420 रुपये लीटर पेट्रोल, 400 रुपये लीटर डीजल... श्रीलंका में आपकी सोच से ज्यादा हाहाकार मचा है
कोलंबो,24 मई : दो करोड़ 20 लाख के आबादी वाला श्रीलंका दिवालिया हो चुका है। अब पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों ने देश की जनता की कमर तोड़कर रख दी है। श्रीलंका में मंगलवार को पेट्रोल की कीमतों में 24.3 प्रतिशत और डीजल की कीमतों में 38.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। बता दें कि, श्रीलंका विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते यह बढ़ोतरी की गई। पड़ोसी देश में 19 अप्रैल के बाद ईंधन कीमतों में यह दूसरी बढ़ोतरी है। इसके साथ ही सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले ऑक्टेन 92 पेट्रोल की कीमत 420 रुपये (1.17 डॉलर) प्रति लीटर और डीजल की कीमत 400 रुपये (1.11 डॉलर) प्रति लीटर होगी, जो अब तक का उच्चतम स्तर है।

श्रीलंका में महंगाई चरम पर, तेल की कीमतों में लगी आग
भारत की प्रमुख तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की श्रीलंकाई सहायक कंपनी लंका आईओसी ने भी ईंधन की खुदरा कीमतों में वृद्धि की है। एलआईओसी के सीईओ मनोज गुप्ता ने कहा, हमने सिलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) की बराबरी करने के लिए कीमतें बढ़ाई हैं। सीपीसी श्रीलंका में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी है।

भारत ने 40,000 टन पेट्रोल भेजा
भारत ने ऋण सुविधा के तहत 40,000 टन डीजल की आपूर्ति के कुछ दिनों बाद श्रीलंका को लगभग 40,000 टन पेट्रोल भेजा है। भारत का उद्देश्य अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे कर्ज में डूबे इस देश में ईंधन की भारी कमी को कम करने में मदद करना है। भारत ने पड़ोसी देश को ईंधन आयात करने में मदद करने के लिए पिछले महीने 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋण सुविधा दी थी। श्रीलंका हाल के दिनों में अपने विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट के बाद आयात के लिए भुगतान संकट से जूझ रहा है।

यात्रियों को यात्रा के लिए अधिक मूल्य चुकाना होगा
इस बीच, ऑटो-रिक्शा संचालकों ने कहा कि वे पहले किलोमीटर के लिए शुल्क 90 रुपये और दूसरे के लिए 80 रुपये बढ़ाएंगे। देश में तेल की कीमतों में हुई रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि से लोग काफी परेशान हैं. वैसे भी श्रीलंका की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि, इसे पटरी पर लाने में काफी वक्त लग सकता है।

दिवालिया घोषित हुआ श्रीलंका
बता दें कि, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश को दिवालिया घोषित कर दिया है क्योंकि यह ईंधन संकट और भोजन की कमी का सामना कर रहा है। विक्रमसिंघे ने मीडिया से बातचीत में कहाथा कि देश को इस हालत में पहुंचाने के लिए पिछली सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा था कि देश के पास न तो डॉलर है और न ही रूपया तथा देश में स्थिरता का माहौल नहीं हैं। देश में ईंधन की कीमत में वृद्धि हो रही है।

लचर आर्थिक स्थिति से नाराज श्रीलंका की जनता
दो करोड़ बीस लाख की आबादी वाला श्रीलंका वित्तीय और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है.। साल 1948 में स्वतंत्रता मिलने के बाद से इस वक़्त सबसे ख़राब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे इस देश में महंगाई के कारण बुनियादी चीज़ों की कीमतें आसमान छू रही हैं। जनता गुस्से में उबल रही है। बता दें कि, आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे जिससे सरकार की नींव तक हिल गई।
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