पानी की बूंदों के अंदर क्या होता है? वैज्ञानिकों ने 30 साल पुराने रहस्य को सुलझाया
पानी की बूंदों के अंदर क्या होता है? वैज्ञानिकों ने 30 साल पुराने रहस्य को सुलझाया
नई दिल्ली, 09 सितंबर: मनुष्य हो या धरती के अन्य जीव सभी के लिए जीने के जीवित रहने के लिए पानी बहुत जरूरी है। इसीलिए पानी की एक-एक बूंद महत्वपूर्ण है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि पानी की बूंदों के अंदर क्या होता है? पानी का आकार क्यों बदलता है? क्यों यह कम तापमान में जम जाता है और तो कभी वाष्पित हो जाता है इसके आलावा पानी क्यों आकार बदलता है? वैज्ञानिकों ने पानी के अंदर रिसर्च की है और 30 साल पुराने रहस्य को सुलझाया है। वैज्ञानिकों ने 30 साल पुरानी एक चुनौती का समाधान किया है कि प्रस्तावित पानी अपने चरण को तरल के अन्य रूपों में बदल सकता है।
शोधकर्ता ने एक यूनीक वॉटर पापर्टी खोज निकाली है
बर्मिंघम विश्वविद्यालय और सैपिएन्ज़ा यूनिवर्सिटी डि रोमा ने ऐसे ही एक शोध में कामयाबी हासिल की है। यहां के शोधकर्ता ने एक यूनीक वॉटर पापर्टी खोज निकाली है, जिसे पहली बार आज से तीस साल पहले प्रस्तावित किया गया था।
ये दो अलग-अलग तरल पदार्थों में बदल सकता है
शोधकार्ता के अनुसार यह यूनीक वॉटर पापर्टी दो अलग-अलग तरल पदार्थों में बदल सकता है जिसे फेज ट्रांजिशन (phase transition) कहा जाता है। हालांकि यह बेहद ठंडे तापमान पर होता है। लेकिन, क्या पानी कम तापमान पर ठोस होकर बर्फ में बदल जाता है?
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पानी के अंदर होन वाली रासायनिक क्रियाएं में छिपे हैं कई रहस्य
हां, ऐसा होता है, और लगभग 30 वर्षों से वैज्ञानिकों को चकित करने वाले सिद्धांत की पुष्टि करने में यही सबसे बड़ी चुनौती बनी रही। उन्होंने कहा कि पानी के अंदर छिपे हुए रासायनिक क्रियाएं होती हैं जिसका कारण अभी भी मालूम नहीं हैं। अभी भी लिक्विड- लिक्विड ट्रांजिशन ( liquid-liquid transition) के बारे में अज्ञात हैं।
पत्रिका में अध्ययन के निष्कर्ष पब्लिश किए गए हैं
नेचर फिजिक्स पत्रिका में अध्ययन के निष्कर्ष पब्लिश किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि तरल पानी की एक मुख्य विशेषता ठंडा होने पर इसके थर्मोडायनामिक प्रतिक्रिया कार्यों का विषम व्यवहार है, सबसे प्रसिद्ध परिवेश के दबाव में अधिकतम घनत्व है।
इस शख्स ने 1992 में पानी में शुरू किया था ये शोध
फ्रांसेस्को साइकोर्टिनो, जो अब सैपिएन्ज़ा यूनिवर्सिटी डि रोमा में प्रोफेसर हैं और अध्ययन के सह-लेखक थे, वे इस रिसर्च की मूल टीम का हिस्सा थे, जिसने 1992 में पानी में लिक्विड- लिक्विड ट्रांजिशन ( liquid-liquid transition) के विचार का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा "इस काम में, हम पहली बार, नेटवर्क उलझाव विचारों के आधार पर लिक्विड- लिक्विड ट्रांजिशन ( liquid-liquid transition) का एक दृश्य प्रस्तावित करते हैं। मुझे यकीन है कि यह काम टोपोलॉजिकल कॉन्सेप्ट के आधार पर नोवल सैद्धांतिक मॉडलिंग को प्रेरित करेगा।