हर साल 6 लाख बच्चों की जान ले रहा प्रदूषण: यूनिसेफ
प्रदूषण बनता जा रहा दुनियाभर के सामने बड़ी चुनौती।
अमेरिका। दिवाली पर प्रदूषण के बढ़ने और इससे होने वाले नुकसान को लेकर हो रही चर्चा के बीच यूनिसेफ ने प्रदूषण को लेकर एक और रिपोर्ट जारी की है। इस सर्च के अनुसार, प्रदूषण बड़ी संख्या में बच्चों की जान ले रहा है।
यूनियेफ ने रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। रिपोर्ट कहती है कि दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ बच्चे बेहद जहरीली हवा में सांस लेते हैं, जिसका उनके शरीर पर बेहद खराब असर डाल रही है।
बेहद जहरीली हवा में रहने वाले बच्चों में सबसे ज्यादा तादाद दक्षिण एशियाई बच्चों की है। 30 करोड़ में से तकरीबन 22 करोड़ बच्चे दक्षिण एशिया के हैं, जो जहरीली हवा में सांस लेने को विवश हैं।
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हर सातवां बच्चा ले रहा जहरीली हवा में सांस
यूनिसेफ के रिपोर्ट के मुताबिक, निमोनिया और सांस लेने संबंधी कई बीमारियों की जड़ वायु प्रदूषण है। पांच साल से कम उम्र के 10 बच्चों में से एक बच्चे की मौत की वजह ऐसे रोग होते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के सात बच्चों में से एक बच्चा ऐसी बाहरी हवा में सांस लेता है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से कम से कम छह गुना अधिक दूषित है।
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रिपोर्ट के मुताबिक इन तरह की हवा में सांस लेने के बच्चों को भारी नुकसान होते हैं। इससे बच्चे के दिमाग का भी विकास नहीं हो पाता है।
यूनिसेफ की रिपोर्ट कहती है कि हर साल छह लाख बच्चों की मौत प्रदूषण की वजह से हुई बीमारियों से हो रही है।