अमेरिका: हार से बौखलाए ट्रंप ने रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को निकाला, ट्वीट से दी जानकारी
वॉशिंगटन। ऐसा लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब हार की अपनी निराशा का प्रदर्शन अपने प्रशासन के टॉप ऑफिशियल्स को निकालकर करना चाहते हैं। ट्रंप ने अपने मंत्री मार्क एस्पर को उनके पद से हटा दिया है और एक ट्वीट कर सोमवार को उन्होंने इस बात की जानकारी दी। ट्रंप एक तरफ तो डेमोक्रेट जो बाइडेन के हाथों अपनी हार नहीं स्वीकार कर रहे हैं तो दूसरी तरफ वह उस सरकार को अस्थिर करने में लग गए हैं जिसकी विदाई तय हो चुकी है। मार्क एस्पर पिछले दिनों 2+2 डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे।
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मार्क एस्पर से नाराज ट्रंप
ट्रंप ने एक ट्वीट कर लिखा, 'मार्क एस्पर को निकाल दिया गया है। मैं उन्हें उनकी सर्विस के लिए थैंक्यू कहना चाहूंगा।' ट्रंप ने यह भी बताया कि क्रिस्टोफर मिलर जो इस समय नेशनल काउंटरटेररिज्म सेंटर के मुखिया हैं और स्पेशल फोर्सेज के पूर्व ऑफिसर हैं, वह मार्क एस्पर की जगह लेंगे। मार्क एस्पर, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के चौथे ऐसे चीफ हैं जिन्हें चार सालों में हटाया गया है। एस्पर को 16 माह के बाद उनके कार्यकाल से निकाल दिया गया है। एस्पर को ऐसे समय में हटाया गया है जब वह पेंटागन में ब्यूरोक्रेसी में सुधार की कोशिशें कर रहे थे। वह अमेरिकी रक्षा विभाग के ढांचे में कुछ बदलाव करना चाहते थे जो कि चीन की तरफ से बढ़ते खतरे का सामना करने में सक्षम हों। एस्पर लगातार इस बात का विरोध कर रहे थे कि सामाजिक स्तर पर जो अशांति फैली हुई है उसे नियंत्रित करने में सरकारी बलों को तैनात किया जाए और ट्रंप इसी बात से नाराज हो गए थे। साथ ही मार्क एस्पर इस बात के पक्षधर भी नहीं थे कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को ऐसे समय में पूरी तरह से हटा लिया जाए जब देश में हिंसा बढ़ती जा रही हो। ट्रंप को गुस्सा था कि एस्पर इस दिशा में काफी धीमी गति से काम कर रहे हैं।
एस्पर के हटने से हैरान विशेषज्ञ
कई लोगों का मानना है कि एस्पर का इस तरह से निकाला जाना वाकई एक चौंकाने वाला कदम है। ट्रंप ने ऐसे समय में एस्पर को निकाला है जब उन्हें व्हाइट हाउस से जाने में बस 10 हफ्ते बचे हैं। एस्पर का निकाला जाना देश में सुरक्षा के स्तर को कम करता है। ट्रंप ने मंगलवार 3 नवंबर को हुए चुनाव के बाद हारने मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अब कोर्ट में जाने की ठान ली है। ऐसे में आने वाले समय में स्थिति और जटिल होने की आशंका है। नए रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर ने 31 साल सेना में बिताए हैं। साल 2001 में वह अफगानिस्तान में और साल 2003 में इराक में तैनात रहे थे। उस समय वह स्पेशल फोर्सेज के साथ थे। रिटायरमेंट के बाद वह क्लैंडस्टाइन ऑपरेशंस और सरकार की इंटेलीजेंस में सलाहकार के तौर पर नियुक्त हुए। साल 2018-2019 में वह काउंटर-टेररिज्म पर व्हाहट हाउस में सलाहकार नियुक्त हुए थे। साल 2019 में उन्हें स्पेशल ऑपरेशंस के लिए डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था।