वेनेज़ुएला संकटः अमरीका ने दी कार्रवाई की चेतावनी
मादुरो को मानवाधिकार को लेकर ख़राब छवि और आर्थिक चुनौतियों से निपटने में नाकाम रहने के कारण देश के अंदर और बाहर दोनों जगह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.
पिछले साल उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था मगर चुनाव विवादों में घिरा रहा था. कई विपक्षी नेताओं को चुनाव लड़ने से या तो रोक दिया गया था या फिर जेल में डाल दिया गया था.
अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने वेनेज़ुएला को चेताया है कि अगर अमरीकी राजनयिकों और विपक्षी नेता ख़ुआन गोइदो को आंच भी आई तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा.
रविवार को ट्वीट करके बोल्टन ने कहा कि इस तरह से डराने की कोशिशें करने से क़ानून व्यवस्था कमज़ोर होगी.
उन्होंने यह चेतावनी उस समय दी है जब अमरीका और 20 से अधिक देशों ने ख़ुआन गोइदो को अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दी है. गोइदो ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर पिछले साल हुए चुनावों में धांधली करने का आरोप लगाया है.
इस महीने राष्ट्रपति मादुरो ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी. मगर विपक्ष ने वोटों में धांधली के आरोप लगाए थे और चुनावों का बहिष्कार किया था.
इसके बाद विपक्ष के नेता ख़ुआन गोइदो की अपील के बाद वेनेज़ुएला में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
राजनीतिक संकट चरम पर
वेनेज़ुएला में चल रहा राजनीतिक संकट अब चरम पर पहुंचता दिख रहा है. विपक्ष ने मादुरो को अपदस्थ करने के लिए प्रयास तेज़ कर दिए हैं.
इससे पहले रविवार को अमरीका के लिए वेनेज़ुएला के शीर्ष सैन्य प्रतनिधि ने मादुरो सरकार से पाला बदलते हुए कहा था कि वह ख़ुआन गोइदो को राष्ट्रपति मानते हैं.
इसके बाद अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ने ट्विटर के ज़रिये अमरीका का पक्ष रखा और कहा कि अमरीकी राजनयिकों और विपक्षी नेता को किसी तरह से डराने-धमकाने की कोशिश न की जाए.
https://twitter.com/AmbJohnBolton/status/1089569353421463554
इस बीच शनिवार को कई यूरोपीय देशों ने अल्टिमेटम दिया है कि अगर वेनेज़ुएला में आठ दिनों के अंदर चुनाव करवाने की घोषणा नहीं की गई तो वे गोइदो को राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दे देंगे.
इन देशों में स्पेन, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं.
मगर निकोलस मादुरो ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा कि यूरोपीय देशों को इस अल्टिमेटम को वापस लेना चाहिए.
रविवार को उन्होंने सीएनएन से कहा कि वेनेज़ुएला यूरोप का बंधक नहीं है और यह प्रस्ताव एक तरह से बदतमीज़ी भरा है.
मादुरो ने कहा कि वह उनकी दावेदारी का विरोध कर रहे लोगों से 'संवाद के लिए तैयार हैं.'
उन्होंने यह भी कि कहा अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को 'कई संदेश भेजे हैं मगर उन्होंने हमारी उपेक्षा की है.'
कौन-कौन कर रहा है मादुरो का समर्थन
रूस, चीन, मेक्सिको और तुर्की ने खुलकर मादुरो का समर्थन किया है.
शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में रूस ने अमरीका पर वेनेज़ुएला में तख़्तापलट की साज़िश रचने का आरोप लगाया.
हालांकि, एक दर्ज़न से अधिक लातिन अमरीकी देशों और कनाडा ने विपक्ष के नेता गोइदो को राष्ट्रपति के तौर पर समर्थन दिया है.
मादुरो अलोकप्रिय क्यों हैं?
इस समय वेनेज़ुएला आर्थिक संकट से जूझ रहा है. बुनियादी चीज़ों की कमी हो गई है और इस कारण लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा है.
मादुरो को मानवाधिकार को लेकर ख़राब छवि और आर्थिक चुनौतियों से निपटने में नाकाम रहने के कारण देश के अंदर और बाहर दोनों जगह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.
पिछले साल उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था मगर चुनाव विवादों में घिरा रहा था. कई विपक्षी नेताओं को चुनाव लड़ने से या तो रोक दिया गया था या फिर जेल में डाल दिया गया था.
वेनेज़ुएला के सुप्रीम कोर्ट के जज इसी साल जनवरी में भागकर अमरीका चले गए थे जहां उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि चुनाव निष्पक्ष नहीं थे.