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दस्तानों का असरः वायरस से बचाकर जहर घोल रही है सावधानी

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बच्चों को फास्ट फूड बहुत पसंद होता है. और बड़ों को भी. पर इसे बनाने के दौरान विनाइल दस्तानों से जहरीले केमिकल्स बर्गर और पेस्ट्री में घुल जाते हैं. और यह जहर फिर लोगों को शरीर में पहुंच रहा है.

Provided by Deutsche Welle

कोविड महामारी के दौरान मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने हर उद्योग का एक जरूरी अंग बन चुके हैं. दो साल पहले आपके स्थानीय कैफे या हेयर ड्रेसर दस्ताने पहने तो नहीं दिखते थे. लेकिन महामारी ने आदतें और जरूरतें बदल दी हैं.

नतीजा यह हुआ है कि रबर के ये दस्ताने रेस्तराओं की रसोइसयों में भी पहुंच गए हैं. अब सलाद परोसना हो या बर्गर बनाने हों, किचन में काम करने वाले लोग रबर के दस्तानों के बिना खाना नहीं छूते. जाहिर है, ऐसा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हो रहा है. लेकिन इस कारण जो फैल रहा है वह भी कम खतरनाक नहीं है. वे हैं जहरीले रसायन जो इस दस्तानों से खाने में और खाने से इन्सानों में जा रहे हैं.

समस्या पुरानी है

जर्नल ऑफ एक्सपोजर साइंस एंड एन्वायर्नमेंटल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. वैसे तो यह भी एक कड़वा सच है कि खाने में ही कई जहरीले रसायन शामिल होते हैं. उगाने के दौरान केमिकलों के छिड़काव से लेकर प्रोसेसिंग के दौरान कई चरणों में खाना इन जहरीले रसायनों के संपर्क में आता है.

अब से पहले हुए अध्ययन बताते हैं कि कैसे टूथपेस्ट में शामिल माइक्रोप्लास्टिक समुद्रों में पहुंच रहा है. वहां से यह मछलियों में पहुंचता है, जिन्हें मनुष्य खाते हैं. और फिर शॉपिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले बैग, खाने के डिब्बे और न जाने कितनी चीजें ऐसी हैं जो खाने में जहरीले रसायन पहुंचा रही हैं.

अध्ययन यह भी बता चुके हैं कि खाद्य पदार्थों के उत्पादक और सुपरमार्केट खाने को पैक करने के लिए जो पैकेजिंग इस्तेमाल करते हैं, वे भी जहरीले रसायनों का स्रोत होती हैं. यानी, समस्या तो पहले से ही गंभीर है.

लेकिन नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने रबर यानी विनाइल से खाने में आने वाले रसायनों पर ध्यान केंद्रित किया. खासकर रेस्तराओं में खाना बनाते और परोसते वक्त इस्तेमाल होने वाले दस्तानों पर.

कितने खतरनाक हैं रसायन

वैसे यह अध्ययन शुरुआती ही है. इसके शोधकर्ता कहते हैं कि वे अमेरिका के फास्ट फूड रेस्तराओं में खाने में ऑर्थो-फ्थालेट और प्लास्टिसाइजर्स के स्तर का अध्ययन करना चाहते थे. फ्थालेट्स और प्लास्टिसाइजर्स वे रासयन हैं जो रबर के दस्ताने बनाते वक्त विनाइल में मिलाए जाते हैं ताकि वे नरम महसूस हों.

शोधकर्ताओं ने पाया कि हैमबर्गर, चिकन नगेट्स, बरितोज और अन्य फास्ट फूड इन रसायनों से भरपूर थे. यह खतरनाक है क्योंकि इन रसायनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

एक फ्थालेटडिसे डीबीपी के नाम से जाना जाता है, फर्श के लिए प्रयोग होने वाले पीवीसी कवरिंग और प्रिंटिंग की स्याही आदी में काम आता है. लेकिन इसे बच्चों के लिए बनाए जाने वाले सभी उत्पादों के लिए प्रतिबंधित किया हुआ है क्योंकि इसे कार्सियोजेनिक माना जाता है.

शोधकर्ता लिखते हैं, "हमें खाने के सभी नमूनों में ऑर्थो फ्थालेट्स मिले. डीबीपी सबसे ज्यादा पाया गया. 81 प्रतिशत चीजों में डीबीपी मिला है." शोधकर्ताओं ने डीईएचटी नाम का एक प्लास्टिसाइजर भी पाया जो बोतलों के ढक्कन, कन्वेयर बेस्ट और जलरोधी कपड़े आदि बनाने में प्रयोग होता है.

शोधकर्ताओं ने टेंडर नामक एक योजना का हवाला दिया है जिसमें पाया गया था कि फ्थालेट के संपर्क से बच्चों में सीखने, ध्यान देने और व्यवहार संबंधी समस्याएं आती हैं.

रिपोर्टः जुल्फिकार ऐबैनी

Source: DW

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English summary
rubber gloves rub off on fast food study finds
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