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पीएम मोदी और विक्रमसिंघे की मुलाकात थी श्रीलंका में राजनीतिक हलचल की स्क्रिप्‍ट!

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कोलंबो। श्रीलंका में जो कुछ भी हुआ है उसे 'अलोकतांत्रिक तख्‍तापलट' करार दिया जा रहा है। इन राजनीतिक हालातों पर करीब से नजर रखने वालों की मानें तो इस घटनाक्रम की ओर पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने उस समय ही इशारा कर दिया था जब वह पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के लिए भारत आए थे। सितंबर माह‍ से ही श्रीलंका में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे थे। इस बीच ही वर्तमान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भारत आए। द हिंदू ने श्रीलंका के राष्‍ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के करीबी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पिछले दिनों रानिल और पीएम मोदी की मुलाकात के बाद जो बयान जारी किया गया, वही विक्रमसिंघे के पतन की वजह बना था। शुक्रवार को सिरीसेना ने जो फैसला लिया उसने विक्रमसिंघे को भी चौंका कर रख दिया था। ये भी पढ़ें-श्रीलंका समेत भारत के पड़ोसी देशों चीन बढ़ा रहा है अपना प्रभाव

20 अक्‍टूबर को मिले थे दोनों नेता

20 अक्‍टूबर को मिले थे दोनों नेता

श्रीलंका के मीडिया की मानें तो सिरीसेना और राजपक्षे हाल ही में मिले थे और दोनों के बीच गठबंधन की भी बात हुई थी। साल 2015 में हालांकि सिरीसेना ने राजपक्षे की सरकार को हराया था और इसके बाद सत्‍ता पर काबिज हुए थे। मोदी और विक्रमसिंघे 20 अक्‍टूबर को मिले थे। यहां पर विक्रमसिंघे की ओर से बयान जारी किया और इस बयान के बाद ही उनके 'द एंड' की स्क्रिप्‍ट लिखी गई। कोलंबो स्थित एक सूत्र के हवाले से हिंदू ने लिखा है, 'विक्रमसिंघे के बयान से ऐसा लगा कि वह राष्‍ट्रपति को निशाना बना रहे हैं और सीधे तौर पर भारतीय प्रोजेक्‍ट्स में देरी के लिए उन्‍हें जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं।' गुरुवार को श्रीलंका की संविधान परीषद ने सिरीसेना की ओर से नामांकित किए गए सुप्रीम कोर्ट और कोर्ट ऑफ अपील के लिए दो नामों को भी खारिज कर दिया था।

राष्‍ट्रपति को मारने की साजिश बड़े उलटफेर का प्‍लॉट!

राष्‍ट्रपति को मारने की साजिश बड़े उलटफेर का प्‍लॉट!

शुक्रवार को श्रीलंका की पुलिस ने एक स्‍पेशल मीडिया ब्रीफिंग की। इस ब्रीफिंग में पुलिस ने उस साजिश के बारे में जानकारी दी जो सिरीसेना पर हमले से जुड़ी थी। पुलिस प्रवक्‍ता गुनाशेखरा ने बताया कि सीआईडी की जांच में पुलिस के मुखबिर नमल कुमार के पास मौजूद फोन रिकॉर्डिंग्‍स को जांचा गया है। इसके मुताबिक कुमारा का दावा है कि उन्‍हें साजिश के बारे में तो मालूम था लेकिन इस बात के कोई सुबूत नहीं है। सूत्रों की ओर से कहा गया है कि पुलिस के पास जो मैसेज हैं वह राष्‍ट्रपति पर मौजूद खतरे को बयां करने के लिए काफी नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक यह सभी डेवलपमेंट इन राजनीतिक घटनाक्रमों से जुड़े हो सकते हैं।

मीडिया राजपक्षे के नियंत्रण में

मीडिया राजपक्षे के नियंत्रण में

इस बीच श्रीलंका के सरकारी अखबार लेक हाउस न्‍यूजपेपर्स को राजपक्षे समर्थित श्रीलंका पादुजना पेरामुना (एसएलपीपी) ट्रेड यूनियंस ने टेकओवर कर लिया है। शनिवार को अखबार ने जिस तरह से राजपक्षे की वापसी की खबर छापी, उसने भी इस तरफ इशारा किया अखबार को मीडिया मिनिस्‍ट्री नहीं नियंत्रित कर रही है। न्‍यूज एजेंसी रायटर्स का कहना है कि सरकार चैनल रुपावाहिनी भी कुछ देर के लिए ऑफ एयर हो गया था।

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English summary
Ranil wickremesinghe and Prime Minister Narendra Modi meeting was like an indication of coming political coup in Sri Lanka.
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