डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान, पाकिस्तान नहीं माना तो अकेले आतंक का सफाया कर देगा अमेरिका
वॉशिंगटन। अमेरिका ने पाकिस्तान को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पेंटागन ने यूएस कांग्रेस को शनिवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए पाकिस्तान के साथ असहमतियों के बाद भी एकतरफ कदम उठाए जाएंगे। पेंटागन डिफेंस डिपार्टमेंट ने साथ में जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस्लामाबाद को अपने मौलिक सिद्धांतों को बदलना होगा। डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद नई अफगानिस्तान और साउथ एशिया पोलिसी की रिपोर्ट को पहली बार यूएस कांग्रेस में सबमिट किया गया। जिसमें तालिबान को बाहर से समर्थन देने वाले तत्वों को भी शामिल किया गया है, जो कि इस रणनीति का हिस्सा होंगे।
अफगानिस्तान में सुरक्षा और स्थिरता को बढावा देने वाली पहली वार्षिक रिपोर्ट (1 जून से 30 नवंबर) को सबमिट किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के साथ हमारे मिलिट्री-टू-मिलिट्री संबंध रखना बहुत महत्वपूर्ण है। पेंटागन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए पाकिस्तान का आतंकवाद के साथ रवैये को आधारभूत बदलाव के रूप में देखने जरूरी है।
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा व स्थिरता बढ़ाना" में कहा कि भारत के साथ हमारे सैन्य संबंधों में परस्पर रूप से सफलता मिली है। पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अल-कायदा, हक्कानी नेटवर्क, आईआईएस-के, लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक मूवमेंट जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान व अफगानिस्तान में जड़ें जमाए हुए हैं।
अफगानिस्तान के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनर्शिप की बात करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक अफगानिस्तान अपने मुल्क में सुधार चाहेगा, तब तक अमेरिका उसे लगातार सपोर्ट करता रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध के मैदान में तालीबान कभी हमसे जीत नहीं सकता, उनके लिए एक मात्र रास्ता है कि अफगानिस्तान सरकार के साथ समझौता करें।