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यूक्रेन में खून जमा देने वाली ठंड से बुरी तरह बिगड़े हालात, रूसी बमबारी पर भारी पड़ रही बर्फबारी

ऊर्जा संयंत्रों के नष्‍ट होने के कारण महज चार घंटे विद्युत आपूर्ति हो रही है। ऐसे में शून्य डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में लोगों को जंग और ठंड दोनों से एक साथ जूझना पड़ रहा है।

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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब दसवें महीने में प्रवेश कर चुका है। बीते कुछ समय से यूक्रेन इस युद्ध में बढ़त बनाता हुआ दिख रहा था लेकिन अब एक बार फिर से रूस ने अपने शत्रु पर अपना वर्चस्व बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसकी वजह यूक्रेन में पड़ रही भीषण सर्दी है। रूस ने हाल के समय में इस युद्ध में अपना तरीका बदला और उसने यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर प्रहार करना शुरू कर दिया है।

russia ukraine war

Image- PTI

देशभर में ब्‍लैकआउट की स्थिति

देशभर में ब्‍लैकआउट की स्थिति

यूक्रेन की राजधानी कीव सहित पूरे यूक्रेन में खून जमा देने वाली ठंड शुरू हो गई है। रूसी सैनिक वह हर कोशिश कर रहे हैं जिससे यूक्रेन ठंड से बचने के लिए हर आवश्यक चीजों से मरहूम हो जाए। इसके लिए रूसी सैनिक बिजली संयंत्रों पर हमले कर यूक्रेन के आम लोगों को ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर कर रहे हैं। रूसी सेना के हमलों से यूक्रेन में ऊर्जा संयंत्रों को भारी नुकसान हुआ है। देशभर में ब्‍लैकआउट की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई है।

कीव में चार घंटे से अधिक बिजली मिलना मुश्किल

कीव में चार घंटे से अधिक बिजली मिलना मुश्किल

कीव को बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी यास्नो के मुख्य परिचालन अधिकारी सर्गेई कोवलेंको ने कहा कि राजधानी की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोलवेंको ने संकेत दिया कि चार घंटे से अधिक बिजली सुविधा मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि यदि किसी इलाके में चार घंटे बिजली नहीं मिल रही है, तो उन्हें इसके बारे में सूचित करें, सहकर्मी आपको यह पता लगाने में मदद करेंगे कि समस्या क्या है।

एक तिहाई आबादी को बिजली नसीब नहीं

एक तिहाई आबादी को बिजली नसीब नहीं

यूक्रेन के लगभग एक तिहाई आबादी को बिजली नसीब नहीं हो रही है। इससे न सिर्फ वहां के लोगों का बल्कि सैनिकों का भी हौसला टूट रहा है। ऊर्जा संयंत्रों के नष्‍ट होने के कारण महज चार घंटे विद्युत आपूर्ति हो रही है। ऐसे में शून्य डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में लोगों को जंग और ठंड दोनों से एक साथ जूझना पड़ रहा है। इससे पहले लोग ठंड के प्रकोप से बचने के लिए घरों और दफ्तरों में हीटर का उपयोग करते थे, लेकिन बिजली सप्लाई में घनघोर कमी होने से हीटर का प्रयोग अब बीते जमाने की बात हो गई है।

रणनीति में बदलाव कर सकती है रूसी सेना

रणनीति में बदलाव कर सकती है रूसी सेना

यदि ठंड की बात की जाए तो रूस और यूक्रेन दोनों के हालत लगभग समान ही हैं। लेकिन रूस बेहतर स्थिति में इसलिए है क्योंकि यह युद्ध यूक्रेन की सीमा में हो रहा है। रूसी जनता चैन की नींद सो रही है मगर यूक्रेनी लोगों को ठंड में ठिठुड़ना पड़ रहा है। यही वजह है कि रूसी सेना ने फरवरी के आखिर में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। यूक्रेन के दक्षिणी हिस्‍से में और काला सागर के तटीय इलाकों में बाकी जगहों की तुलना में कम ठंड पड़ती है। इसलिए ऐसी आशंका भी जताई जा रही है कि रूसी सेना इस ठंड में अपनी सैन्‍य रणनीति में बदलाव कर सकती है और यूक्रेन के दक्षिण हिस्‍से पर एक नया मोर्चा खोल सकती है।

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English summary
Russia is preparing to torture Ukraine in the cold
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