UK-India Week 2022: भारत ने कहा- क्लाइमेट फाइनेंस के लिए 'स्कोप, स्केल और स्पीड' सबसे अहम
इंडिया ग्लोबल फोरम (IGF) द्वारा आयोजित यूके-इंडिया वीक 2022 के दूसरे दिन बुधवार को लंदन में ब्लूमबर्ग मुख्यालय में क्लाइमेट फाइनेंस एंड टेक्नोलॉजी समिट के बैठक आयोजित की गई।
लंदन, 29 जून: इंडिया ग्लोबल फोरम (IGF) द्वारा आयोजित यूके-इंडिया वीक 2022 के दूसरे दिन बुधवार को लंदन में ब्लूमबर्ग मुख्यालय में क्लाइमेट फाइनेंस एंड टेक्नोलॉजी समिट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भारत और यूके के वरिष्ठ मंत्रियों, पॉलिसी मेकर्स और उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों को जलवायु परिवर्तन से जुड़े के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों और प्रौद्योगिकी, वित्त और स्थिरता की भूमिका पर विचार-विमर्श करने के आमंत्रित किया गया।
जलवायु
परिवर्तन
वर्तमान
वास्तिवकता
है
इस
मौके
पर
भारत
सरकार
के
पर्यावरण,
वन
और
जलवायु
परिवर्तन
के
केंद्रीय
कैबिनेट
मंत्री
भूपेंद्र
यादव
ने
कहा,
"विकासशील
देशों
के
लिए,
एडॉपटेशन
फाइनेंस
महत्वपूर्ण
है।
उन्होंने
कहा
कि
100
अरब
डॉलर
के
वित्त
लक्ष्य
को
विकसित
दुनिया
द्वारा
पूरा
किए
जाने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
कहा
कि
क्लाइमेट
फाइनेंस
के
लिए
तीन
आवश्यक
S-
स्कोप,
स्केल
और
स्पीड
जरूरी
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
जलवायु
परिवर्तन
कोई
ऐसी
आपदा
नहीं
है
जो
भविष्य
में
हमारा
इंतजार
कर
रही
है,
बल्कि
यह
हमारी
वर्तमान
वास्तविकता
है।
भारत
मुख्य
रूप
से
मिशन
मोड
पर
अनुकूलन
और
शमन
कार्रवाई
को
लागू
करने
के
लिए
घरेलू
संसाधनों
पर
निर्भर
है।
उन्होंने
आगे
कहा
कि
हमें
पर्याप्त
वित्त
और
प्रौद्योगिकी
हस्तांतरण
हासिल
करने
के
माध्यम
से
अनुकूलन
पर
वैश्विक
लक्ष्यों
के
संचालन
में
तेजी
लाने
की
जरूरत
है।
जलवायु
कार्रवाई
के
मुद्दे
पर
पीएम
मोदी
प्रतिबद्ध
ब्रिटेन
सरकार
के
निवेश
मंत्री,
लॉर्ड
गेरी
ग्रिमस्टोन
ने
कहा,
"मैं
चाहूंगा
कि
भारतीय
कंपनियां
यूके
में
ग्रीन
फाइनेंसिंग
जुटाएं।
हमें
विश्वविद्यालयों
को
भी
इस
पर
काम
करने
और
अपने
पीएचडी
छात्रों
का
आदान-प्रदान
करने
के
लिए
प्रोत्साहित
करना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
मुझे
पूरा
भरोसा
है
कि
ऐसा
होने
वाला
है।" COP26
के
अध्यक्ष,
आलोक
शर्मा
ने
कहा,
"हम
लगभग
200
देशों
को
COP26
में
एक
ऐतिहासिक
जलवायु
समझौते
पर
सहमत
होने
में
कामयाब
रहे
क्योंकि
हर
देश
ने
देखा
कि
यह
कार्य
करने
के
लिए
अपने
स्वयं
के
हित
में
है।
उन्होंने
आगे
कहा
कि
जलवायु
कार्रवाई
के
मुद्दे
पर
पीएम
मोदी
काफी
प्रतिबद्ध
हैं।
जलवायु
लक्ष्यों
पर
यूके
के
साथ
काम
करने
के
लिए
भारतीय
सरकार
की
ओर
से
एक
वास्तविक
प्रतिबद्धता
है।
उन्होंने
आगे
कहा
कि
हमने
जो
सीखा
है
वह
यह
है
कि
हम
जीवाश्म
ईंधन
पर
भरोसा
नहीं
कर
सकते
हैं,
