युद्ध के 55वें दिन रूस ने शुरू की दूसरे चरण की लड़ाई, कई टुकड़ों में बांटा जाएगा यूक्रेन, जेलेंस्की फंसे
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने रात के संबोधन में कहा कि, ‘पूरी रूसी सेना का एक बहुत बड़ा हिस्सा अब डोनबास की लड़ाई में काफी आक्रामकता के साथ जुट गई है’।
कीव/मॉस्को, अप्रैल 19: युद्ध के 55वें दिन यूक्रेन ने कहा है कि, अब रूस ने दूसरे चरण की लड़ाई शुरू कर दी है और इस लड़ाई का मकसद यूक्रेन को कई हिस्सों में बांटना है। यूक्रेन ने दावा किया है कि, पूर्वी हिस्से में रूसी सेना ने सबसे भीषण लड़ाई शुरू कर दी है और डोनबास इलाके में रूस की सेना भीषण हमले कर रही है, जिससे यूक्रेनी सेना को भारी नुकसान हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि, रूस ने अब आखिरी चरण की लड़ाई शुरू कर दी है और अब वो अगले कुछ दिनों में यूक्रेन को कई हिस्सों में बांट देगा।
पूर्वी यूक्रेन को अलग करेगा रूस
समाचार एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय मीडिया का कहना है कि, रूस की सेना डोनेट्स्क क्षेत्र की सीमावर्ती इलाकों में काफी शक्तिशाली धमाके कर रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, मार्रिका, स्लावियांस्क और क्रामाटोर्स्क में रूसी की सेना भारी गोलीबारी कर रही है। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि, पूर्वी क्षेत्र डोनबास के विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में मास्को का हमला शुरू हो गया है।
शुरू हो गई डोनबास की लड़ाई
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने घोषणा की है, कि पूर्वी यूक्रेन के डोनबास में भीषण लड़ाई शुरू हो गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने रात के संबोधन में कहा कि, 'पूरी रूसी सेना का एक बहुत बड़ा हिस्सा अब डोनबास की लड़ाई में काफी आक्रामकता के साथ जुट गई है'। उन्होंने कहा कि, अब कोई फर्क नहीं पड़ता है, कि वो वो कितने सैनिकों को डोनबास में युद्ध लड़ने के लिए भेजते हैं, क्योंकि हम लड़ेंगे। हम अपना बचाव करेंगे। उन्होंने कहा है, यूक्रेन अपना बचाव करेगा। वहीं, अभी तक सबसे ज्यादा सुरक्षित मे जाने वाले लवीव शहर में पहली बार रूस ने भीषण धमाके किए हैं। सोमवार को किए गये भीषण धमाके में 7 लोगों की मौत हो गई है। हमले के बाद लवीव शहर के मेयर एंड्री इवानोविच सदोवी ने कहा कि, अब देश में कोई सुरक्षित या असुरक्षित स्थान नहीं है।
युद्ध पर फिर बैठक करेंगे बाइडेन
वहीं, यूक्रेन में सेकंड फेज की लड़ाई शुरू होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहयोगी देशों के साथ बातचीत करेंगे। हालांकि, व्हाइट हाउस की तरफ से साफ किया गया है, कि राष्ट्रपति बाइडेन का यूक्रेन की यात्रा करने का कोई प्लान नहीं है। वहीं, रिपोर्ट है कि, रूसी सैनिकों ने रात में खारकीव, जापोरिज्जिया, डोनेट्स्क और निप्रॉपेट्रोस क्षेत्रों और मायकोलायिव के बंदरगाह में सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाकर भीषण हमले किए हैं, जिसकी पुष्टि रूसी रक्षा मंत्रालय ने समाचार एजेंसी रायटर्स से की है।
‘देश का इंच इंच बचाएंगे’
यूक्रेन ने ही कहा है, कि रूस ने युद्ध के दूसरे चरण का आगाज कर दिया है, लेकिन यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि, 'हम अपने किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे'। उन्होंने कहा कि, सुबह के हमले में उन्होंने डोनेट्स्क, लुहान्स्क और खारकीव क्षेत्रों को बचाने में लगी यूक्रेनी सेना की पबली पंक्ति को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सौभाग्य से हमारी सेना अभी भी पकड़ बनाए हुई है और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
मारियुपोल में भीषण लड़ाई
