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मिलिट्री सहयोग पर एजेंडा सेट करने के मकसद से भारत आ रहे रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन

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मॉस्‍को। रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन चार अक्‍टूबर को भारत आ रहे हैं। राष्‍ट्रपति पुतिन के भारत दौरे के बारे में क्रेमलिन की ओर से जानकारी दी गई है। क्रेमलिन की ओर से सोमवार को बताया गया है कि पुतिन भारत के साथ मिलिट्री सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। इस चर्चा में भारत को एस-400 एयर डिफेंस सिस्‍टम की संभावित बिक्री पर भी विस्‍तार से चर्चा की जाएगी। इस सिस्‍टम पर चर्चा पुतिन के एजेंडे में सबसे ऊपर है।

दौरे से पहले मोदी की ओर से मंजूरी

दौरे से पहले मोदी की ओर से मंजूरी

क्रेमलिन के प्रवक्‍ता दमित्री पेस्‍कोव से पुतिन के भारत दौरे को लेकर सवाल किया गया था। उन्‍होंने इस पर जवाब दिया कि भारत दौरे पर राष्‍ट्रपति पुतिन एस-400 की डील पर बातचीत करेंगे। उन्‍होंने इस बात की भी पुष्टि की कि मिलिट्री सहयोग उनके एजेंडे में सबसे ऊपर होगा लेकिन इससे जुड़ी ज्‍यादा जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया। रूस की ओर से अप्रैल में कहा गया था कि इस वर्ष भारत के साथ एयर डिफेंस सिस्‍टम को लेकर भारत के साथ डील साइन की जाएगी। पुतिन 19वीं इं‍डो-रशियन समिट में हिस्‍सा लेने के लिए राजधानी दिल्‍ली पहुंचेंगे। उनके भारत दौरे से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट कमेटी की ओर से एस-400 ट्राइम्‍फ एयर डिफेंस सिस्‍टम को खरीदने की मंजूरी दे दी गई है।

आईएएफ को देगी ताकत

आईएएफ को देगी ताकत

सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत को कुल रकम की सिर्फ 15 प्रतिशत कीमत अदा करना होगी और वह भी फाइनल कॉन्‍ट्रैक्‍ट के साइन होने पर। बाकी की रकम डिफेंस सिस्‍टम की डिलीवरी पर दी जाएगी। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) को एस-400 मिसाइल की पहली स्‍क्‍वाड्रन मिलेगी। करीब 24 माह यानी दो वर्षों के अंदर पूरी तरह से यह सिस्‍टम स्‍क्‍वाड्रन का हिस्‍सा होगा जिसमें कमांड पोस्‍ट्स लेकर, लॉन्‍चर्स, लॉन्‍चर व्‍हीकल्‍स समेत कई अहम चीजें शामिल होंगी। सभी पांच स्‍क्‍वाड्रन्‍स को आने में कम से कम पांच वर्ष का समय लगेगा। एस-400 सिस्‍टम 100 से 300 टारगेट को एक साथ भेद सकते हैं। इन सिस्‍टम को शहरों और न्‍यूक्लियर पावर प्‍लांट्स जैसे संवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा के अलावा युद्ध के दौरान भी तैनात किया जा सकता है।

चीन पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध

चीन पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध

भारत करीब 60 प्रतिशत रक्षा उपकरण रूस से आयात करता है। हालांकि पिछले एक दशक के दौरान इसमें कुछ कमी आई है। अब भारत, अमेरिका का सबसे बड़ा रक्षा साझीदार बन गया है। भारत ने अमेरिकी कंपनियों से कई बड़ी डील साइन की हैं। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्‍यापार जीरो से बढ़कर 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। भारत को इस बात की उम्‍मीद थी कि अमेरिका की तरफ से थोड़ी राहत मिल सकती है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के प्रशासन की तरफ से चीन पर इसी हफ्ते प्रतिबंध लगाए गए हैं।

English summary
Russian President Vladimir Putin will discuss military cooperation with India while visiting India this week.
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