Shinzo Abe: सबसे लंबे वक्त तक रहे जापान के प्रधानमंत्री, भारत को दिया बुलेट ट्रेन का तोहफा...
शिंजो देश में अब तक सर्वाधिक समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले व्यक्ति है। शिंजो आबे को आज (शुक्रवार) गोली मार दी गई। उन पर यह हमला एक भाषण के दौरान हुआ है। फिलहाल आबे की हालत गंभीर है और वह हॉस्पिटल में भर्ती हैं।
टोक्यो, 8 जुलाई: शिंजो आबे ने 52 वर्ष की उम्र में जापान के प्रधानमंत्री का पद संभाला। उस वक्त वह जापान के सबसे युवा प्रधानमंत्री के तौर पर जाने गए। आज एक दुखद खबर यह है कि, जापान के पूर्व पीएम शिंजो का निधन हो गया है। उनको आज सुबह दो गोलियां मारी गई थीं। हमले के बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। जानकारी के मुताबिक शिंजो आबे के सीने में गोली (Shinzo Abe Shot) लगी थी। हमले में वो बुरी तरह घायल हो गए। वहीं, इस घटना के बाद हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिंजो आबे जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में भारत और जापान के रिश्तें और भी अधिक प्रगाढ़ हुए।
शिंजो आबे भारत में पद्म विभूषण से सम्मानित
65 साल की उम्र में साल 2020 में शिंजो आबे ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। शिंजो आबे दो बार जापान के पीएम बने। 2006 में शिंजो आबे पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद 2012 से लेकर 2020 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे। आबे ने खराब स्वास्थ्य की वजह से इस्तीफा दिया था। बता दें कि, भारत सरकार शिंजो आबे को पद्म विभूषण से सम्मानित कर चुकी है।
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सबसे लंबे समय तक पीएम रहे शिंजो आबे
शिंजो आबे जापान में अब तक सर्वाधिक समय तक पीएम पद पर रहने वाले व्यक्ति हैं। शिंजो ने 52 वर्ष की उम्र में जापान के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उन्हें जापान का सबसे युवा प्रधानमंत्री कहा गया था। शिंजो दूसरे विश्व युद्ध के बाद पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। हालांकि, इतने लंबे समय तक पीएम पद पर रहने के बाद भी उनके कई सपने अधूरे रह गए। उन्होंने एक बार कहा था कि, संविधान संशोधन का उनक अहम लक्ष्य पुरा नहीं हुआ।
शिंजो राजनीतिक परिवार से हैं
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का ताल्लुक एक राजनीतिक परिवार से रहा है। बता दें कि, शिंजो आबे के दादा नोबुसुके किशी (Nobusuke Kishi) भी जापान के प्रधानमंत्री थे। नोबुसुके किशी साल 1957-60 तक जापान के प्रधानमंत्री के पद पर रहे। वहीं शिंजो आबे के पिता शिंटारो आबे (Shintaro Abe) साल 1982-86 तक जापान के विदेश मंत्री थे। वहीं,शिंटारो आबे के पुत्र शिंजों आबे अपने दादा और पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए साल 2006 में पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने। हालांकि बीमारी के चलते 2007 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद साल 2012 में शिंजो आबे फिर से जापान के प्रधानमंत्री बने। फिर वो साल 2020 तक लगातार जापान के प्रधानमंत्री रहे।
शिंजो ने भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत किया
शिंजो
आबे
अपने
कार्यकाल
में,
सबसे
ज्यादा
बार
भारत
का
दौरा
किया।
पहली
बार
शिंजो
आबे
अपने
पहले
कार्यकाल
(2006-07)
के
दौरान
भारत
आए।
वे
अपने
दूसरे
कार्यकाल
(2012-2020)
के
दौरान
तीन
बार
भारत
का
दौरा
किया
था।
शिंजो
जनवरी
2014,
दिसंबर
2015
और
सितंबर
2017
में
भारत
के
दौरे
पर
आए।
लंबे कार्यकाल के बावजूद कई सपने रहे अधूरे
अपने इस लंबे कार्यकाल के बावजूद कई ऐसे कार्य हैं, जो अभी उनके लक्ष्य में शामिल है। इसी वर्ष सितंबर में कैबिनेट फेरबदल के बाद उनके दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था। उन पर चुनाव अभियान के दौरान अनियमितता का आरोप था। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि वह नए देश के निर्माण की चुनौती पर काम करेंगे। अपने कार्यकाल में शिंजो ने कई बाद संविधान में व्यापक संशोधन करने की बात कर चुके थे। उनकी मान्यता थी कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तैयार हुए जापान के संविधान में पर्याप्त संशोधन की जरूरत है।
शिंजो आबे को गोली मारी
जापान के पूर्व पीएम शिंजो का निधन हो गया है। उनको आज सुबह दो गोलियां मारी गई थीं। हमले के बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। शिंजो आबे के सीने में गोली (Shinzo Abe Shot) लगी थी। हमले में वो बुरी तरह घायल हो गए थे। वहीं, हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिंजो आबे को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।