France Pension Strike: भारत में रिटायरमेंट एज बढ़ाने पर खुशी, फ्रांस में फिर क्यों है नाराजगी?
दुनिया भर की सरकारें मौजूदा पेंशन सिस्टम को देश के लिए नुकसानदेह बताती हैं और इसे बदलने के प्रयास कर रही हैं। दरअसल लोगों के रिटायर होने के बाद पेंशन फंड पर दबाव बढ़ रहा है और सरकारों के लिए इसे देना मुश्किल हो रहा है।
Image: Oneindia
फ्रांस में पेंशन सुधारों के लिए लोग दो महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल फ्रांस सरकार के पेंशन से जुड़े नए प्रस्तावों में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की योजना है। इसके साथ ही न्यूनतम सेवा काल अवधि बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। सरकार के इन प्रस्तावों से देश में कामकाजी वर्ग बेहद नाराज नजर आ रहा है। ड्राइवर से लेकर सफाई कर्मचारी तक सरकार के खिलाफ हो गए हैं और सड़कों पर उतर आए हैं। इन हड़तालों से परिवहन, ऊर्जा और बंदरगाहों सहित लगभग सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
जॉइंट कमेटी करेगी रिव्यू
देश की सभी यूनियनें जिनमें तथाकथित 'सुधारवादी' यूनियन भी शामिल हैं, वे भी इस योजना का विरोध कर रही हैं। यह नया बिल 11 मार्च को सीनेट से पास हो चुका है। इस अलोकप्रिय प्रस्ताव को लेकर गुरुवार को एक ज्वाइंट कमिटी रिव्यू करने वाली है। यदि यह बिल आज पास हो जाता है तो इसे लेकर संसद के दोनों सदनों में फाइनल वोटिंग होगी। इसके बाद नई पेंशन योजना को लागू कर दिया जाएगा। नई पेंशन योजना के लागू होने के बाद रिटायरमेंट की उम्र को 62 से बढ़ा कर 64 कर दिया जाएगा।
नई पेंशन स्कीम के विरोध में जनता
इसके साथ ही पूरी पेंशन के लिए जरूरी न्यूनतम सेवा काल की अवधि भी बढ़ा दी जाएगी। नई पेंशन योजना के प्रस्तावों के तहत 2027 से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल 43 साल काम करना होगा। अभी तक ये न्यूनतम सेवा काल 42 साल था। फ्रांस की सरकार शेयर-आउट पेंशन सिस्टम की जमकर प्रशंसा कर रही है और इसे कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय बता रही है। हालांकि लोग इस योजना को पसंद नहीं कर रहे हैं। सर्वेक्षणों के अनुसार, देश की लगभग तीन-चौथाई जनता सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का विरोध कर रही है।
पेरिस की सड़कों पर 7,000 टन कचरा जमा
इस योजना के विरोध की वजह से फ्रांस की राजधानी पेरिस की सड़कों पर गंदगी का अंबार दिख रहा है। राजधानी पेरिस की सड़कों पर करीब 7,000 टन कचरा जमा हो गया है। देश में कई जगहों पर ट्रेनें और उड़ानें बाधित हुईं हैं। यहां तक की परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के कर्मचारियों ने बिजली उत्पादन बंद कर दिया है। पेंशन सुधार को लेकर देश में राष्ट्रपति मैक्रों की सुधारवादी साख दांव पर लगी हुई है। यहां तक की धुर-दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन भी सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के खिलाफ हैं। पेंशन घाटे को दूर करने के लिए वह कर वृद्धि की मांग कर रही हैं।
Andy Vermaut shares:Rubbish piles up in strike-bound Paris https://t.co/AlFusj08lu Thank you. pic.twitter.com/dYKZ6GWJpv
— Andy Vermaut (@AndyVermaut) March 12, 2023
क्यों नुकसानदेह है मौजूदा स्कीम?
सरकार का कहना है कि मौजूद सिस्टम देश के लिए नुकसानदेह है क्योंकि फ्रांस में काम करने वालों और रिटायर हो चुके लोगों के बीच का अनुपात तेजी से कम हो रहा है। इसी वजह से रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा रही है। 50 साल पहले कामकाजी लोगों और सेवानिवृत्त लोगों को अनुपात 4:1 था। यह अब खिसक कर 1:1.7 आ चुका है। अगर आसाना भाषा में कहें तो पांच दशक पहले चार सौ काम करने वाले लोगों के बदले 100 पेंशनधारी होते थे। अब 100 काम करने वाले लोगों के बदले 107 पेंशनधारी हो चुके हैं। ऐसे में सरकार का सिस्टम गड़बड़ हो चला है।
यूरोप से अमेरिका तक क्या हाल?
यूरोप की जनसंख्या तेजी से बुजुर्ग होती जा रही है ऐसे में वहां लगभग देशों ने पेंशन संबंधी बदलाव किए हैं। फ्रांस से पहले इटली, जर्मनी, स्पेन जैसे कई अन्य यूरोपीय देशों ने आधिकारिक सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए इटली और जर्मनी में रिटायरमेंट की उम्र अब 67 हो चुकी है वहीं स्पेन में यह 65 है। अगर ब्रिटेन की बात की जाए तो यहां वर्तमान में रिटायरमेंट की उम्र 66 है। अमेरिका में भी रिटायरमेंट की उम्र 66 साल है और इसे एक साल बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
भारत में क्या है स्थिति?
भारत में रिटायमेंट की आयु विभिन्न सेक्टर और नियमों के मुताबिक अलग-अलग है। केंद्र सरकार द्वारा रिटायरमेंट की उम्र 60 साल है वहीं राज्य सरकारो में यह 58 से 60 साल तक है। बिहार राज्य के कुछ विभागों में यह 62 साल है। प्राइवेट सेक्टर में यह अलग-अलग हो सकता है। हालांकि कई राज्यों में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग भी सरकार से होती रही है। भारत में सुप्रीम कोर्ट के जज की रिटायरमेंट उम्र 65 साल है जबकि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लिए ये उम्र 62 साल है। 60 के दशक में भारत में रिटायरमेंट की उम्र घटाकर 58 साल कर दी गई थी लेकिन फिर मई 1998 में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 कर दी।
Recommended Video