युद्ध के 48वें दिन रूस ने बदल दी बाजी, यूक्रेन को मिले S-300 मिसाइल को उड़ाया, नाटो का चक्रव्यूह टूटा!
नाटो की सैन्य समिति के अध्यक्ष, एडमिरल रॉब बाउर ने कहा है कि, यह स्वीडन और फिनलैंड जैसे देशों का संप्रभु अधिकार है कि वे यह तय करें कि वे नाटो गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं या नहीं।
कीव/मॉस्को, अप्रैल 12: यूक्रेन में रूसी हमलों का आज 48वां दिन है और रूस ने एक बार फिर से कुछ दिनों की धीमी लड़ाई के बाद तबाही मचानी शुरू कर दी है। रूस अब उन हथियारों को निशाना बना रहा है, जो यूक्रेन को दूसरे देशों से मिले हैं और रूस ने दावा किया है कि, रूसी सेना ने यूक्रेन को एक यूरोपीय देश से मिले एस-300 मिसाइल सिस्टम को तबाह कर दिया है। हालांकि, रूस ने यह नहीं बताया है, कि यूक्रेन को किस यूरोपीय देश की तरफ से ये मिसाइल सिस्टम मिली थी।
एस-300 मिसाइल लॉन्चर्स उड़ाए
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने सोमवार को दावा किया है कि, रूसी कलिब्र मिसाइलों ने रविवार को मध्य-पूर्वी यूक्रेनी शहर निप्रो के बाहरी इलाके में एक हैंगर में छुपाए गए चार एस-300 लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है और रूसी हमले में कम से कम 25 यूक्रेनी सैनिक मारे गये हैं। वहीं, रिपोर्ट है कि, रूस ने जिन मिसाइलों को उड़ाने का दावा किया है, वो मिसाइल सिस्टम यूक्रेन को स्लोवाकिया की तरफ से दिए गये थे। हालांकि, स्लोवाकिया ने फिलहाल इस बात से इनकार किया है, कि उसने जो मिसाइल आपूर्ति की थी, उसे नष्ट कर दिया गया है।
रूस के भीषण हमले जारी
स्लोवाकिया प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से इस बाबत एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें एस-300 मिसाइल सिस्टम के नष्ट होने के दावे को 'झूठा दावा' करार दिया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है, कि दोनों पक्ष एक ही हमले की ओर इशारा कर रहे हैं या नहीं। यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई थी। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, उसके बलों ने हाल के दिनों में तीन अलग-अलग स्थानों पर मिसाइल रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि, उन्होंने इज़ियम शहर के पास दो यूक्रेनी एसयू-25 विमानों को भी मार गिराया और दो गोला बारूद डिपो को नष्ट कर दिया है, जिनमें से एक डिपो दक्षिणी शहर मायकोलाइव के पास था।
पूर्वी यूक्रेन में रूस को कामयाबी
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि, पूर्वी यूक्रेन में रूस सेना को काफी सफलताएं मिल रही हैं और बख्तरबंद गाड़ियों का लाभ रूस को मिल रहा है। वहीं, आपको बता दें कि, रूस ने अब अपना ध्यान डोनबास इलाके पर ही केन्द्रित कर रखा है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि, 24 फरवरी के आक्रमण के बाद, रूसी सेना ने राजधानी कीव पर नियंत्रण स्थापित करने की काफी कोशिश की, लेकिन रूस को कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद अब रूस ने अपना सारा ध्यान डोनबास इलाके पर रखा है और अब एस-300 मिसाइल सिस्टम उड़ाने का दावा किया है। आपको बता दें कि, संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को कहा है कि, उसने यूक्रेन को भेजे गए S-300 वायु रक्षा प्रणालियों को बदलने के लिए स्लोवाकिया को एक पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली भेजी है।
कैमिकल हथियारों से लड़ाई की बात से इनकार
वहीं, रूस समर्थित अलगाववादी कमांडर एडुआर्ड बसुरिन ने इंटरफैक्स समाचार एजेंसी को बताया कि, रूसी समर्थित अलगाववादी ताकतों ने यूक्रेनी आरोपों के बावजूद मारियुपोल पर पूर्ण नियंत्रण लेने के अपने प्रयासों में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया। यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री हन्ना मलयार ने मंगलवार को कहा था कि, रूस जंग में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर र हा है और दक्षिण-पूर्वी यूक्रेनी बंदरगाह शहर की घेराबंदी के दौरान फास्फोरस के हथियारों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
नाटो में शामिल होगा स्वीडन, फिनलैंड?
नाटो की सैन्य समिति के अध्यक्ष, एडमिरल रॉब बाउर ने कहा है कि, यह स्वीडन और फिनलैंड जैसे देशों का संप्रभु अधिकार है कि वे यह तय करें कि वे नाटो गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं या नहीं। सियोल में पत्रकारों से बात करते हुए, बाउर ने कहा कि, नाटो ने किसी भी राज्य पर गठबंधन में शामिल होने के लिए या किसी भी देश के लिए यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराने के लिए दबाव नहीं डाला है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने स्वीडन और फिनलैंड को चेतावनी दी है, कि अगर वो नाटो में शामिल होने की कोशिश करता है, तो उसे भी यूक्रेन जैसे हालात का ही सामना करना पड़ेगा, लिहाजा रूस की धमकी के बाद नाटो के तेवर ढीले पड़ गये हैं।
रूस के 19500 सैनिक मारे गये?
वहीं, यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने दावा किया है कि, 24 फरवरी को अपने आक्रमण की शुरुआत के बाद से रूस ने 19,500 कर्मियों, 732 टैंकों और 157 विमानों को खो दिया है। वहीं, कैमिकल हथियारों के इस्तेमाल के आरोप पर पेंटागन ने कहा है कि, यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की रिपोर्ट्स आ रही हैं और अगर इन रिपोर्ट्स में सच्चाई है, तो फिर ये काफी चिंता की बात है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, रूसी सेना ने यूक्रेन में आंसू गैस के जो गोले दागे हैं, उसमें रासायनिक हथियार का मिश्रण था। इसके साथ ही अलग अलग रासायनिक एजेंटों सहित दंगा नियंत्रण एजेंटों का इस्तेमाल किया गया है, जिसको लेकर पेंटागन ने गहरी चिंता जताई है।
प्रतिबंधों से बचने की कोशिश
वहीं, राष्ट्रपति पुतिन चीन के साथ सीमा पर स्थित रूसी शहर ब्लागोवेशचेंस्क पहुंचे हैं, जहां वो बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात करेंगे। रूसी राज्य मीडिया आरआईए समाचार ने इसकी रिपोर्ट दी है। वहीं, आधिकारिक वार्ता से पहले दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष हेलीकॉप्टर के जरिए बंदरगाह शहर वोस्तोचन कोस्मोड्रोम और बुनियादी सुविधाओं के निर्माण का जायजा भी लेंगे। कॉस्मोड्रोम में होने वाली आमने-सामने की बैठक में दोनों देशों के राष्ट्रपति पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गये प्रतिबंधों को बेसअर करने के लिए सामूहिक कोशिश करने की रणनीति बना सकते हैं।