श्रीलंका के राष्ट्रपति ने पेश किया अंतरिम बजट, कहा- दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता देश
कोलंबो, 30 अगस्तः श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बेलआउट पैकेज पर बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है। उन्होंने संसद में एक अंतरिम बजट भी पेश किया, जिसका उद्देश्य राजस्व को बढ़ावा देना और खराब आर्थिक संकट से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे देश के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने संसद को बताया कि अंतरिम बजट देश में अब तक मौजूद आर्थिक ढांचे को बदलने की नींव रखेगा।
ऋण
अनुपात
को
कम
करने
का
लक्ष्य
तय
किया
बजट
में
दिखाया
गया
कि
राजस्व
कर
में
कमी
और
व्यय
में
तेज
वृद्धि
के
बीच
साल
2022
की
जीडीपी
में
देश
का
घाटा
8.8%
से
बढ़कर
9.8%
हो
गया
है।
संसद
में
उपायों
का
अनावरण
करते
हुए
राष्ट्रपति
रानिल
विक्रमसिंघे
ने
कहा
कि
सरकार
मुद्रास्फीति
पर
लगाम
लगाने
और
केंद्रीय
बैंक
की
स्वतंत्रता
को
मजबूत
करने
के
लिए
कानून
पेश
करने
का
लक्ष्य
रखेगी।
चरमराती
अर्थव्यवस्था
को
स्थिर
करने
के
लिए
उपायों
को
रेखांकित
करते
हुए
विक्रमसिंघे
ने
कहा
कि
उनका
लक्ष्य
वार्षिक
मुद्रास्फीति
को
एक
अंक
के
मध्य
स्तर
तक
लाना
है,
जो
अब
66
फीसदी
से
अधिक
है।
अगले
पूरे
साल
के
बजट
में
नए
कर
पेश
किए
जाएंगे
लेकिन
मूल्य
वर्धित
कर
गुरुवार
से
बढ़कर
अब
12
फीसदी
से
15
फीसदी
हो
जाएगा।
विक्रमसिंघे
ने
कहा
कि
मध्यम
अवधि
में,
श्रीलंका
का
लक्ष्य
5
फीसदी
की
आर्थिक
वृद्धि
के
साथ
अपने
ऋण
के
अनुपात
को
जीडीपी
में
100
फीसदी
से
कम
करना
होगा,
जो
वर्तमान
में
110
फीसदी
है।
आईएमएफ के साथ बेलआउट पैकेज पर बातचीत सफल
विक्रमसिंघे ने कहा कि आईएमएफ के साथ बेलआउट पैकेज पर बातचीत सफल रही है और अंतिम चरण में पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि हमारे देश को कर्ज की मदद प्रदान करने वाले प्रमुख देशों के साथ ऋण पुनर्गठन पर चर्चा होगी। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू कर रहा है। आईएमएफ की एक टीम वर्तमान में बेलआउट कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए श्रीलंका में है, जो देश के मौजूदा आर्थिक संकट के लिए मारक हो सकता है।
दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता देश
विक्रमसिंघे ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि हम अब ऋण सहायता पर निर्भर राष्ट्र नहीं रह सकते हैं। हमें अब मजबूत अर्थव्यवस्था वाले अन्य देशों द्वारा हस्तक्षेप के साधन के रूप में भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी दलों को एक सर्वदलीय सरकार में शामिल होने के निमंत्रण को दोहराता हूं। उन्होंने कहा कि एक दूसरे पर आरोप लगाने से, न ही अतीत को दोष देने से संकट का समाधान नहीं होगा और केवल अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को अपनाकर ही हल किया जा सकता है।
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