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कश्मीर को लेकर रूस ने जताई बड़ी चिंता, अफगानिस्तान से भारत की तरफ आ सकते हैं आतंकवादी

रूस ने अफगानिस्तान में तालिबान राज स्थापित होने के बाद कश्मीर में आतंकवाद फैलने को लेकर गहरी चिंता जताई है।

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नई दिल्ली/मॉस्को, सितंबर 07: रूस ने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद भारत के लिए बड़ी चिंता जताई है। रूस ने बड़ी चिंता जताते हुए कहा है कि तालिबान का काबुल पर राज होना, भारत के लिए चिंता की बात है क्योंकि तालिबान राज में एक बार फिर से भारत में आतंकी वारदातों का इजाफा हो सकता है।

आतंकवाद को लेकर चिंता

आतंकवाद को लेकर चिंता

भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने आतंकवाद को लेकर बड़ा और चिंताजनक बयान दिया है। रूसी राजदूत ने कहा है कि जिस तरह से तालिबान का उभार हुआ है, वो भारत के साथ साथ रूस के लिए भी बड़ी चिंता की है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की धरती पर अब नये सिरे से आतंकवाद का जन्म हो सकता है, जो रूस के साथ साथ भारत में भी फैल सकता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की तरफ एक बार फिर आतंकवादी अपना पैर बढ़ा सकते हैं। रूसी राजदूत ने तालिबान के अफगानिस्तान पर शासन होने के बाद गहरी चिंता जताई है।

भारत-रूस सहयोग अहम

भारत-रूस सहयोग अहम

कुदाशेव ने रूसी दूतावास में एक बातचीत के दौरान संवाददाताओं से कहा कि आतंकवाद विरोधी सहयोग विभिन्न स्तरों पर भारत-रूस के बीच होने वाली बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और मास्को अफगानिस्तान में स्थिरता और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए काबुल में एक समावेशी सरकार चाहता है। इसके साथ ही बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद, जो इस वक्त भारत के आधिकारिक यात्रा पर आए हुए हैं, उन्होंने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाताओं से कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में घटनाक्रम को करीब से देख रहा है क्योंकि तालिबान शासन का प्रभाव उनके देश पर भी पड़ सकता है। बांग्लादेशी मंत्री ने कहा कि, ''हम तालिबान पर नजर रख रहे हैं। अफगानिस्तान में स्थिरता, दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।" बांग्लादेश के मंत्री ने कहा कि 'बांग्लादेश फिलहाल तालिबान की सरकार को मान्यता देने के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहा है'।

भारत के साथ है रूस

भारत के साथ है रूस

भारत में रूस के राजदूत कुदाशेव ने कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद रूस का मानना है कि आतंकवाद की लहर आ सकती है, और इसका प्रभाव भारत और रूस दोनों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि, रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का अहम सहयोग चाहता है और दोनों देश एक दूसरे को काफी मदद कर भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि, अगर अफगानिस्तान में गृहयुद्ध फैलता है, तो फिर आतंकवाद पूरे दक्षिण एशिया में फैल सकता है। रूस ने कहा कि, ''जहां तक ​​आतंक की घटना का संबंध है, हम भारत के साथ अपनी चिंताओं को साझा करते हैं। आतंकवाद का खतरा है रूसी क्षेत्र में फैल सकता है, कश्मीर के क्षेत्र में हो सकता है''। उन्होंने कहा, "हम एक समावेशी सरकार चाहते हैं, हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान की धरती क्षेत्र के अन्य देशों में फैलने वाले आतंक का स्रोत नहीं होगी।"

अफगानिस्तान में स्थिरता एक चिंता

अफगानिस्तान में स्थिरता एक चिंता

रूस ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता का मुद्दा रूस के लिए भी एक बड़ी चिंता की बात है और भारत के साथ रूल लगातार अपनी चिंताओं को साझा करता रहता है और द्विपक्षीय तौर पर आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश एक साथ काम करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि, रूस चाहता है कि अफगानिस्तान में एक स्थिर और समावेशी सरकार का निर्माण हो, जिसमें हर वर्ग को प्रतिनिधित्व हासिल हो। कुदाशेव ने कहा कि तालिबान द्वारा बनाई गई सरकार को किसी भी तरह की मान्यता देने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। "नई तालिबान सरकार को यह साबित करना चाहिए कि वह एक जिम्मेदार सरकार है और वह एक समावेशी सरकार बनाने में सक्षम है, जिसमें अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों के साथ हर वर्ग को प्रतिनिधित्व हासिल हो।

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English summary
Russia has expressed deep concern over the spread of terrorism in Kashmir after the establishment of Taliban rule in Afghanistan.
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