टीटीपी का टॉप कमांडर उमर खालिद खुरासानी बम धमाके में मारा गया, क्या पाकिस्तानी सेना ने लिया बदला?
पूर्व पत्रकार और कवि उमर खालिद खुरासानी, पाकिस्तान के कराची में स्थित कई मदरसों से पढ़ाई की थी। इस खूंखार आतंकी के सिर पर अमेरिकी सरकार ने 30 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा था।
इस्लामाबाद 8 अगस्त: तहरीक-ए- तालिबान पाकिस्तान (TTP-Tehreek-e-Taliban Pakistan) के टॉप कमांडर उमर खालिद खुरासानी के मारे जाने की खबर है। अफगानिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि, देश के पूर्वी भाग में उमर और उसके अन्य शीर्ष टीटीपी के कमांडर एक वाहन से जा रहा था तभी वहां एक रहस्यमयी विस्फोट हुआ और वे सभी कथित तौर पर मारे गए। अमेरिका ने इस खूंखार आंतकी के बारे में जानकारी देने वाले को 30 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा था।
30 लाख डॉलर का इनामी आतंकी मारा गया
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अफगान अधिकारी के हवाले से कहा कि, टीटीपी का शीर्ष कमांडर उमर खालिद खुरासानी उर्फ अब्दुल वाली मोहमंद और अन्य टॉप कमांडरों को लेकर जा रहा था, इस वाहन को पकतिका प्रांत में बरमाल जिले के शरकी गांव में निशाना बनाया गया। बता दें कि, पूर्व पत्रकार और कवि उमर खालिद खुरासानी, पाकिस्तान के कराची में स्थित कई मदरसों से पढ़ाई की थी। इस खूंखार आतंकी के सिर पर अमेरिकी सरकार ने 30 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा था।
वाहन में सवार सभी आतंकियों की रहस्यमय धमाके में मौत
अधिकारी ने कहा कि इस वाहन में सवार सभी लोग मारे गए। अधिकारी ने विस्फोट के बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिए। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में अज्ञात स्रोतों के हवाले से कहा गया है कि गत सात अगस्त को टीटीपी के कमांडर 'बातचीत' के लिए पकतिका प्रांत के बीरमल जा रहा था तभी उनका वाहन सड़क पर लगाए गए बारूदी सुरंग की चपेट में आ गया। 30 लाख डॉलर के इनामी आतंकी खुरासानी को टीटीपी के टॉप कमांडरों में से एक माना जाता था।
टीटीपी ने अभी तक नहीं की पुष्टि
दूसरी तरफ टीटीपी की तरफ से उसके टॉप कमांडरों के मारे जाने की पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले आज, एक अन्य शीर्ष टीटीपी नेता अब्दुल राशिद, जो बाजौर कबायली जिले के था, भी कुनार प्रांत में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में मारा गया।
अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को देता था अंजाम
टीटीपी की तरफ से अपने कमांडरों के मारे जाने की पुष्टि नहीं की गई है। वैसे समझा जा रहा है कि, पाकिस्तान सरकार और टीटीपी में सुलह की कोशिश शीर्ष कमांडर के मारे जाने से पटरी से उतर सकती है। जानकारी के मुताबिक, डूरंड लाइन के पास पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले के लिए टीटीपी को ही जिम्मेदार माना गया। बता दें कि, अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से टीटीपी देश के कई इलाकों में सक्रिय था। वह यहां पर कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता आ रहा था।
(Photo Credit ANI, Twitter)