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यूक्रेन जंग के बीच रूस भारत-चीन के साथ करेगा सैन्य अभ्यास, 50 हजार सैनिक होंगे शामिल, बौखलाया अमेरिका!

रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद से विश्व की स्थिति एकाएक बदल सी गई है। एक तरफ अमेरिका भारत से रूस के खिलाफ जाने की बात करता है तो वहीं चीन मॉस्को के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में प्रयासरत है।

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मास्को, 30 अगस्त : रूस और चीन के के साथ इन दिनों अमेरिका के संबंध अच्छे नहीं हैं। अमेरिका का बीजिंग और मास्को के प्रति जो रवैया खुलकर सामने आया है, इससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के उनके समकक्ष शी जिनपिंग के बीच नजदिकिया बढ़ती जा रही है। इससे अमेरिका परेशान दिख रहा है। अब खबर है कि, रूस, भारत, चीन समेत कई अन्य देशों के साथ आने वाले दिनों में साझा मिलिट्री ड्रिलिंग शुरू करने जा रहा है। वहीं, रूस में वोस्तोक-2022 सैन्य अभ्यास में भारतीय सैनिकों की भागीदारी पर नई दिल्ली में भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

रूस दिखा रहा अपनी ताकत, बौखलाया अमेरिका

रूस दिखा रहा अपनी ताकत, बौखलाया अमेरिका

यूक्रेन जंग से एक तरफ रूस अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों से अलग-थलग पड़ता जा रहा है तो वहीं ताइवान मुद्दे को लेकर चीन की अमेरिका से अनबन हो चुकी है। इसलिए रूस बीजिंग के साथ अपने घनिष्ठ रक्षा संबंधों को दर्शाने के लिए चीनी सेनाओं के साथ व्यापक सैन्य अभ्यास शुरू करेगा। इस सैन्य अभ्यास, में भारत भी शामिल होगा। अलज़जीरा के मुताबिक, वोस्तोक 2022(East 2022) सैन्य अभ्यास 1 से 7 सितंबर को रूस के सुदुर पूर्व और जापान सागर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस सैन्य अभ्यास में 50 हजार से अधिक सैनिक 5 हजार घातक हथियारों के साथ सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे।

सैन्य अभ्यास में भारत, चीन और अन्य देश शामिल होंगे

सैन्य अभ्यास में भारत, चीन और अन्य देश शामिल होंगे

अल जज़ीरा ने बताया कि, इस सैन्य अभ्यास में भारत, चीन समेत कई अन्य देश भी शामिल होंगे। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि, इस बड़े सैन्य अभियान में 140 घातक लड़ाकू विमान 60 युद्धपोत शामिल होंगे। इसने बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास की तैयारी को लेकर चीनी सैनिकों के रूस पहुंचने का एक वीडियो जारी किया गया है।

रूस का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास, टेंशन में अमेरिका

रूस का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास, टेंशन में अमेरिका

खबर के मुताबिक, रूस और चीन के बीच सैन्य अभ्यास मॉस्को में स्थित सुदूर पूर्वी रूस में सात फायरिंग रेंज में आयोजित किया जाएगा। इस सैन्य अभ्यास में कई पूर्व सोवियत देश शामिल हैं। चीन के अलावा भारत, लाओस, मंगोलिया, निकारगुआ और सीरिया के सैनिक भी इस सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे। मंत्रालय ने कहा कि रूसी हवाई सैनिकों की इकाइयां, लंबी दूरी के बमवर्षक और सैन्य मालवाहक विमान अन्य बलों के साथ अभ्यास में भाग लेंगे।

रूस की भारत और चीन के साथ दोस्ती, अमेरिका को पसंद नहीं!

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पिछले महीने पहली बार सैन्य अभ्यास की घोषणा करते हुए, रूसी सेना ने जोर देकर कहा कि यह नियोजित युद्ध प्रशिक्षण का हिस्सा है जो यूक्रेन में मास्को की सैन्य कार्रवाई के बावजूद जारी है। इस घोषणा में क्रेमलिन द्वारा वहां "विशेष सैन्य अभियान" कहे जाने वाले सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है। रूसी मंत्रालय ने युद्धाभ्यास को लेकर कहा कि, जापान के सागर में रूसी और चीनी नौसेनाएं, समुद्री संचार, समुद्री आर्थिक गतिविधि के क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों में जमीनी सैनिकों के समर्थन की रक्षा के लिए संयुक्त कार्रवाई का अभ्यास करेंगी।

सैन्य अभ्यास की आड़ में ताकत की नुमाइश

सैन्य अभ्यास की आड़ में ताकत की नुमाइश

रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने विदेशी सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा, यह सैन्य अभ्यास किसी भी देश या सैन्य गठबंधन के खिलाफ नहीं है। हम सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने, उनमें और भी अधिक दक्षता लाने और रक्षात्मक दृष्टिकोण से इस सैन्य अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि, नौसैनिक जापान सागर के उत्तरी और मध्य हिस्सों में सैन्य अभ्यास करेंगी।

यूक्रेन में जंग के बाद अलग-थलग पड़ा रूस

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बता दें कि, 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद यह सैन्य अभ्यास मास्को और बीजिंग के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दर्शाता है। वहीं, चीन ने पहले ही रूस की यूक्रेन पर कार्रवाई पर आलोचना करने से इनकार कर दिया है। चीन कह चुका है कि, नाटो का विस्तार करके और मास्को पर प्रतिबंध लगाकर अमेरिका का उद्देश्य युद्ध को और भी अधिक भड़काने का प्रयास मात्र है।

English summary
The Vostok 2022 (East 2022) exercise will be held September 1-7 in various locations in Russia’s Far East and the Sea of Japan and involve more than 50,000 troops and 5,000 weapons units, including 140 aircraft and 60 warships, according to the Russian defence ministry.
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