उत्तर कोरिया की नई मिसाइल क्या-क्या कर सकती है?
उत्तर कोरिया ने एक नए तरह के आईसीबीएम के टेस्ट का दावा कर दुनिया को हैरान किया है.
उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने नए तरह की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है.
उत्तर कोरिया के मुताबिक इस मिसाइल की पहुंची पूरे अमरीका तक होगी. सरकारी टीवी का कहना है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु शक्ति संपन्न होने की राह में अपना मिशन हासिल कर लिया है.
द ह्वासोंग-15 मिसाइल को सबसे शक्तिशाली मिसाइल कहा जा रहा है. इस मिसाइल का परीक्षण बुधवार की रात को अंधेरे में ही किया गया.
मिसाइल परीक्षण के बाद जापान के समुद्र में गिरी. उत्तर कोरिया ने अब तक जितनी मिसाइलों का परीक्षण किया है उनमें से इसकी सबसे ज़्यादा ऊंचाई थी.
उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का लगातार उल्लंघन कर रहा है. उत्तर कोरिया पर परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए कई तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं, लेकिन वो हर पाबंदी को धता बता रहा है.
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उत्तर कोरिया के क़दम की जमकर निंदा हो रही है, लेकिन वो पूरी तरह से बेफ़िक्र है.
इस मिसाइल परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद की आपातकाल बैठक की गई है. उत्तर कोरिया के इस परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया भी हरकत में आ गया है.
दक्षिण कोरिया ने युद्धाभ्यास किया और उसने अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया.
उत्तर कोरिया का दावा क्या है?
इस मिसाइल परीक्षण की सूचना देश के सरकारी टीवी से दोपहर में एक ख़ास प्रसारण के ज़रिए दी गई. इसके साथ ही वहां की सरकारी समाचार एजेंसी ने भी परीक्षण की ख़बर दी.
उत्तर कोरिया का कहना है कि मिसाइल 4,475 किलोमीटर की ऊंचाई तक गई. यह 53 मिनट में 950 किलोमीटर तक गई. दक्षिण कोरिया ने भी इस मिसाइल के बारे में कुछ ऐसा ही अनुमान लगाया है.
जापानी अधिकारियों का कहना है कि मिसाइल को एक झुकाव के साथ ऊपर की तरफ़ दागा गया. पहले के परीक्षणों की तरह इसकी उड़ान जापान के ऊपर नहीं थी और यह उत्तरी तट से 250 किलोमीटर पीछे गिरी.
उत्तर कोरिया ने इससे पहले कहा था कि उसकी मिसाइल अमरीका को तबाह कर सकती है, लेकिन अब वह पहली बार कह रहा है कि उसने इस बार नई तरह की मिसाइल का परीक्षण किया है जो पहले से ज़्यादा मारक है.
केसीएनए का कहना है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने अपनी मौजूदगी में इसे लॉन्च कराया.
इस परीक्षण के साथ ही उन्होंने कहा कि यह उत्तर कोरिया के लिए गर्व का पल है. उत्तर कोरिया ने इसे परमाणु शक्ति संपन्न बनने की राह में ऐतिहासिक मोड़ क़रार दिया.
केसीएनए की रिपोर्ट में उत्तर कोरिया को एक ज़िम्मेदार परमाणु शक्ति संपन्न और शांतिप्रिय देश बताया गया है.
इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर कोरिया शांति और दुनिया में स्थिरता के उद्देश्य से ऐसा कर रहा है. उत्तर कोरिया ने कहा कि वो अपनी आत्मरक्षा के लिए और अमरीकी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ कर रहा है.
क्या उत्तर कोरिया की मिसाइल अमरीका तक पहुंच सकती है?
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
एक विश्लेषण के अनुसार उत्तर कोरिया की मिसाइल 13 हज़ार किलोमीटर तक पहुंच सकती है. इसका मतलब यह हुआ कि अमरीका के किसी कोने तक पहुंच सकती है.
इसके साथ ही उत्तर कोरिया की मिसाइल पर शक भी किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि पहुंच है, लेकिन इसकी मारक क्षमता माकूल नहीं है. इसका मतलब यह हुआ कि वो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नहीं होगी.
दूसरी तरफ़ उत्तर कोरिया का कहना है कि ह्वासोंग-15 मिसाइल अमरीकी ज़मीन पर भारी से भारी परमाणु हथियारों को गिरा सकती है. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया को अब भी इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफलता पूर्वक इस्तेमाल करने में दो से तीन साल लगेंगे.
ऐसा करने के लिए उत्तर कोरिया के पास उच्च तकनीक तक पहुंच ज़रूरी है. आईसीबीएम को परमाणु हथियारों से लैस किए जाने पर विस्फोटक का फट जाना पर्यावरण के लिए काफ़ी ख़तरनाक होता है.
किसी को पता नहीं है कि क्या वाकई उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम ताक़त को हासिल कर लिया है?
उत्तर कोरिया ने इसका परीक्षण रात में क्यों किया?
यह परीक्षण असामान्य रूप से रात में किया गया. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि उत्तर कोरिया रात के अंधेरे में भी परीक्षण कर सकता है.
यह सच है कि रात में मिसाइल को मार गिराना काफ़ी मुश्किल होता है. उत्तर कोरिया के रात में परीक्षण करने से साबित होता है कि उसने अपनी मिसाइल क्षमता को बेहतर बनाया है.