पाकिस्तान के करीबी इस चीनी जनरल ने दिया था गलवान में भारतीय जवानों पर हमले का ऑर्डर!
वॉशिंगटन।
पीपुल्स
लिब्रेशन
आर्मी
(पीएलए)
के
वेस्टर्न
थियेटर
कमांड
के
मुखिया
जनरल
झाओ
जोंग्की
की
तरफ
से
15
जून
को
अपने
जवानों
को
यह
आदेश
दिया
गया
था
कि
वो
भारतीय
सेना
के
जवानों
पर
हमला
करे।
अमेरिकी
इंटेलीजेंस
रिपोर्ट
में
यह
दावा
किया
गया
है।
इस
इंटेलीजेंस
रिपोर्ट
के
साथ
ही
चीन
के
वो
तमाम
दावे
अब
झूठे
नजर
आने
लगे
हैं
जिसमें
उसने
कहा
था
कि
भारतीय
जवानों
ने
लाइन
ऑफ
एक्चुअल
कंट्रोल
(एलएसी)
को
क्रॉस
किया
था।
गलवान
घाटी
में
हुई
हिंसा
को
एक
हफ्ते
हो
चुके
हैं
और
45
सालों
बाद
एलएसी
पर
दोनों
देशों
की
सेनाओं
के
बीच
इस
कदर
हिंसा
हुई
है।
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अमेरिका के सामने शर्मिंदगी से बचना चाहते थे
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी लद्दाख और दक्षिण-पूर्व चीन से लगी सीमा पर जनरल जोंग्की की तरफ से हमले को मंजूरी दी गई थी। झाओ, पहले भी भारत और चीन के बीच एलएसी पर हुए टकराव के गवाह रहे हैं। वह कई बार यह चिंता जाहिर कर चुके हैं कि किसी भी तरह से इंडियन आर्मी के सामने चीनी सेना को कमजोर नहीं नजर आना चाहिए। जनरल झाओ को इस बात से डर है कि अगर इंडियन आर्मी ने उन्हें हरा दिया तो फिर अमेरिका उन्हें कमजोर मान लेगा और वह किसी भी सूरत में पीएलए को अमेरिका के सामने शर्मिंदा नहीं होने देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने भारत को एक सबक सिखाने की मानसिकता के साथ भारतीय जवानों पर हमले का आदेश दिया था।
डोकलाम विवाद में भी जनरल झाओ थे बिग बॉस
जून 2017 में जब डोकलाम विवाद शुरू हुआ था तो उस समय भी जनरल झाओ के पास ही कमान थी। 73 दिनों तक चले इस विवाद में जो तकनीकियां जनरल झाओ ने अपनाई थीं, इस बार लद्दाख में वो पूरी तरह से अलग हैं। डोकलाम विवाद के दौरान जनरल झाओ की तरफ से किसी भी प्रकार के हमले का आदेश नहीं दिया गया था। लेकिन इस बार जनरल ने भारतीय जवानों पर हमले का आदेश देकर सबको सकते में डाल दिया है। डोकलाम विवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की थी। दोनों नेता इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि यह विवाद दोनों देशों के हित में नहीं है। साथ ही इसकी वजह से रिश्तों में आई दरार को भरना मुश्किल हो जाएगा।
चीन के एक महत्वाकांक्षी जनरल
जनरल झाओ एक बहुत ही महत्वाकांक्षी जनरल हैं। साल 2016 से वह चीन की वेस्टर्न थियेटर कमांड को संभाल रहे हैं। उनके पास 20 साल तक तिब्बत की मिलिट्री डिस्ट्रीक्ट को बतौर ऑफिसर लीड करने का अनुभव है। 65 साल के जनरल झाओ को अगस्त 1999 में तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रीक्ट का चीफ ऑफ स्टाफ बनाया गया था। अक्टूबर 2004 में वह चोंगकिंग मोबलाइजेशन डिस्ट्रीक्ट के डिप्टी कमांडिंग ऑफिसर बने। सितंबर 2007 में उन्हें 13वीं ग्रुप आर्मी में बतौर कमांडर भेज दिया गया था। 31 जुलाई 2015 को वह जनरल की रैंक पर प्रमोट हुए।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा से मिले
तिब्बत में उनकी सर्विस को देखते हुए उन्हें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वोच्च सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) में जगह मिली थी। सन् 1979 में जब चीन और वियतनाम के बीच जंग चल रही थी तो जनरल ने उस युद्ध में हमलों का अनुभव हासिल किया। विशेषज्ञों की मानें तो 16 बिहार रेजीमेंट के जवानों पर जिस तरह का हमला हुआ है वह बिल्कुल झाओ के मन मुताबिक था। छह दिंसबर 2016 को जनरल झाओ पाकिस्तान गए थे और यहां पर उन्होंने तब पाकिस्तान आर्मी के चीफ बनने वाले जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात की। रावलपिंडी में हुई इस मीटिंग में भारत का जिक्र भी हुआ था।
पूरी तरह फेल हुआ चीन का प्लान!
इस रिपोर्ट के बाद अब चीन को वो सभी बातें निराधार साबित होने लगी हैं जो उसने पिछले दिनों कही थी। गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे तो अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट का दावा है कि इस हिंसा में चीन के 35 जवान मारे गए। इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक चीन का मकसद भारत को सबक सिखाना था लेकिन उसका यह प्लान पूरी तरह से फेल हो गया है। भारत में अब चीन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने भारत पर दबाव डाला है कि वह चीनी कंपनी हुआवे को 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने से दूर रखे। इसके साथ ही अब भारतीय नागरिक भी कई चीनी एप्स को डिलीट करने लगे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन जो चाहता था, ठीक उससे विपरीत घटनाएं भारत में हो रही हैं। यह चीनी मिलिट्री की साफ तौर पर हार है।