'म्यांमार के लोग बहुत खुशमिजाज है' लिखकर Twitter के सीईओ फिर फंसे
नई दिल्ली। रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचार के बाद ह्यूमन राइट्स ने म्यांमार को कई बार आड़े हाथ लिया है, लेकिन ट्विटर के सीईओ ने म्यांमार को सबसे बेस्ट टूरिज्म डेस्टिनेशन बताया है, जिसके बाद वे सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए दुनियाभर से आलोचना झेल रहे म्यांमार को ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे ने ट्वीट कर वहां म्यांमार टूरिज्म को बढ़ावा देने काम किया है। इससे पहले पिछले महीने डोरसे भारत में एक ब्राह्मण विरोधी पोस्टर हाथ में लेकर खड़े थे, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था और ट्विटर को माफी तक मांगनी पड़ी थी।
डोरसे ने अपने ट्वीट में लिखा कि वे नवंबर में मेडिटेशन रिट्रीट के लिए म्यांमार गए थे। डोरसे ने लिखा कि म्यांमार के लोग खुशमिजाज से भरे हुए हैं और वहां का भोजन भी अद्भुत है। ट्विटर पर डोरसे के 40 लाख फॉलोवर्स हैं।
डोरसे के इस ट्वीट के बाद एक ट्विटर यूजर ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा, 'उन लोगों के लिए मुफ्त में टूरिज्म एडवर्टाइजमेंट करने निंदनीय है।' वहीं, एक अन्य यूजर लिखा 'यहां बहरों की आवाज हैं।' क्या वह खबरों (रोहिंग्याओं पर अत्याचार) पर ध्यान नहीं देता है और उनके खुद के प्लेटफॉर्म (ट्विटर) पर लोग इस बारे में चिल्ला चुके हैं?'
रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचार और 7,00,000 पीड़ितों को पलायन होना पड़ा था, जिसके बाद से म्यांमार पिछले एक साल से मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर है।
बता दें कि पिछले महीने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे एक 'ब्राह्मण विरोधी' पोस्टर हाथ में लेकर खड़े थे, जिसके बाद वे भारत में निशाने पर आ गए थे। ट्विटर पर वायरल हुई तस्वीर पर लिखा था 'पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवाद का नाश हो' और इसे ट्विटर के सीईओ हाथ में लेकर खड़े थे। हालांकि, ट्विटर को इसके लिए माफी भी मांगनी पड़ी थी।