तालिबान के हाथ लगा बड़ा खजाना, डर के मारे अपने पीछे अरबों की दौलत छोड़कर भागे अफगान सैनिक
काबुल, जुलाई 15: अफगानिस्तान से अमेरिका और सहयोगी देशों की सेना के वापस जाने के बाद तालिबान तेजी से देश के कई हिस्सों को अपने कब्जे में ले रहा है। तालिबान लड़ाके लगातार अफगानिस्तान की सीमाओं को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं। तालिबान ने हाल ही में पाकिस्तान सीमा से लगी अफगानी सेना की कुछ चौकियों पर कब्जा जमाया है। अब खबर सामने आ रही है कि, इन चौकियों से तालिबान के हाथ बड़ा खजाना लगा है। तालिबान को पाकिस्तान-अफगान सीमा पर अफगान सुरक्षा बलों से छीनी गई चौकियों से तीन अरब पाकिस्तानी रुपये मिले हैं।
अफगान बलों की चौकियों से करीब 3 अरब पाकिस्तानी रुपए मिले
जियो टीवी की खबर के मुताबिक, अफगान तालिबान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में अफगान बलों की चौकियों से करीब 3 अरब पाकिस्तानी रुपए मिले हैं, जिसे अफगान सुरक्षा बलों ने खाली करा लिया था। तालिबान ने बुधवार को अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी, क्योंकि समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से सटी महत्वपूर्ण स्पिन बोल्डक सीमा पर कब्जा कर लिया है।
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चौकी पर कब्जा करते ही तालिबान ने अफगानिस्तान का झंडा हटाया
तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान जारी करके कहा, 'तालिबान ने सीमा पर कंधार प्रांत में बसे कस्बे वेश पर कब्जा कर लिया है। इस स्पिन बोल्डाक और चमन तथा कंधार के बीच स्थित महत्वपूर्ण सड़क पर कब्जा होने के बाद वहां का कस्टम विभाग भी तालिबान के कब्जे में आ गया है। चौकी पर कब्जा करते ही तालिबान ने अफगानिस्तान का झंडा हटाया और अपना झंडा लगा दिया। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पुष्टि की कि तालिबान ने क्रॉसिंग पर नियंत्रण कर लिया है। अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह घटनाक्रम की जांच कर रहा है।
पाकिस्तान बोला-ये पैसा तस्करों से सेना को मिला था
वहीं पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि अफगान सुरक्षा बलों को कथित तौर पर तस्करों से रिश्वत के रूप में 3 अरब रुपये की राशि मिली थी। अफगान खुफिया एजेंसी एनडीएस ने पाकिस्तान में हमले करने के लिए आतंकवादियों को भुगतान करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया। विश्लेषकों का यह भी कहना है कि अफगान एजेंसियां भारतीय और अन्य पाकिस्तान विरोधी देशों की सब फ्रेंचाइजी के रूप में सक्रिय है।
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पाकिस्तान बना रहा है बहाना
पाकिस्तानी जियो न्यूज का कहना है कि आतंकियों के हाथ जो पैसा लगा है, वह स्मगलर्स से लिया गया है। जब भी इस रूट पर कोई स्मगलर पकड़ा जाता था तो अफगानिस्तान के सैनिक उससे रिश्वत ले लेते थे। लेकिन इनती बड़ी मात्रा में पाकिस्तान करैंसी का मिलना संदेह पैदा करता है। अफगान विश्लेषकों की मानें तो ये पैसा पाकिस्तान की तरफ से तालिबान को मदद के तौर पर दिया गया है। अब जब मामला खुल गया है तो वह एफएटीएफ नजर से बचने के लिए ये बहाना बना रहा है। बता दें कि आतंकियों की मदद करने के आरोप में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है।
आफगानिस्तान पाकिस्तान पर तालिबान की मदद के लगा चुका है आरोप
आफगान चौंकियों में इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि, अफगानिस्तानी सेना की चौकियों में इतनी भारी मात्रा में पाकिस्तानी रकम क्यों रखी गई थी। जब अफगानिस्तान सरकार पाकिस्तान पर तालिबान की मदद करने का आरोप लगाती रही है। भारत में अफगानिस्तान के दूत फरीद ममूंदजे ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं होती। अफगानी एंबेसडर फरीद ममूंदजे ने कहा कि तालिबान के बड़े नेताओं की जड़ें पेशावर से जुड़ी हुई हैं। उनके परिवार, उनके इन्वेस्टमेंट, बिजनेस सभी पेशावर में हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो हालात इतने खराब नहीं होते।