आर्थिक संकट की आग में सुलग रहा श्रीलंका, चीन से मदद की गुहार
श्रीलंका में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद स्थिति ज्यादा अराजक हो गई है। श्रीलंका में खाने-पीने के सामानों के साथ ही ईंधन, बिजली और ट्रांसपोर्ट सब महंगा हो गया है।
कोलंबो, 11 मई : श्रीलंका में फैली हिंसा के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने नागरिकों से शांत रहने की अपील की है। वहीं, दूसरी तरफ देश में फैली हिंसा के कारण श्रीलंका के पूर्व प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे को सुरक्षा कारणों से त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया है. रक्षा सचिव कमल गुणारत्ने ने बुधवार को मीडिया को बताया कि देश में स्थिति सामान्य होने के बाद पूर्व पीएमको उस स्थान पर ले जाया जाएगा, जहां वह चाहते हैं। बता दें कि, श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण वहां रहने वालों की स्थिति दयनीय हो गई है। गुणारत्ने ने बताया कि सेना उन्हें पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर देखती है और इस लिहाज से राजपक्षे को सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
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क्या
श्रीलंका
छोड़कर
भारत
आ
रहे
हैं
राजनेता
?
मीडिया
रिपोर्टों
पर
प्रतिक्रिया
देते
हुए,
भारतीय
उच्चायोग
ने
कहा
कि
श्रीलंकाई
राजनेताओं
और
उनके
परिवार
के
सदस्यों
के
भारत
जाने
का
दावा
करने
वाली
हालिया
रिपोर्ट
आधारहीन
और
झूठी
हैं।
कुछ
मीडिया
रिपोर्ट
ने
दावा
किया
है
कि
श्रीलंका
में
अराजक
स्थिति
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
भारत
जल्द
ही
अपनी
सेना
भेजने
वाला
है।
इस
पर
भारतीय
उच्चायोग
नेआगे
कहा
कि,
भारत
से
श्रीलंका
में
कोई
सेना
नहीं
भेजी
गई
है.
उच्चायोग
ने
ऐसी
खबरों
का
जोरदार
खंडन
किया
है।
देश
के
खराब
होते
हालात
और
दबावों
के
आगे
झुकते
हुए
श्रीलंकाई
प्रधानमंत्री
महिंद्रा
राजपक्षे
ने
9
अप्रैल
2022
को
अपने
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया।
इस
हिंसा
में
अब
तक
कई
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है
और
सैकड़ों
की
संख्या
में
लोग
घायल
बताए
जा
रहे
हैं।
हो
रही
है
हिंसक
घटनाएं
महिंद्रा
राजपक्षे
ने
अपना
इस्तीफा
अपने
छोटे
भाई
और
देश
के
राष्ट्रपति
गोटाबाया
राजपक्षे
को
सौंप
दिया
है
हालांकि,
उनके
इस्तीफे
से
देश
में
हिंसा
की
घटनाएं
रुकी
नहीं
है।
खबर
यह
भी
है
कि,
श्रीलंकाई
पीएम
के
इस्तीफे
के
कुछ
घंटों
के
बाद
ही
सरकार
विरोधी
प्रदर्शनों
के
दौरान
प्रदर्शनकारियों
ने
हंबनटोटा
स्थित
उनके
पैतृक
घर
को
जला
दिया
गया
है।
इसकी
तस्वीरें
सोशल
मीडिया
पर
भी
वायरल
हो
रही
हैं।
इसके
अलावा
कुरुनेगला
में
भी
आंदोलकारियों
ने
महिद्रा
राजपक्षे
के
घर
को
आग
के
हवाले
कर
दिया।
गलत
नीतियों,कुप्रबंधन
का
नतीजा
जानकार
कहते
हैं
कि,
देश
की
ऐसी
हालत
सरकारी
नीतियों,कुप्रबंधन
के
कारण
हुई
है।
वहीं,
लचर
अर्थव्यवस्था
के
बीच
श्रीलंका
के
विपक्षी
नेता
साजिथ
प्रेमदासा
ने
श्रीलंका
में
चीन
के
राजदूत
क्यूई
झेनहोंग
से
मुलाकात
की।
उन्होंने
ऐसे
कठीन
समय
में
चीन
से
आपसी
सहयोग
और
भाईचारे
की
उम्मीद
रखी
है.
बातचीत
के
दौरान
प्रेमदासा
ने
चीनी
राजदूत
से
कहा
कि
उनका
देश
श्रीलंका
को
वर्तमान
आर्थिक
संकटसे
उबारने
में
मदद
करे।बता
दें
कि,
श्रीलंका
में
खाने-पीने
के
सामानों
के
साथ
ही
ईंधन,
बिजली
और
ट्रांसपोर्ट
सब
महंगा
हो
गया
है।
दूसरी
तरफ
विपक्ष
के
नेताओं
आपसी
भाईचारे
का
हवाला
देते
हुए
चीन
से
मदद
की
गुहार
लगाई
है।