कौन हैं नेफ्टाली बेनेट जो बन सकते हैं इजराइल के अगले PM, बढ़ा सकते हैं फिलिस्तीन की मुश्किल
नई दिल्ली, 03 जून। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू धीरे-धीरे देश की सत्ता से अपनी पकड़ गंवा रहे हैं। 12 साल तक लंबे कार्यकाल के बाद अब बेंजामिन इजराइल के प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवा सकते हैं। दरअसल नेतन्याहू को संसद में बुधवार को अपना बहुमत साबित करना था लेकिन बहुमत साबित करने से पहले विपक्ष के नेता ने ऐसा दांव खेला जिसके बाद अब नेतन्याहू का सत्ता से बाहर जाना लगभग तय है। दरअसल येश एटिड पार्टी के नेता येर लेपिड ने संसद में फ्लोर टेस्ट से पहले कहाकि हमने राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन को इस बारे में जानकारी दे दी है कि वह नई सरकार बनाने के लिए अब तैयार हैं और इस सरकार में नेफ्टाली बेनेट प्रधानमंत्री बनेंगे। दिलचस्प बात यह है कि नेफ्टाली के समर्थन से ही नेतन्याहू देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज थे लेकिन अब बेनेट के प्रधानमंत्री बनने के बाद नेतन्याहू का कुर्सी से जाना तय है।
क्या है सियासी गणित
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
इजराइल
की
संसद
में
कुल
120
सदस्य
होते
हैं।
संसद
में
नेतन्याहू
की
पार्टी
लिकुड
सबसे
बड़ी
पार्टी
है
और
उनके
पास
कुल
39
सांसद
हैं
जबकि
दूसरे
नंबर
येर
लेपिड
की
येश
एडिट
पार्टी
है
जिनके
पास
सिर्फ
17
सांसद
हैं।
ऐसे
में
देश
में
सरकार
बनाने
के
लिए
61
सीटों
की
जरूरत
है।
देश
के
अगले
प्रधानमंत्री
बनने
जा
रहे
नेफ्टाली
बेनेट
के
पास
सिर्फ
7
सीटें
हैं
बावजूद
इसके
वह
किंग
मेकर
की
भूमिका
में
हैं।
इजराइल
के
इतिहास
में
ऐसा
पहली
बार
होने
जा
रहा
है
जब
इस्लामिक
पार्टी
सत्ताधारी
दल
के
साथ
सरकार
में
शामिल
होगी।
रा'म
पार्टी
के
नात
मंसूर
अब्बास
ने
सरकार
बनाने
में
सहयोग
देने
का
फैसला
लिया
है।
नई
सरकार
बनाने
के
लिए
जो
समझौता
हुआ
है
उसके
अनुसार
सितंबर
2023
तक
बेनेट
प्रधानमंत्री
रहेंगे
और
उसके
बाद
नवंबर
2025
तक
लेपिड
प्रधानमंत्री
बनेंगे।
कौन हैं नेफ्टाली बेनेट
नेफ्टाली बेनेट एक बिजनेसमैन थे जिनके माता पिता अमेरिका के हैं। राजनीति में आने से पहले नेफ्टाली बिजनेस में स्रिय थे। नेफ्टाली बेनेट का जन्म इजराइल में ही हुआ था और उन्होंने बतौर तकनीकी उद्यमी देश की सेना में कमांडो के रूप में अपनी सेवाएं दी थी। उन्होंने पेमेंट सिक्योरिटी कंपनी क्योटा इंक की स्थापना की थी, जिसे बाद में 145 मिलियन डॉलर में बेचा गया था। इजराइल के कुछ अखबारों और स्थानीय विश्लेषकों की मानें तो नेफ्टाली के विचार अति राष्ट्रवादी हैं। टाइम्स ऑफ इजराइल में बेनेट ने कहा था कि मैं बीबी (बेंजामिन नेतन्याहू) से कहीं ज्यादा राइट विंग विचार वाला नेता हूं, लेकिन मैं खुद को राजनीति में आगे ले जाने के लिए नफरत और ध्रुवीकरण को हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं करता हूं। हाल ही में बेनेट ने वेस्ट बैंक पर कब्जे की बात कही थी। वर्ष 2013 में राजनीति में कदम रखने वाले बेनेट शुरुआत से ही इस मत के पक्ष में हैं कि वेस्ट बैंक को इजराइल में शामिल करना चाहिए।
राजनीतिक विचारधारा
बेनेट
ने
प्रधानमंत्री
नेतन्याहू
के
वरिष्ठ
सहयोगी
के
तौर
पर
2006
से
2008
के
बीच
काम
किया।
लेकिन
बाद
में
उन्होंने
नेतन्याहू
की
पार्टी
को
छोड़
दिया।
राजनीति
में
आने
के
बाद
से
ही
बेनेट
ने
खुद
को
राइटविंग
राष्ट्रवादी
धार्मिक
नेता
के
तौर
पर
आगे
बढ़ाया
और
2013
में
पहली
बार
संसद
पहुंचे।
बेनेट
इजराइल
को
यहूदी
धर्म
के
देश
के
रूप
में
देखते
हैं
और
यहूदियों
के
इतिहास
का
हवाला
देते
हुए
वह
वेस्ट
बैंक,
ईस्ट
जेरूसलम
और
गोलन
हाइट्स
को
धार्मिक
तौर
पर
इजराइल
का
हिस्सा
मानते
हैं।
इन
सभी
इलाकों
पर
इजराइल
ने
1967
के
युद्ध
के
बाद
अपने
हिस्से
में
कर
लिया
था।
हमास और फिलिस्तीन पर विचार
नेफ्टाली बेनेट ने फिलिस्तीन के खिलाफ काफी सख्त रवैया के लिए जाने जाते हैं और फिलिस्तीन के आतंकियों को फांसी देने के पक्षधर हैं। इस साल मई माह में बेनेट ने हमास पर गाजा के लोगों का नरसंहार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि इजराइल के हवाई हमले में जो लोग मारे गए हैं उसकी वजह हमास है क्योंकि हमास ने ही गाजा से रॉकेट दागे थे। ऐसे में अगर बेनेट इजराइल की सत्ता में आते हैं तो फिलिस्तीन के साथ इजराइल के संबंध और भी खराब हो सकते हैं। बेनेट ने फिलिस्तीन को दुनिया की सबसे बड़ी आतंकी संस्था बताया था।