विजय दिवस पर रूस ने की विध्वंसक हथियारों की प्रदर्शनी, देखकर सहम गई दुनिया
द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के आत्मसमर्पण की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर रूसी सैनिकों ने मॉस्को के रेड स्क्वायर पर विजय दिवस परेड का आयोजन किया।
मास्को, 09 मईः द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के आत्मसमर्पण की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर रूसी सैनिकों ने मॉस्को के रेड स्क्वायर पर विजय दिवस परेड का आयोजन किया। इस अवसर पर रूस ने बड़े पैमाने पर उपने उन्नत हथियारों का प्रदर्शन किया। सोमवार को विजय दिवस मनाने के लिए रूसी सेना के टैंक भी सड़कों पर देखने को मिले। इस दौरान बड़ी संख्या में सैनिक भी रेड स्क्वायर में एकत्र हुए।
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पुतिन ने की रूसी सेना की तारीफ
यूक्रेन पर आक्रमण के कारण पूरी दुनिया में आलोचना का सामना कर रहे राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने रूसी सेना को साहस और बहादुरी का सबूत बताया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में वार्षिक विजय दिवस परेड को संबोधित करते हुए कहा कि "हमारा कर्तव्य वह सब कुछ करना है जिससे वैश्विक युद्ध की भयावहता फिर से न हो।"
रूसी लोगों के बलिदानों को किया याद
रूसी राष्ट्रपति ने विजय दिवस पर अपने सैन्य अधिकारियों को सम्मानित किया और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रूसी लोगों के बलिदानों को याद किया। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध की पीढ़ी की स्मृति को बनाए रखने के लिए पूरे देश की "जिम्मेदारी" है, जिसने सोवियत लोगों को जीतने में मदद की।
खराब मौसम के कारण एयर शो रद्द
मंगलवार की परेड में 110 युद्धक गाड़ियां प्रदर्शित की गयीं, जिसमें रूस के प्रमुख टैंक टी72 का आधुनिक संस्करण भी था। टी14 अरमाता और एस400 मिसाइलों का भी प्रदर्शन किया गया। रूस ने विजय दिवस समारोह के मौके पर आर्कटिक युद्ध के लिए विकसित हवाई प्रतिरक्षा पद्धति की भी नुमाइश की। इससे पहले इस प्रतिरक्षा सिस्टम को किसी परेड में नहीं दिखाया गया था। खराब मौसम के कारण परेड के दौरान एयर शो को रद्द कर दिया गया
रूस की नौसेना भी हुई शामिल
रूस की नौसैनिक इंफेंट्री ने भी विजय दिवस की परेड में हिस्सा लिया। अमेरिका की यूएस मरीन जैसी ये टुकड़ी 18वीं सदी में रूस के जार पीटर द ग्रेट के शासन काल में बनायी गयी थी।
प्रसिद्ध टैंक 34 को भी किया गया शामिल
इस अवसर पर सोवियत संघ का प्रसिद्ध टी 34 टैंक द्वितीय विश्वयुद्ध में रेड आर्मी की मिलिटरी मशीनरी का अहम हिस्सा था। हर साल विजय दिवस के परेड के मौके पर उसे अतिरिक्त सम्मान मिलता है।
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