मिस्र की इस खूबसूरत महिला कैप्टन पर लगा स्वेज नहर में जहाज फंसाने का आरोप, बताई पूरी सच्चाई
स्वेज नगर में शिफ फंसाने के आरोपों पर पहली बार इजिप्ट की महिला कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने सच्चाई बताई है।
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे व्यस्ततम समुन्द्री मार्ग स्वेज नहर में लगा 100 किलोमीटर से लंबा जाम अब खत्म हो गया है लेकिन, जाम लगने की वजहों को खोजा रहा है। अलग अलग आरोप और तथ्य रखे जा रहे हैं। काफी मशक्कत के बाद स्वेज नहर से एवरगिवेन जहाज को बाहर निकाला गया लेकिन उससे पहले दुनिया को अरबों का नुकसान हो चुका था। लेकिन, इसके लिए मिस्र की पहली महिला कैप्टन को कटघरे में खड़ा कर दिया गया है और आरोप लग रहे हैं कि उन्हीं की वजह से स्वेज नहर में जाम लगा था। मिस्र की इस पहली महिला पायलट का नाम है कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर, जो इस वक्त विवादों में हैं। पूरी दुनिया में उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है लेकिन क्या वास्तव में 29 साल की महिला कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर वाकई जिम्मेदार हैं, ये सवाल भी कुछ लोग उठा रहे हैं। लेकिन इस बीच कैप्टन कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने भी अपना पक्ष रखते हुए खुद को बेगुनाह बताया है।
पहली महिला कैप्टन
मिस्र की इस पहली महिला पायलट का नाम है कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर, जो इस वक्त विवादों में हैं। पूरी दुनिया में उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है लेकिन क्या वास्तव में 29 साल की महिला कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर वाकई जिम्मेदार हैं, ये सवाल भी कुछ लोग उठा रहे हैं। लेकिन इस बीच कैप्टन कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने भी अपना पक्ष रखते हुए खुद को बेगुनाह बताया है।
महिला होने के नाते निशाना?
कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने खुद को बेकसूर बताते हुए सफाई दी है कि जिस वक्त स्वेज नहर में जाम लगा था उस वक्त वो यहां से कई मील दूर मूमध्यसागर के बंदरगाह वाले शहर अलेक्जेंड्रिया में ड्यूटी दे रहीं थीं। उन्होंने बताया है कि आरोप लगने के बाद वो सदमे में आ गईं थीं। उन्होंने कहा है कि उन्हें लगता है कि अपने क्षेत्र में एक सफल महिला होने के नाते उन्हें निशाना बनाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी जोड़ा कि कि वो महसूस करती हैं सफल महिला होने के साथ साथ वो मिस्र से हैं, इसीलिए वो टार्गेट पर हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा है कि उन्हें इस बात पर पक्का भरोसा नहीं है।
लड़कियों के काम करने पर एतराज
कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने कहा कि हमारे समाज में अभी भी लड़कियों को लेकर कई धारणाएं हैं और अभी भी परिवार के लोग लंबे समय के लिए परिवार से दूर बेटी को समुन्द्र में काम करने के विचार को स्वीकार करने से कतराते हैं। लेकिन, जब आप किसी चीज से प्यार करती हैं तो जरूरी नहीं कि आप हर व्यक्ति से वो काम करने की इजाजत लें। रिपोर्ट के मुताबिक कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर दुनिया की उन दो प्रतिशत महिलाओं में शामिल हैं जो समुन्द्र में व्यापारिक जहाजों पर काम करती हैं।
फेक न्यूज से फंसी
कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर को फेक न्यूज का सामना करना पड़ा है लेकिन पिछले कई दिनों से उनके बारे में इतना कुछ कहा गया कि वो सदमे में आ गईं। दरअसल, स्वेडज नहर में एवरगिवेन जहाज फंसने के बाद सबसे पहले अरब के एक न्यूज पेपर ने इसके बारे में रिपोर्ट छाप दी। कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि चूंकी ये फेक न्यूज अग्रेजी में थी, इसीलिए ये पूरी दुनिया में फैल गई।
दुनिया में वायरल फेक न्यूज
उन्होंने कहा कि देखते ही देखते ये फेकन्यूज पूरी दुनिया में वायरल हो गई और उनके कैरियर और सम्मान को नुकसान पहुंचने की संभावना बनने लगी। कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने कहा है कि उन्होंने इस फेक न्यूज का खंडन करने की कई कोशिशें की लेकिन वो कुछ नहीं कर पा रहीं थीं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि फेक न्यूज पर लोगों के कॉमेंट में कुछ कॉमेंट्स ऐसे भी थे जिससे उनका उत्साह बढ़ा।
हो चुकी हैं सम्मानित
कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ने बीबीसी को बताया कि जब उनके भाई ने एएएसटीएमटी में एडमिशन लिया तो उन्हें मर्चेंट नेवी में जाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि उस वक्त मर्चेंन्ट नेवी में सिर्फ पुरुषों को ही एडमिशन मिलता था। बावजूद इसके उन्होंने अप्लाई किया और मिस्र के राष्ट्रपति की अनुशंसा के बाद उन्हें एडमिशन मिला था। कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर अगले महीने फिर से परीक्षा देंगी ताकि उन्हें कैप्टन का रैंक हासिल हो। उन्होंने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि वो आगे भी ऐसा काम करने की कोशिश करेंगी जिससे महिलाओं को प्रेरणा मिले। कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर को मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने महिला दिवस के मौके पर सम्मानित भी किया था।