रूस ने तुर्की को चेता दिया, कहा- भूल से भी मत करना सीरिया पर हमला, जानिए क्यों शुरू हुआ ये विवाद
रूस ने तुर्किये से सीरिया में जमीनी हमले से बचने के लिए कहा है। वरिष्ठ रूसी वार्ताकार अलेक्जेंडर लावेरेंटयेव ने बुधवार को कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां हिंसा को बढ़ा सकती हैं।
रूस ने तुर्की से सीरिया में जमीनी हमले से बचने के लिए कहा है। वरिष्ठ रूसी वार्ताकार अलेक्जेंडर लावेरेंटयेव ने बुधवार को कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां हिंसा को बढ़ा सकती हैं। बतादें कि तुर्की ने पिछले दिनों सीरिया पर कई हमलें किए थे जो रूस को पसंद नहीं आई हैं। सीरिया, रूस का बेहद करीबी साथी रहा है। ऐसे में रूस ने तुर्की को चेतावनी दे दी है कि वह सीरिया पर हमले करना बंद कर दे। इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा था कि अंकारा जल्द ही टैंकों और सैनिकों के साथ सीरिया में कुर्द आतंकवादियों पर हमला करेगा।
दोनों तरफ से हुए हवाई हमले
गौरतलब है कि तुर्की के इस्तांबुल के तक्सीम स्कॉयर में हुए इस धमाके में कुल 6 लोगों की मौत हो गई थी और 81 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। तुर्की ने इस धमाके के लिए कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) को जिम्मेदार ठहराया था। इसका बदला लेने के लिए 20 नवंबर को तुर्की ने सीरिया और इराक के उत्तरी इलाकों में एयरस्ट्राइक कर दिया था जिसमें कुल 31 लोग मारे गये थे और कई घायल हो गये थे। इसके बाद फिर सीरिया के उत्तरी इलाके से इसका जवाब आया। तुर्की की सीमा में रॉकेट दाग दिया गया, जिसमें 3 लोग घायल हो गए।
सीरिया को लेकर रूस और तुर्की के संबंधों में कड़वाहट
दोनों देशों के बीच फिर से शुरू हो गए हमले को लेकर अब रूस की प्रतिक्रिया आई है। आपको बता दें कि तुर्की यूं तो नाटो का सदस्य है लेकिन वह रूस के अधिक करीबी है। रूस और तुर्की के बीच पुतिन युग में संबंध दिन प्रतिदिन गहरे होते चले गए हैं। लेकिन सीरिया मुद्दे पर दोनों देशों के संबंध बंटे हुए हैं। तुर्की अपने यहां पर मौजूद कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) को एक आतंकी संगठन मानता है और उसका मानना है कि सीरिया में लड़ रहा YPG इसी की शाखा है, जिसे वो समाप्त करना चाहता है।
PKK को अमेरिका भी मानता है आतंकी संगठन
PKK को अमेरिका भी आतंकी संगठन मानता है लेकिन YPG कुर्द मिलिशिया के नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) से अमेरिका का गठबंधन है क्योंकि इस संगठन की मदद से अमेरिका ISIS पर लगाम लगाने में कामयाब हुआ है। इसे लेकर अमेरिका और तुर्की के बीच संबंधों में गहरी दरार पैदा हो चुकी है। बुधवार को कजाकिस्तान में तुर्की और ईरानी प्रतिनिधिमंडलों के साथ सीरिया वार्ता के नए दौर के बाद लावेंटयेव ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अंकारा में हमारी दलीलें सुनी जाएंगी और वहां समस्या को हल करने के अन्य तरीके खोजे जाएंगे।"
अमेरिका के बिना कुर्द मसले का होगा हल
लवरेंटयेव ने कहा, "अमेरिकी उपस्थिति के बिना, कुर्द मुद्दे को बहुत जल्दी हल किया जा सकता था। रूस, तुर्की और ईरान ने वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कम करने और सीमा पार हमलों और घुसपैठ सहित पड़ोसी देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के उद्देश्य से अलगाववादी योजनाओं का विरोध करने का संकल्प लिया। लवरेंटयेव ने कहा कि पक्षों ने एक पर्यवेक्षक के रूप में चीन को आगे की अस्ताना वार्ता में शामिल करने पर चर्चा की है, एक ऐसा विचार जिस पर ईरान सहमत हो गया है, जबकि तुर्की अभी भी इस पर विचार कर रहा है। बता दें कि साल 2017 में रूस, ईरान और तुर्की ने अस्ताना प्रक्रिया के तहत राजनीतिक बातचीत शुरू की थी।