ताइवान पर 'अटैक' चीन की होगी बड़ी 'रणनीतिक गलती', अमेरिका ने कहा, नहीं जीत पाएगा बीजिंग!
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले ने कहा कि ,चीन की सेना 1979 में वियतनाम से लड़ने के बाद अब तक कोई भी युद्ध नहीं लड़ा।
ताइवान (Taiwan) को लेकर चीन की सोच जगजाहिर है। बीजिंग वन चाइना पॉलिसी को कभी नहीं छोड़ सकता इसकी पुष्टि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने G-20 समिट में कर दी थी। बाली में चीन के राष्ट्रपति ने ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका को रेड लाइन पार नहीं करने की चेतावनी दी थी। अब खबर है कि पेंटागन ने चीन के ताइवान पर संभावित आक्रमण को लेकर चेतावनी दी है। अमेरिका के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने कहा है कि ताइवान पर हमला चीन के लिए एक 'रणनीतिक गलती' होगी।
ताइवन पर हमला करना चीन की बड़ी गलती
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बीजिंग ताइवान पर हमले करता है तो यह उसके लिए किसी 'खतरनाक खेल' से कम नहीं होगा। अमेरिका के लगता है कि चीन की सेना में युद्ध को लेकर अनुभव की कमी है। मिले ने कहा कि जब ताइवान की स्थिति की बात आती है तो यूक्रेन में रूस के असफल संघर्ष से सबक सीखना चाहिए। चीन को एक बढ़ता हुआ खतरा बताते हुए, शीर्ष अमेरिकी जनरल ने कहा कि बीजिंग ने शताब्दी के मध्य तक नंबर एक शक्ति बनने के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाया है। चीन को रूस की असफलता से सबक लेना चाहिए।
चीन की सेना में अनुभव की कमी
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले ने कहा कि ,चीन की सेना 1979 में वियतनाम से लड़ने के बाद अब तक कोई भी युद्ध नहीं लड़ा। इसलिए उन्होंने बीजिंग को चेतावनी दी कि अगर चीन ताइवान पर हमला करने के लिए जलडमरूमध्य को पार करने की कोशिश करता है तो यह उसके लिए बहुत खतरनाक खेल होगा। चीन की सेना के पास अनुभव की कमी है और अब तक इसका प्रशिक्षण नहीं लिया है। मिले ने कहा, "राष्ट्रपति शी और चीनी सेना को समझना होगा कि कागज पर युद्ध वास्तविक युद्ध से बहुत अलग है। जब खून बहता है, और लोग विध्वंसक टैंकों में उड़ते हुए मारे जाते हैं, तो फिर चीजें थोड़ी अलग हो जाती है। उन्होंने कहा कि चीन के लिए ताइवान पर अटैक करना इतना आसान नहीं है। ताइपे के जटिल इलाके चीनी सेना को कड़ी चुनौती दे सकता है।
अमेरिका ताइवान की मदद करेगा
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को "एक रेशनल अभिनेता" कहते हुए, मिले ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं था कि बीजिंग जल्द ही ताइवान पर आक्रमण करने का प्रयास करेगा। राष्ट्रपति बाइडेन शुरूआत में ही चीन को चेतावनी दी थी कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो वाशिंगटन हर हाल में उसकी मदद करेगा।
हार जाएगा चीन
अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने आगे कहा कि, चीन अपने लाभ के लिए चीजों का मूल्यांकन करता है। इस लिहाज से आने वाले समय में शी जिनपिंग ताइवान पर हमला करने की स्वीकृति अपनी सेना को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि ताइवान पर हमला चीन के लिए बेहद जोखिम भरा होगा। इसमें चीन को रणनीतिक हार का मुंह देखना पड़ेगा। शी जिनपिंग का चीन को नंबर एक आर्थिक और सैन्य शक्ति बनाने का सपना चकनाचूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीनको अपनी सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौती मानता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन की विस्तारवादी नीति को सफल नहीं होने देगा।
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