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वैज्ञानिकों ने देखा अब तक का सबसे अद्भुत नजारा, बृहस्पति जैसे ग्रह के पास बन रहा है नया चांद

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नई दिल्ली, जुलाई 24: चांद की रोशनी से लेकर उसकी लालमी को आप सबने देखा हैं। इस बीच अब अदभुत घटना सामने आई है, जिसमें पहली बार वैज्ञानिकों ने नए चांद का उदय होता हुए देखा है यानी की चांद कैसे बनता है उनको आपनी आंखों से देखा है। इस घटना के मुताबिक जूपिटर (बृहस्पति) जैसे ग्रह के पास यह नया चंद्रमा बन रहा है, जो अपने आप में बहुत ही अदभुत हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो यह चांद बृहस्पति जैसे ग्रह के छल्लों के अंदर बनता हुआ दिखाई दे रहा है।

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Moon Forming: वैज्ञानिकों ने पहली बार नए चांद को बनते देखा, शेयर की तस्वीर | वनइंडिया हिंदी
बृहस्पति ग्रह जैसी जगह बना रहा नया चंद्रमा

बृहस्पति ग्रह जैसी जगह बना रहा नया चंद्रमा

वैज्ञानिकों ने पहली बार हमारे सौर मंडल से दूर एक ग्रह के चारों ओर एक चंद्रमा बनाने वाले क्षेत्र को देखा है। एक बृहस्पति ग्रह जैसी दुनिया जो गैस और धूल की एक डिस्क से घिरी हुई है, जो कि तीन चंद्रमाओं को आकार दे सकती है। शोधकर्ताओं ने चिली के अटाकामा रेगिस्तान में ALMA वैधशाला का इसको देखने के लिए इस्तेमाल किया, जो पृथ्वी से करीब 370 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित PDS 70, जो यह काफी हद तक बृहस्पति ग्रह जैसा है। इसके चारों ओर गैस, पत्थरों और धूल का बड़ा सा छल्ला है।

खोज ग्रहों और चंद्रमाओं के निर्माण के बारे में अद्भुत

खोज ग्रहों और चंद्रमाओं के निर्माण के बारे में अद्भुत

इसे परिग्रहीय डिस्क (सर्कमप्लैनेटरी डिस्क) कहा जाता है। ये छल्ले तभी बनते हैं जब उनके अंदर चांद का निर्माण होता है। इन्हीं से चंद्रमाओं का जन्म होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह खोज ग्रहों और चंद्रमाओं के निर्माण के बारे में गहरी समझ देता है। हमारे सौर मंडल के बाहर 4,400 से अधिक ग्रहों की खोज की गई है, जिन्हें एक्सोप्लैनेट कहा जाता है। अब तक कोई भी सर्कुलेटरी डिस्क नहीं मिली थी, क्योंकि सभी एक्सोप्लैनेट पीडीएस 70 की परिक्रमा करने वाले दो छोटे गैस ग्रहों को छोड़कर पूरी तरह से विकसित सौर प्रणालियों में रहते थे।

 वैज्ञानिकों ने कहा- ऐसा कभी नहीं हुआ

वैज्ञानिकों ने कहा- ऐसा कभी नहीं हुआ

ग्रेनोबल यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री मिरियम बेनिस्टी ने कहा कि ये अद्भुत नजारा है। अब तक और लंबे समय से कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि वैज्ञानिकों ने किसी चांद के बनने की प्रक्रिया को देखा हो। बेनिस्टी के मुताबिक यह किसी ग्रह के बनने की हमारी थ्योरी को और हिम्मत देगा। ताकि ग्रह बनने के सिद्धांत का परीक्षण किया जा सके और सीधे ग्रहों और उनके उपग्रहों के बनने का निरीक्षण किया जा सके। बता दें कि यह स्टडी एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में 22 जुलाई को प्रकाशित हुई है।

PDS 70 का वजन सूरज के बराबर

PDS 70 का वजन सूरज के बराबर

यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के अध्ययन के सह-लेखक स्टेफानो फैचिनी ने बया कि ओरेंज कलर के तारे PDS 70 का वजन करीब-करीब हमारे सूरज के बराबर है। लगभग 5 मिलियन वर्ष पुराना हो सकता है। इसके दो चांद ज्यादा युवा है। तीसरा तो अभी पैदा ही हो रहा है। शोधकर्ताओं को पहले इस ग्रह के चारों ओर एक डिस्क के शुरुआती सबूत मिले थे, लेकिन अब इसकी पुष्टि हो गई है। पीडीएस 70 सी के चारों ओर की डिस्क, जिसका व्यास पृथ्वी से सूर्य की दूरी के बराबर है। पृथ्वी के चंद्रमा के आकार के तीन चंद्रमाओं का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त द्रव्यमान है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कितने चंद्रमा बनेंगे।

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English summary
Scientists first time see moon forming around planet in another solar system
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