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सात प्रकाशवर्ष दूर जाकर किस्मत खराब! स्पेस रॉक से टूटा NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का शीशा!

विशेषज्ञों ने कहा कि, बेहद छोटा स्पेस स्टोन 23 से 25 मई के बीच नए तैनात किए गये जेम्स वेब के मुख्य शीशे से टकराया है...

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वॉशिंगटन, जून 10: नासा के दर्जनों वैज्ञानिकों ने कई सालों की कठिन मेहनत और अरबों डॉलर खर्च करने के बाद जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को ब्रह्मांड की जानकारी लेने के लिए पिछले साल लांच किया था और नासा की मेहनत का फल अगले महीने ही मिलने वाला था, जब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पहली तस्वीर नासा को भेजता, लेकिन उससे ठीक एक महीने पहले एक छोटा उल्कापिंड जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के मुख्य दर्पण से टकराया गया है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से टकराया पत्थर

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से टकराया पत्थर

नासा ने कहा कि, धूल के आकार का स्पेस रॉक से टेलीस्कोप का नुकसान पहुंचा और 10 अरब डॉलर की लागत से भेजे गये इस टेलीस्कोप के डेटा पर प्रभाव पैदा कर रहा था। हालांकि, नासा ने उम्मीद जताई है, कि इससे मिशन के प्रदर्शन को सीमित करने की उम्मीद नहीं है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि, प्रभाव किसी भी तरह से दूरबीन के ब्रह्मांड के पहले विचारों के 'वाह' कारक को बर्बाद नहीं करेगा, जो कि 12 जुलाई को जनता के लिए अनावरण किया जाना है।

कब टकराया स्पेस रॉक?

कब टकराया स्पेस रॉक?

विशेषज्ञों ने कहा कि, बेहद छोटा स्पेस स्टोन 23 से 25 मई के बीच नए तैनात किए गये जेम्स वेब के मुख्य शीशे से टकराया है, जिससे उसके सोने की परत वाले दर्पणों में से एक दर्पण अपने जगह से हट गया है। हालांकि, इससे परिक्रमा करने वाली वेधशाला के कार्यक्रम को जल्द ही पूरी तरह से चालू करने के लिए नहीं बदला गया। नासा ने खुलासा किया कि यह पिछले दिसंबर में लॉन्च होने के बाद से टेलीस्कोप से टकराने वाली पांचवीं और सबसे बड़ी अंतरिक्ष चट्टान थी। इस विश्लेषण से पता चलता है, इस बार दर्पण से स्पेस स्टोन टकराने के बाद उस शीशे में एक डिंपल जैसा निशान बना गया है। आपको बता दें कि, जिस सोने के शीशे से ये पत्थर टकराया है, वो 21 फीट चौड़ा है और 18 बेरिलियम-सोने की टाइलों से बना है।

टक्कर पर नासा ने क्या कहा?

टक्कर पर नासा ने क्या कहा?

नासा ने एक बयान में कहा कि, प्रारंभिक आकलन के बाद टीम ने पाया कि, दूरबीन अभी भी उस स्तर पर प्रदर्शन कर रही है जो सभी मिशन आवश्यकताओं से जरूरी है। नासा ने कहा कि, ये टेलीस्कोप को लेकर पूरी जांच चल रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इंजीनियरों ने माइक्रोमीटरोइड के कारण 'विकृति के एक हिस्से को रद्द करने' में मदद करने के लिए प्रभावित दर्पण खंड का एक नाजुक पुन: समायोजन शुरू कर दिया है। वेब ने जनवरी में पृथ्वी से लगभग एक मिलियन मील (1.6 मिलियन किमी) की दूरी पर एक सौर कक्षा में खुद को पार्क किया और अगले महीने इसकी पहली पूर्ण-रंगीन छवियां प्राप्त करने की उम्मीद है। नासा ने कहा, 'इस हालिया प्रभाव ने वेब के संचालन कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया है।'

20 सालों तक काम करेगा टेलिस्कोप

20 सालों तक काम करेगा टेलिस्कोप

नासा एडमिनिस्ट्रेटर कीथ पैरिश के मुताबिक, इसके ऑर्बिट में बनाए रखने के लिए हर 21 दिनों पर वैज्ञानिक इसके थ्रस्टर्स को कुछ सकेंड्स के लिए ऑन करेंगे। यानि, इस टेलिस्कोप के मशीन को हर 21 दिनों पर कुछ सेकंड्स के लिए ऑन करना पड़ेगा और इतनी उर्जा खत्म करने पर अगले 10 सालों तक ये टेलिस्कोप काम करता रहेगा। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि, इस टेलिस्कोप में इतना ईंधन है, कि ये अगले 20 सालों तक काम कर सकता है।

ब्रह्मांड की रहस्यमयी जानकारियों का चलेगा पता

ब्रह्मांड की रहस्यमयी जानकारियों का चलेगा पता

नासा के मुताबिक, इस टेलिस्कोप से ब्रह्मांड में अनंत गहराईयों तक की तस्वीर कैद करना संभव हो पाएगा। नासा के मुताबिक, इस टेलिस्कोप के जरिए अलग अलग आकाशगंगाएं, एस्टेरॉयड, ब्लैक होल्स, ग्रहों, एलियन ग्रहों और सौर मंडलों की तस्वीरें ली जाएंगी। इसीलिए इस टेलिस्कोप को इंसानों द्वारा बनाया गया धरती का आंख कहा जा रहा है। आपको बता दें कि, पिछले साल 25 दिसंबर को एरिएन-5 रॉकेट से फेंच गुएना से इस टेलिस्कोप से लॉंच किया गया था।

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की खासियत

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की खासियत

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप का व्यास 6.5 मीटर है, जो हबल टेलिस्कोप के 2.4 मीटर दर्पण से काफी बड़ा है। नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप में सोने का शीशा लगा हुआ है, जिसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है और इस मिरर को बेरेलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को एक साथ जोड़कर तैयार किया गया है। बेरेलियम के हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है, ताकि ये एक परावर्तक की तरह काम कर सके। नासा का ये दूरबीन अभी तक का बनाया हुआ अद्वितीय दूरबीन है, जो दूर की आकाशगंगाओं में सितारों के साथ-साथ हमारी आकाशगंगा के भीतर अन्य सितारों की परिक्रमा करने वाले और उन ग्रहों के बारे में भी पता लगाएगा, जहां जीवन की संभावना हो सकती है। नासा ने कहा है कि, इस टेलीस्कोप के द्वारा ब्रह्मांड के बारे में नई समझ पैदा होगी।

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English summary
A space stone has collided with NASA's James Webb Space Telescope. Was this project worth billions of years of NASA's hard work wasted?
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