां उन्होंने चीनी सेना के हाथों मारे गए प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया था।
क्या ताइवान को अपने में मिला लेगा चीन!
वहीं, चीन स्वशासित ताइवान को एक अलग प्रांत के तौर पर देखता है। चीन यह भी कहता है कि आवश्यकता पड़ी तो वह बल का प्रयोग कर ताइवान को बीजिंग में मिला लेगा।