यूक्रेन के बाद यमन में भी युद्ध शुरू, हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर सऊदी अरब ने शुरू की भीषण बमबारी
सऊदी ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि, सऊदी अरब ने "तोड़फोड़ के हमलों" की कड़ी निंदा की है और अगर हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से तेल आपूर्ति में गड़बड़ी आती है, तो इसके लिए सऊदी अरब जिम्मेदार नहीं होगा।
रियाद, मार्च 26: यूक्रेन युद्ध से पहले ही दुनिया परेशान है, लेकिन अब यमन में भी हूती विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध शुरू हो चुका है और सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबंधन सेना ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ काफी तेज हमले शुरू कर दिए हैं। हूती विद्रोहियों ने पहले सऊदी अरब पर हमले किए हैं, जिसके बाद सऊदी अरब ने भी हूती विद्रोहियों के खिलाफ तेजी से ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं।
सऊदी ने शुरू किया सैन्य अभियान
सऊदी अरब की सरकारी मीडिया ने बताया है कि, यमन में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपनी तेल सुविधाओं पर हमलों को रोकने और "वैश्विक ऊर्जा स्रोतों की रक्षा" करने के लिए शनिवार को एक सैन्य अभियान शुरू किया। सऊदी गठबंधन ने कहा कि, वह यमन की हूती नियंत्रित राजधानी सना और लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह में हवाई हमले कर रहा है। गठबंधन सेना ने कहा कि, इसका उद्देश्य "वैश्विक ऊर्जा स्रोतों की रक्षा करना और आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना" है और यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि यह अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेता। गठबंधन सेना ने कहा कि, ऑपरेशन अपने शुरुआती चरण में है और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को "शत्रुतापूर्ण व्यवहार" के परिणाम भुगतने चाहिए।
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हूती विद्रोहियों के खिलाफ सीधा ऑपरेशन
सऊदी मीडिया ने पहले गठबंधन को यह कहते हुए उद्धृत किया था, कि यह "खतरे के स्रोतों से सीधे निपटेगा'। मीडिया रिपोर्ट में नागरिकों को होदेइदाह में किसी भी तेल साइट या सुविधा से दूर रहने के लिए कहा गया है। सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ ये ऑपरेशन उस वक्त शुरू किए हैं, जब शुक्रवार को सऊदी ऊर्जा सुविधाओं पर हूती विद्रोहियों द्वारा हमले शुरू किए हैं। सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कहा कि, जेद्दा में तेल की दिग्गज कंपनी अरामको के पेट्रोलियम उत्पाद वितरण स्टेशन पर हमला किया गया है। जिससे दो भंडारण टैंकों में आग लग गई, हालांकि, किसी की जान नहीं गई है। सऊदी सैन्य गठबंधन ने बाद में कहा कि, उसने यमन से आ रहे दो ड्रोन हमलों को नाकाम किया है, जिन्हें होदेइदाह में तेल सुविधाओं से राज्य की ओर लॉन्च किया गया था।
कहां किए जा रहे हैं हमले?
सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन फोर्स ने कहा है कि, वो हूती विद्रोहियों के उन इलाकों को बख्श देगा, जहां आम नागरिक रहते हैं और तेल फैसिलिटीज को भी निशाना नहीं बनाएगा, लेकिन हूती विद्रोहियों को वो नहीं बख्शेगा। वहीं, हूती विद्रोहियों से ताल्लुक रखने वाले अल मसीरा टीवी ने कहा है कि, गठबंधन फोर्स के युद्धक विमानों ने होदेइदाह शहर पर हमले किए हैं और हमले लगातार जारी हैं। वहीं, होदेइदाह के चश्मदीदों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि, होदेइदाह बंदरगाह के करीब भारी बमबारी की गई है। अल मसीरा टीवी ने यह भी कहा कि, गठबंधन सेना ने होदेइदाह में सालिफ़ बंदरगाह, बिजली निगम और तेल सुविधाओं पर हमला किया है। सना के निवासियों ने रायटर को बताया कि, शहर के दक्षिण में सुरक्षित तेल कंपनी की प्रशासनिक इमारत पर बमबारी की गई है।
सऊदी पर किए गये थे हमले
आपको बता दें कि, इससे पहले हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब की तेल कंपनियों पर हमले शुरू किए थे और सऊदी अरब अब सिर्फ पलटवार कर रहा है। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने कहा है कि, उन्होंने शुक्रवार को सऊदी अरब ऊर्जा सुविधाओं पर हमले शुरू किए और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने कहा कि जेद्दा में तेल की दिग्गज कंपनी अरामको के पेट्रोलियम उत्पाद वितरण स्टेशन पर हमला किया गया, जिससे दो भंडारण टैंकों में आग लग गई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। एक चश्मदीद ने कहा कि, लाल सागर शहर में तेल सुविधा केन्द्र पर हमला होने के बाद धुएं के विशालकाय गुबार उठता हुआ देखा जा सकता है। हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब पर उस वक्त हमला किया है, जब देश में फॉर्मूला-1 रेस हो रहा है। वहीं, सऊदी अरब की सरकारी मीडिया ने कहा है कि, आग पर काबू पा लिया गया है।
तेल आपूर्ति हो सकती है प्रभावित
वहीं, सऊदी ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि, सऊदी अरब ने "तोड़फोड़ के हमलों" की कड़ी निंदा की है और सऊदी अरब ने फिर से कहा है कि, अगर हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से तेल आपूर्ति में गड़बड़ी आती है, तो इसके लिए सऊदी अरब जिम्मेदार नहीं होगा। राज्य समाचार एजेंसी एसपीए ने मंत्रालय में एक अधिकारी का हवाला देते हुए बताया कि, ‘दुनिया को सामूहिक तौर पर सऊदी अरब में हो रहे हमले को रोकने की कोशिश करनी चाहिए।' वहीं, सऊदी अरब ऊर्जा मंत्रालय ने ईरान को बैलिस्टिक मिसाइलों और एडवांस ड्रोन हथियार हूती विद्रोहियों को बांटने का दोषी ठहराया है और इस बात पर जोर दिया कि, हमलों से "राज्य की उत्पादन क्षमता और वैश्विक बाजारों के लिए अपने दायित्वों को पूरा करने की क्षमता प्रभावित होगी"। हालांकि, तेहरान ने हौथियों को हथियार देने से इनकार किया है। लेकिन, सवाल ये उठ रहे हैं, कि यूक्रेन युद्ध के बीच जब तेल की आपूर्ति पहले से ही गड़बड़ा चुकी है, वो कौन है, जो सऊदी अरब की तेल आपूर्ति को प्रभावित करना चाहता है, ताकि पूरी दुनिया में हड़कंप मच जाए।
कौन हैं हूती विद्रोही
आपको बता दें कि, हूती विद्रोहियों का उदय साल 1980 के दशक में यमन में हुआ था और यमन के उत्तरी हिस्से में ये शिया आदिवासी मुसलमानों का सबसे बड़ा संगठन है। इस संगठन के जन्म का मुख्य उद्येश्य यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा का विरोध करना है और साल 20111 से पहले जब यमन में सुन्नी नेता अली अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी, उस वक्त हूती विद्रोहियों के खिलाफ काफी आक्रामक ऑपरेशंस चलाए गये, लिहाजा शिया मुसलमानों में सुन्नियों के तानाशाह नेता के खिलाफ गुस्सा भड़क गया। हूती विद्रोहियों को मुख्य तौर पर ईरान का समर्थन हासिल है, जबकि सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ स्पेशल फोर्स का गठन किया हुआ है और ईरान के साथ सऊदी-यूएई के विवाद की सबसे बड़ी वजह यही है।
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