रूस ने चला ऐसा दांव, भागने लगे कच्चे तेल के दाम, भारत में भी महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल
वाशिंगटन। कच्चे तेल की कम होती कीमत को देखते हुए रूस ने एक ऐसा दांव चल दिया है जिससे दुनिया भर में एक साथ कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने लगी हैं।
रूस की सहमति से तेल मार्केट कैसे आई तेजी
रूस अब ओपेक समूह में शामिल होने के लिए तैयार हो गया है जिससे तेल के उत्पादन को रोका जा सके। इस बात पर अलजीरिया ने भी इस बात पर सहमति जताई है।
रूस के ओपेक देशों का समूह में शामिल होने की खबर आते ही कच्चे तेल के दाम सोमवार को तीन फीसदी तक बढ़ गए।
भारतीय सेना पार करना चाहती थी एलओसी, पर अटल बिहारी वाजपेयी ने रोक दिया: जनरल वी पी मलिक
रूस के इस निर्णय के बाद कच्चे तेल की कीमत अमेरिकी बाजार में प्रति बैरल 53.73 डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है। इस साल के दौरान कच्चे तेल की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची है।
पुतिन ने खुद किया ऐलान
रूस के राष्ट्रपति व्लाीदिमीर पुतिन ने भी कच्चे तेल के उत्पादन को रोकने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र मची हुई उथल-पुथल को समाप्त किया जा सके।
इंस्ताबुल ने एक एनर्जी कांग्रेस में पुतिन ने कहा कि वो तेल निर्यात करने वाले देशों के समूह में शामिल होने के लिए तैयार हैं जिससे तेल के उत्पादन को लेकर बाजार की अस्थितरता को समाप्त करना है।
पहली बार फुल पैंट में RSS, जानिए भागवत के बयान की 6 बातें
ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज 7,00,000 बैरल प्रति दिन कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं।
ओपेक देश आठ सालों में पहली बार अपना तेल उत्पादन घटाएंगे। ऐसा तब हो रहा है जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ चुकी है। ओपेक देशों ने रूस समेत अन्य देशों से भी तेल उत्पादन घटाने की बात कही है।
आने से वापस जाने तक, जानिए क्या-क्या करेंगे पीएम मोदी लखनऊ में