चीन पर अमेरिका की बड़ी कार्रवाई, Huawei से जुड़ी 38 कंपनियों को भी किया बैन
वॉशिंगटन। अमेरिका ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए उन 38 कंपनियों पर भी बैन लगा दिया है जिन्होंने चीन की टेली कम्यूनिकेशन कंपनी हुआवेई के साथ काम कर रही थीं। अमेरिका के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी (बीआईएस) की तरफ से यह कार्रवाई की गई है। यह विभाग अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय के तहत आता है। इस बात की घोषणा भी की गई है कि हुआवेई की यूएस चिप तक पहुंच को भी सीमित किया जाएगा।
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21 देशों में मौजूद हैं ये कंपनियां
एक प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। अमेरिकी प्रशासन की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि हुआवेई, अमेरिकी पुर्जों को थर्ड पार्टी कंपनियों की मदद से खरीद रही थी। ऐसा करके वह प्रतिबंध को विफल करने में सफल हो रही थी। अमेरिका की तरफ से जो बैन लगाया गया है कि वह हुआवेई की उन कंपनियों पर है जो 21 देशों में मौजूद हैं। इन कंपनियों के सेंटर्स चीन के बाहर हैं और कुछ यूरोप में भी फैले हुए हैं। प्रेस रिलीज से साफ है कि हुआवेई को अमेरिका की बड़ी कंपनियों के साथ बिजनेस करने से रोकना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का अहम लक्ष्य है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा है कि हुआवेई और उसकी सहयोगी कंपनियों ने 'अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के हितों को कमजोर करने वाले तरीकों से अमेरिकी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के लिए तीसरे पक्ष के माध्यम से काम किया है।'
ट्रंप ने कहा अमेरिका की जासूसी कर रहा हुआवेई
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि बीजिंग सरकार से जुड़े होने के कारण हुआवेई सुरक्षा के लिए खतरा है। हालांकि कंपनी ने इन दावों को खारिज किया है। सोमवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि हुआवेई हमारे देश की जासूसी कर रही है। वहीं विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने ट्वीट कर कहा कि ट्रंप प्रशासन हुआवेई को उसी नजर से देखता है जो वो है- चीन कम्यूनिस्ट पार्टी की निगरानी स्टेट का अहम हिस्सा। पोंपेयो के मुताबिक नए प्रतिबंधों को लगाने का मकसद है अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, अमेरिकी नागरिकों की निजता और बीजिंग के खतरनाक प्रभाव 5जी बुनियादी ढांचे की अखंडता को बचाना।