अब मस्टर्ड गैस से तड़पा-तड़पा कर मारेगा ISIS
वाशिंगटन। अभी तक सिर कलम करके जान लेने वाले आईएसआईएस ने अब मौत का नया तरीका खोजा है। इराक और सीरिया में पकड़ जमा चुके आईएसआईएस के खिलाफ पूरी तरह से असफल साबित हुए अमेरिका ने अब एक नया डराने वाला दावा किया है। अमेरिका का कहना है कि इस आतंकी संगठन ने अब मस्टर्ड गैस का प्रयोग करना शुरू कर दिया है।
क्या है मस्टर्ड गैस
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक मस्टर्ड गैस एक तरह का खतरनाक केमिकल वेपन है। आईएसआईएस ने इसे सीरिया से हासिल किया है। अमेरिकी और इराकी फाइटर्स की एक टीम इस बात की जांच करेगी कि क्या वाकई संगठन
इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर कर रहा है। यूनाइटेड नेशंस ने इसे वर्ष 1993 में एक एसफिक्शियंट घोषित किया था। इसका मतलब कि जहां पर भी इस गैस का प्रयोग होगा वहां पर ऑक्सीजन का लेवल सांस के लिए जरूरी ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाएगा।
- मस्टर्ड गैस को सल्फर मस्टर्ड के नाम से भी जानते हैं।
- यह एक केमिकल है जो शरीर में सांस लेने से पहुंचता है।
- आंखों और स्कीन से भी शरीर में पहुंच जाता है।
- इस गैस को पहले वर्ल्ड वॉर में पहली बार प्रयोग किया गया था।
- उस समय इस गैस के प्रयोग का मकसद ज्यादा से ज्यादा दुश्मनों का सफाया करना था।
- जो भी व्यक्ति इस गैस के प्रभाव में आता है 12 घंटे के अंदर ही उसमें इसका असर दिखने लगता है।
- इससे इंसान पूरी तरह से मरता नहीं है लेकिन अपंग हो सकता है।
पाकिस्तान से हासिल न्यूक्लियर वेपन
आईएसआईएस की ओर से हर बार उसकी क्षमताओं में हो रहे इजाफे के बारे में बताया जाता है। आईएसआईएस ने जहां केमिकल वेपंस के प्रयोग की बात पिछले हफ्ते कही थी तो वहीं उसने इस बात का दावा भी किया था कि संगठन के पास पाकिस्तान के एक साइंटिस्ट की ओर से दिए गए परमाणु हथियार तैयार करने का मैथेड भी है।
पूर्व में आई कुछ रिपोर्ट्स पर अगर यकीन करें तो सीरिया में आईएसआईएस ने एक बड़े क्षेत्र को अपने कब्जे में कर लिया है। ऐसे में सीरिया के पास मौजूद केमिकल वेपेंस आसानी से संगठन के हाथ में लग सकते हैं।
आईएसआईएस की वजह से सरकार के भी एक बड़े तंत्र का सफाया हो चुका है। ऐसे में इन हथियारों को हासिल करना एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करता है।
1993 में सीरिया में हुआ प्रयोग
वर्ष 1993 में सीरिया में हुए सिविाल वॉर में मस्टर्ड गैस का प्रयोग हुआ था। इस वजह से ही यूनाइटेड नेशंस ने एक प्रस्ताव पास किया जिसके तहत युद्ध में केमिकल वेपेंस और मस्टर्ड गैस के प्रयोग को बैन किया गया। इराक में मौजूद कुर्द फाइटर्स के इस गैस के प्रयोग करने की खबरें आती रहती हैं।
कुर्द फाइटर्स ने दावा किया था कि वह आईएसआईएस आतंकियों पर मस्टर्ड गैस का ही प्रयोग कर रहे है।