रूस की सेना अब यूक्रेन को तीन हिस्सों में बांटना चाहती है। जिसमें एक हिस्सा डोनबास क्षेत्र है, दूसरा हिस्सा मारियुपोल है और तीसरा हिस्सा बाकी बचा यूक्रेन है। डोनबास में रूस समर्थित अलगाववादी रहते हैं, मारियुपोल शहर यूक्रेन को समुद्र से लगता हुआ क्षेत्र है, ऐसे में अगर रूस मारियुपोल शहर पर कब्जा कर लेता है, तो यूक्रेन समुद्र से पूरी तरह से कट जाएगा और उसकी स्थिति अफगानिस्तान जैसी हो जाएगी। यानि, किसी भी जरूरी सामान की सप्लाई के लिए उसे अपने पड़ोसी देशों पर निर्भर रहनी होगी, जो यूक्रेन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा और रूस का इस लडाई का मकसद भी यही है।
एडवांस हथियारों पर बोले जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका और नाटो की उन बातों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था, कि एडवांस हथियारों को चलाने के लिए जो प्रशिक्षण दिया जाता है, उसमें महीनो लगते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि, उनकी सेना को फौरन हथियारों की जरूरत है और इस वक्त उनकी सेना उन हथियारों को चलाना जल्द ही सीख सकती है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि, 'मैंने ये लंबे किस्से सुने हैं, कि हमें अपने सैनिकों को नए टैंकों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए महीनों की आवश्यकता होगी। ठीक है, हमें सोवियत युग का टैंक दे दो'। ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को सीएनएन के जेक टॉपर के साथ एक विशेष साक्षात्कार में एक बार फिर से नाटो की नीयत पर सवाल उठाने की कोशिश की है और कहा कि, 'हम किसी भी प्रकार के उपकरण का उपयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसे बहुत जल्दी वितरित करने की आवश्यकता है। और हमारे पास नए उपकरणों का उपयोग करने का तरीका सीखने की क्षमता है। लेकिन इसे तेजी से आने की जरूरत है।'
पुतिन ने कहा, फेल हो गये प्रतिबंध
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है, कि यूक्रेन पर सैन्य अभियान चलाने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ जो प्रतिबंध लगाए हैं, वो तमाम प्रतिबंध फेल हो चुके हैं। पुतिन ने सोमवार को कहा कि पश्चिम ने "वित्तीय-आर्थिक स्थिति को जल्दी से परेशान करने, बाजारों में दहशत फैलाने, बैंकिंग प्रणाली के पतन और दुकानों में कमी" की उम्मीद की थी। उन्होंने कहा कि "आर्थिक हमले की रणनीति विफल हो गई है" और रूस पर इसका असर पड़ने के बजाए "पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट" हुई है। रूसी राष्ट्रपति ने शीर्ष आर्थिक अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉल के दौरान पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गये प्रतिबंधों को फेल बताया है।
रूस को हुआ है फायदा
पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को फेल बताते हुए रूसी राष्ट्रपति ने तर्क देते हुए कहा है कि, डॉलर के मुकाबले रूस की स्थानीय करेंसी रूबल काफी मजबूत हुआ है और देश ने वर्ष की पहली तिमाही में 58 अरब डॉलर का व्यापारिक फायदा हासिल किया है। पुतिन ने कहा कि, प्रतिबंधों का संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के खिलाफ उलटा असर पड़ा, मुद्रास्फीति में तेजी आई और जीवन स्तर में गिरावट आई। पुतिन ने रूस में उपभोक्ता कीमतों में तेज वृद्धि को स्वीकार करते हुए कहा कि वे साल-दर-साल आधार पर अप्रैल तक 17.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और सरकार को आय पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए मजदूरी और अन्य भुगतानों को अनुक्रमित करने का निर्देश दिया। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति के दावे को कई जानकारों ने सिर्फ एक भाषण और हार नहीं मानने की नीति करार दिया है।