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भारत ने 'दोस्‍त' रूस को तालिबान के साथ करीबियों पर दी चेतावनी

अफगानिस्‍तान में तालिबान से करीब हो रहे ईरान और रूस ने बढ़ाई भारत की चिंताएं। भारत ने दी रूस को चेतावनी कुछ ऐसा न करें जिससे 15 वर्ष की मेहनत मिट्टी में मिल जाए।

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नई दिल्‍ली/मॉस्‍को। भारत ने अपने पुराने रणनीतिक साझीदार रूस को तालिबान के साथ बढ़ती करीबियों को लेकर उसे चेतावनी दी है। भारत ने रूस को अपना एक खास दोस्‍त तो बताया लेकिन यह भी कहा कि तालिबान के साथ अफगानिस्‍तान में बढ़ती उसकी करीबियों की वजह से काफी परेशानिया हो सकती हैं।

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विदेश मंत्रालय ने जारी की चेतावनी

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को एक बयान जारी किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विकास स्वरूप ने कहा, 'जहां तक तालिबान की बात है तो रूस को अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मौजूद बातों को मानना होगा, उन्‍हें आतंकवाद और हिंसा को त्‍यागना होगा, अल कायदा को अलग-थलग करना होगा, लोकतंत्र के नियमों का पालन करना होगा और ऐसा कुछ भी न करें जिससे पिछले 15 वर्षों में जो नतीजे मिले हैं, वह मिट्टी में मिल जाएं।'

इसे भारत की चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। भारत का मानना है कि रूस का अफगानिस्‍तान में नया कदम गंभीर समस्‍या को बढ़ाने वाला है।

विकास स्‍वरूप ने कहा कि इन सबके बावजूद भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन भारत इस नए घटनाक्रम से परेशान जरूर है।

तालिबान सैन्‍य आंदोलन, आईएसआईएस जेहाद

पिछले दिनों अफगानिस्‍तान के ऊपरी सदन को संबोधित करते हुए रूस के राजदूत एलेक्‍जेंडर मैनटिटस्‍की ने कहा था, 'जमीर काबुलोव (रूस के विदेश मंत्रालय में टॉप ऑफिसर) ने कहा है कि रूस और तालिबान का मकसद आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में एक ही है।'

उन्‍होंने उस समय तालिबान को 'राष्‍ट्रीय सैन्‍य-राजनीतिक आंदोलन' करार दिया लेकिन आईएसआईएस को एक वैश्किव जेहादी आंदोलन बताया। मैनटिटस्‍की ने कहा कि आईएसआईएस सेंट्रल एशिया और रूस को अस्थिर कर सकता है।

तालिबान ने किया था दावा

पिछले दिनों न्‍यूज एजेंसी रायटर्स ने एक तालिबानी अधिकारी के हवाले से लिखा था रूस और तालिबान के बीच वर्ष 2007 से ही संपर्क बने हुए हैं।

इस तालिबानी अधिकारी ने बताया था कि तालिबान और रूस का मकसद एक ही है और वह है अफगानिस्‍तान से अमेरिका को हटाना।

तालिबान ने कहा कि रूस भी चाहता है कि अफगानिस्‍तान से विदेशी फौजें चली जाएं। तालिबान ने इस बात से इंकार कर दिया था कि रूस सिर्फ उसे 'नैतिक और राजनीतिक समर्थन' देता है।

ईरान भी हो रहा करीब

वहीं ईरान भी तालिबान से करीब हो रहा है। ईरान का मकसद अफगानिस्‍तान से आईएसआईएस का वजूद खत्‍म करना है। इस वजह से वह तालिबान के साथ बातचीत करने में लगा है।

हालांकि ईरान ने इन सभी आरोपों से इंकार कर दिया है लेकिन ईरान के एक मौलाना ने पिछेल दिनों कहा था कि ईरान के कुछ अधिकारी आईएसआईएस के संपर्क में हैं।

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English summary
Russia has issued a statement and said that it regards Taliban as a 'national military-political movement'. While Iran too is trying to reach Taliban.
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