इसलिए
नवीकरणीय
ऊर्जा
में
तेजी
लाने
की
जरूरत
है।
खुली
मिट्टी
से
बढ़ती
है
ग्लोबल
वार्मिंग
ईशा
फाउंडेशन
के
संस्थापक,
सद्गुरु
ने
अपना
विचार
रखते
हुए
कहा
कि
विश्व
की
लगभग
35-40
प्रतिशत
ग्लोबल
वार्मिंग
खुली
मिट्टी
के
कारण
होती
है।
मिट्टी
बचाओ
अभियान
लोगों
को
अपनी
सरकारों
से
बदलाव
लाने
के
लिए
प्रेरित
करने
के
लिए
था,
लेकिन
अब
व्यवसायों
को
भी
इसके
लिए
कार्य
करने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
कहा
कि,
2030
तक,
यह
उम्मीद
की
जाती
है
कि
अफ्रीकी
महाद्वीप
की
दो-तिहाई
भूमि
खराब
हो
जाएगी।
पिछले
25
वर्षों
में,
हमने
मरुस्थलीकरण
के
कारण
दुनिया
की
10
प्रतिशत
भूमि
खो
दी
है।
हमें
इसका
ऊपाय
ढूंढने
की
जरूरत
है।
तीव्र
गति
से
एक्शन
लेने
की
जरूरत
आईजीएफ
के
संस्थापक
और
सीईओ
प्रो.
मनोज
लडवा
ने
कहा,
"अगर
हमें
आने
वाली
पीढ़ियों
के
लिए
एक
रहने
योग्य
दुनिया
को
पीछे
छोड़ना
है
तो
त्वरित
कार्रवाई
की
जरूरत
है।
यहां,
जलवायु
परिवर्तन
के
खिलाफ
लड़ाई
में
प्रौद्योगिकी
हमें
आगे
बढ़ाने
में
एक
अलग
भूमिका
निभाएगी।
उन्होंने
कहा
कि
जलवायु
परिवर्तन
के
खिलाफ
हमारी
आम
और
वैश्विक
लड़ाई
में
तकनीकी
और
वित्तीय
पर्याप्तता
प्राप्त
करने
के
लिए
सबसे
कुशल
मार्गों
की
तलाश
में
IGF
एक
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभा
रहा
है।
यूके-इंडिया
वीक
2022
के
पहले
दिन
द्विपक्षीय
संबंधों
की
सांस्कृतिक
साझेदारी
क्षमता
का
पता
लगाने
के
लिए
नेहरू
सेंटर,
लंदन
में
रचनात्मक
उद्योग
और
सांस्कृतिक
अर्थव्यवस्था
संगोष्ठी
को
कवर
किया
गया।
इस
दौरान
भारत
ने
मंगलवार
को
विकसित
देशों
का
आह्वान
किया
कि
वे
जलवायु
परिवर्तन
के
संकट
से
निपटने
में
मदद
के
लिए
विकासशील
देशों
के
वास्ते
जलवायु
वित्तपोषण
के
दायरे,
स्तर
और
गति
को
बढ़ायें।
जबकि
तीसरा
दिन,
गुरुवार
फ्लैगशिप
आईजीएफ
फोरम
के
शुभारंभ
का
प्रतीक
होगा।
यूके-इंडिया
वीक
2022
का
पूरा
कार्यक्रम
यहां
देखें।
कुछ हाई-प्रोफाइल वक्ता जिन्होंने इस वीक में शामिल होने की पुष्टि की है, वे हैं:
- ऋषि सुनक, चांसलर ऑफ द एक्सचेकर, यूके सरकार
- डॉक्टर एस जयशंकर, विदेश मंत्री, भारत सरकार
- साजिद जाविद, हेल्थ एंड सोशल केयर के राज्य सचिव, यूके सरकार
- डॉक्टर मनसुख मंडाविया, स्वास्थ्य और कल्याण मंत्री, भारत सरकार
- धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार
- भूपेंद्र यादव, श्रम और रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भारत सरकार
- डॉक्टर राजीव चंद्रशेखर, कौशल विकास एवं उद्यमिता, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी राज्यमंत्री, भारत सरकार
- अर्जुन राम मेघवाल, विदेश राज्यमंत्री, भारत सरकार
- आलोक शर्मा, प्रेसिडेंट,COP 26
वक्ताओं की पूरी लिस्ट यहां देखिए।
इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) के बारे में जानिए
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