तालिबान ने दुकानों पर लगे पुतलों का किया सिर कलम, बताया गैर इस्लामी, अब इस सनक को क्या कहें?
तालिबान ने अफगानिस्तान में दुकानों पर लगे मॉडल्स के पुतलों को गैर-इस्लामी बताकर उनका सिर कलम करने का आदेश दिया है।
काबुल, जनवरी 04: अजीबोगरीब सनक के लिए कुख्यात तालिबान का सनकपन दिनों दिन और बढ़ता जा रहा है और अब तालिबान ने दुकान पर लगाए गये मॉडल्स के पुतलों को गैर इस्लामी बताकर उनका सिर कलम कर दिया है। तालिबान का कहना है कि, दुकानों पर जो पुतले लगे हैं, वो इस्लाम के खिलाफ हैं, लिहाजा उनका सिर कलम कर दिया गया। तालिबान ने कहा कि, दुकान पर लगे पुतले, इस्लाम और शरिया का सख्त उल्लंघन करता है।
पागल हो गया है तालिबान
अफगानिस्तान से ये काफी ज्यादा चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जो साफ साफ दिखाता है कि, मजहबी कट्टरता में तालिबान किस हद तक पागल हो चुका है। सोमवार को ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में दिख रहा है कि, एक शख्स दुकान पर रखे मॉडल्स के पुतलों का आरी से सिर कलम कर रहा है और ये शख्स 'अल्लाह हू अकबर' का नारा लगा रहा होता है, जिसका अरबी में अर्थ है 'ईश्वर महान है'। वीडियो में दिख रहा है कि, कम से कम 10 पुतलों के सिर पहले ही काटे जा चुके हैं और उस शख्स के पैरों के पास पड़े हुए हैं । पिछले हफ्ते, पश्चिमी प्रांत हेरात में दुकानदारों से कहा गया था कि वे अपने पुतलों के सिर काट लें, क्योंकि इस्लामी अधिकारियों ने पुतलों को इस्लाम के खिलाफ बताया था।
तालिबान की कट्टरता
तालिबान अपनी मजहबी कट्टरता के लिए प्रसिद्ध है और मूर्तिपूजा, या मूर्तियों की पूजा, इस्लाम में एक गंभीर पाप माना जाता है, यानि इस्लाम की व्याख्या करने वालों का कहना है कि, अल्लाह के अलावा किसी और चीज की पूजा पर प्रतिबंध है, जिसे एकमात्र ईश्वर माना जाता है। अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में दुकानों में लगाए गये पुतलों का सिर कलम करने का आदेश तालिूान के मजहबी मंत्रालय के द्वारा दिया गया था। जो तालिबान की इस्लाम की सख्त व्याख्या के लिए जिम्मेदार है।
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सिर कटे पुतले लगेंगे
रिपोर्ट के मुताबिक, शुरूआत में दुकानों से पुतलों को पूरी तरह से हटाने के लिए कहा गया था, जिसका विरोध दुकानदारों की तरफ से किया गया। दुकानदारों की तरफ से कहा गया कि, दुकानों से पुतला हटाने के बाद उनके व्यवसाय पर काफी खराब असर पड़ेगा, जिसके बाद तालिबान ने अपने आदेश में संशोधन किया और पुतलों का सिर काटकर हटाने के लिए कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुकानदारों की शिकायतों को सुनने के बाद, शेख अजीज-उ-रहमान, धार्मिक मंत्रालय के प्रमुख ने पुतलों के सिर काट कर लगाने का आदेश दिया है। लेकिन दुकानदारों का कहना है कि, पुतलों का सिर हटाना और फिर से उसे लगाना उनके दुकानों के वित्तीय नुकसान का बड़ा वजह बनता है और पहले से ही अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है और ऐसा करने से वो सड़क पर आ जाएंगे।
तालिबान ने क्या दिया फरमान
अब्दुल वदूद फैज जादा ने एक इतालवी अखबार रिपब्लिका से कहा कि, 'पुतलों के सिर ढके होने चाहिए और बिना सिर ढंके हुए पुतले लगाना सख्त मना है। वहीं, एक दुकानदार ने कहा कि, ''पुतलों की कीमत 100 डॉलर, 80 डलर या 70 डॉलर हैं और उनका सिर काटने से एक बहुत बड़ा वित्तीय नुकसान होगा। वहीं, एक दुकानदार मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि, 'तालिबान नहीं बदला है, एक बार फिर से वही प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। '' उन्होंने कहा कि, 'अभी तक उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है, लेकिन अगर उन्हें मान्यता मिल जाती है, तो वो इससे भी ज्यादा सख्त हो जाएंगे।'
अफगानिस्तान में प्रतिबंध बढ़ाता तालिबान
अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही देश पर कब्जा करने वाला तालिबान लगातार अफगानिस्तान में सख्त और सनकी फैसलों को लागू कर रहा है और तालिबान धीरे-धीरे अपनी लोगों की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित कर रहा है, जबकि दुनिया के सामने यह दावा कर रहा है कि उसने 'सुधार' किया है। महिलाओं और लड़कियों को 'सुरक्षा' के लिए उन्हें घरों तक ही सीमित कर दिया गया है और पूरे देश में किसी भी तरह के संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अफगानिस्तान के अंदर से संगीत उपकरणों के तोड़े जाने के कई वीडियो सामने आ चुके हैं। वहीं, हाल के हफ्तों में, इस्लामवादियों ने महिलाओं को पुरुष अभिभावक के बिना लंबी दूरी की सड़क यात्राएं करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया और कहा कि उन्हें कार में भी बुर्का पहनना होगा। इसके साथ ही उन्होंने वाहनों में सभी संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया और कहा कि 'नशीला' पदार्थ भी प्रतिबंधित हैं।
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