नाटो ने भी माना चीन को दुनिया के लिए खतरा, कहा- बड़े पैमाने पर सेना तैयार कर रहा यह देश
रूस को प्रत्याक्ष खतरा घोषित करने के बाद नाटो ने पहली बार चीन को रणनीतिक प्राथमिकता में शामिल किया है। चीन की महत्वाकांक्षा और पीड़ा देने वाली नीतियां पश्चिमी देशों के हितों, सुरक्षा और मूल्यों के लिए चुनौती बन गईं है।
मैड्रिड, 30 जून: रूस को प्रत्याक्ष खतरा घोषित करने के बाद नाटो ने पहली बार चीन को रणनीतिक प्राथमिकता में शामिल किया है। मैड्रिड में आयोजित बैठक में नाटो देशों ने कहा कि चीन की महत्वाकांक्षा और पीड़ा देने वाली नीतियां पश्चिमी देशों के हितों, सुरक्षा और मूल्यों के लिए चुनौती बन गईं है। नाटो ने कहा कि चीन ने वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं।
चीन की महत्वाकांक्षा बनी चुनौती
नाटो ने अगले दशक के लिए अपना ब्लू प्रिंट जारी किया है और इसमें चीन को लेकर चेतावनी दी गई है। इस रिपोर्ट में नाटो ने रूस को सैन्य संगठन के शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बताया है। इसमें नाटो देशों ने यह भी कहा है कि चीन की सैन्य महत्वाकांक्षा, उसका ताइवान को लेकर टकराव वाला बयान और उसका मास्को के साथ बढ़ता संबंध 'व्यवस्थित चुनौती' बन गया है।
बड़े पैमान पर सेना तैयार कर रहा चीन
नाटो
के
महासचिव
जेंस
स्टोल्टबर्ग
ने
कहा
कि
चीन
बड़े
पैमाने
पर
अपनी
सेना
तैयार
कर
रहा
है।
इसमें
परमाणु
हथियार,
पड़ोसियों
को
डराना
और
ताइवान
को
धमकी
देने
से
लेकर
आधुनिक
तकनीक
की
मदद
से
अपने
नागरिकों
की
निगरानी
और
उनका
नियंत्रण
करना
और
रूस
के
झूठ
को
फैलाना
शामिल
है।
नाटो
महासचिव
ने
यह
भी
कहा
कि
चीन
हमारा
दुश्मन
नहीं
है
लेकिन
हमें
उसकी
ओर
से
पेश
की
गई
गंभीर
चुनौतियों
को
लेकर
स्पष्ट
होना
होगा।
रूस को भी नाटो ने लताड़ा
नाटो महासचिव ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से हमारी सामूहिक रक्षा का सबसे बड़ा बदलाव लाया है। रूस के इस कुकृत्य ने यूरोप की शांति को भंग कर दिया है। इस शिखर सम्मेलन में नाटो नेताओं ने गठबंधन के पूर्वी हिस्से में सैन्यबल को नाटकीय रूप से बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जहां रोमानिया से लेकर बाल्टिक देशों तक के देश रूस की भविष्य की योजनाओं के बारे में चिंतित हैं।
पुतिन की सोच का हुआ उल्टा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूरोप में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति में भारी वृद्धि की घोषणा की, जिसमें पोलैंड में एक स्थायी अमेरिकी बेस, स्पेन में दो नौसेना विध्वंसक बेस और दो एफ-35 स्क्वाड्रन शामिल हैं। बाइडेन ने कहा कि पुतिन को भरोसा था कि यूक्रेन पर आक्रमण के बाद नाटो के सदस्य अलग हो जाएंगे लेकिन रूस को इसकी विपरीत प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बाइडेन ने कहा कि यूरोप का नाटोकरण हो रहा है, जबकि रूस हकीकत में ऐसा बिल्कुल नहीं चाहता था।
चीन ने नाटो को दी चेतावनी
इस बीच संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने नाटो को चेतावनी दी है कि वह यूक्रेन संकट के बहाने गुटों में टकराव कर नए शीतयुद्ध को बढ़ावा न दे। चीन ने कहा कि शीतयुद्ध बहुत पहले खत्म हो गया। नाटो के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी स्थिति और अपनी जिम्मेदारियों पर पुनर्विचार करे, टकराव पर आधारित शीतयुद्ध की मानसिकता को पूरी तरह से त्याग दे और एक संतुलित, प्रभावी और टिकाऊ यूरोपीय सुरक्षा ढांचा बनाने का प्रयास करे।
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