गोतबया राजपक्षे बने रहेंगे श्रीलंका के राष्ट्रपति, संसद में विपक्षी पार्टियों का अविश्वास प्रस्ताव गिरा
कोलंबो, मई 17: श्रीलंका की संसद ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को आज हरा दिया है और अब तय हो गया है कि, गोतबया राजपक्षे ही श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। हालांकि, राष्ट्रपति के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन श्रीलंका के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़ने से इनकार कर दिया है। श्रीलंका में राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एक महत्वपूर्ण सत्र बुलाया गया था।

राष्ट्रपति बने रहेंगे राजपक्षे
श्रीलंका में विकराल आर्थिक संकट के बीत राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसद का एक दिन का सत्र बुलाया गया था। नए प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे की नियुक्ति के बाद पहला श्रीलंका की संसद का ये पहला सत्र था। संसद सत्र की शुरुआत श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना के सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए हुई, जो पिछले सप्ताह देश में सरकार विरोधी और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष के दौरान मारे गए थे। वहीं, मंगलवार के सत्र में प्राथमिक कार्य डिप्टी स्पीकर के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार का चयन करना था, जो रंजीत सियामबलपतिया के पद छोड़ने के बाद खाली हो गया था।

राष्ट्रपति के खिलाफ प्रस्ताव गिरा
वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को संसद में फेल हो गया है। इकोनॉमी नेक्स्ट अखबार ने बताया कि विपक्षी तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के सांसद एमए सुमंथिरन द्वारा राष्ट्रपति राजपक्षे पर नाराजगी की अभिव्यक्ति पर बहस करने के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन, श्रीलंका की संसद में हुई वोटिंग के दौरान 119 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया, जबकि, केवल 68 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। जिसके बाद राष्ट्रपति के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्ताव के साथ, विपक्ष ने यह दिखाने की कोशिश की कि राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की देशव्यापी मांग देश की विधायिका में कैसे परिलक्षित होती है।

राजपक्षे परिवार के पास ही रहेगी सत्ता
श्रीलंका में चल रहे विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा एजेंडा राजपक्षे परिवार को सत्ता से बाहर करना है और जनता के उग्र प्रदर्शन के बाद गोतबया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया था, जो अभी अपने परिवार के साथ जान बचाकर श्रीलंकन सेना के नेवल बेस में छिपे हुए हैं। वहीं, राजपक्षे परिवार का मंझला भाई अभी भी सत्ता में बना हुआ है और गोतबया राजपक्षे अभी भी देश के राष्ट्रपति बने रहेंगे। आपको बता दें कि, श्रीलंका में लोगों का व्यापक प्रदर्शन शुरू होने तक श्रीलंका सरकार के कैबिनेट में राजपक्षे परिवार के सात सदस्य शामिस थे। जिनमें प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, गृह मंत्री, मानव संसाधन और खेल मंत्रालय राजपक्षे परिवार के पास ही था। वहीं, गुस्साई जनता ने राजपक्षे परिवार के पुश्तैनी घर को जला दिया है।
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