अमेरिका देगा भारत को आसमानी 'हथियार', पाकिस्तान परेशान
वाशिंगटन। अमेरिका, भारत को उच्च तकनीक से लैस गार्डियन ड्रोन की सप्लाई कर सकता है। इन ड्रोन का अनुरोध भारत की ओर से किया गया था ताकि हिंद महासागर में दुश्मन की हर गतिविधि पर नर रखी जा। वहीं पााकिस्तान की लॉबी इस डील को फेल करने के लिए सक्रिय हो चुकी है।
इंडियन नेवी ने की थी रिक्वेस्ट
जून की शुरुआत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई थी।
उससे पहले फरवरी में इंडियन नेवी ने अमेरिकी विभाग को एक ऑफिशियल लेटर ऑफ रिक्वेस्ट यानी (एलओआर) भेजा था। एलओआर में इंडियन नेवी ने पेंटागन के 22 हाइटेक मल्टी-मिशन गार्डियन ड्रोन की मांग की थी।
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दो बिलियन डॉलर की डील
सूत्रों के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच यह डील दो बिलियन डॉलर के आसपास की है। इस डील को अमेरिका और भारत के बीच एक अहम पड़ाव माना जा रहा है। इसके अलावा यह डील अमेरिका में नौकारियों के कई अवसर भी लेकर आएगी।
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भारत को बताया बड़ा साझीदार
अमेरिका की ओर से भारत को बड़ा रक्षा साझीदार करार देने के बाद भारत की ओर से अमेरिका को भेजी गई यह पहला सबसे बड़ा अनुरोध था।
हालांकि अमेरिका ने अब तक इस पर कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया है लेकिन भारत के अनुरोध के बाद एक प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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मजबूत होंगे रिश्ते
सूत्रों की मानें तो ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन का मानना है कि इन ड्रोन की बिक्री भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाएगी। साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक नए आयाम की शुरुआत होगी।
राष्ट्रपति ओबामा भी मानते हैं किन सिर्फ भारत के लिए बल्कि एशिया-पैसेफिक क्षेत्र में दोनों देशों के संबंधों का मजबूत होना काफी अहम है।
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अमेरिका के भी हित
अधिकारियों का मानना है कि गार्डियन की बिक्री न सिर्फ भारत के मैरीटाइम सर्विलांस क्षमताओं को बढ़ाएगी बल्कि अमेरिका के लिए एशिया में काफी कारगर साबित होगी।
रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर पिछले हफ्ते अमेरिका में थे और 29 अगस्त को उन्होंने पेंटागन में अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात में दोनों के बीच इस ड्रोन की बिक्री पर भी चर्चा हुई।
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पाक अड़ंगा डालने की तैयारी में
वहीं कुछ सूत्रों की ओर से जो जानकारी आई है उसमें साफ है कि पाकिस्तान की लॉबी इस डील को असफल करने के लिए सक्रिय हो गई है।
पाक की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि अमेरिका किसी तरह से इस डील को फाइनल न करे। साथ ही वह यह कहकर अमेरिका को कनफ्यूज करने की कोशिश कर रहा है कि यह ड्रोन भारत, पाक के खिलाफ प्रयोग कर सकता है।