पीएम मोदी ने ईरान में आखिरी दिन पर याद दिलाया गालिब का एक शेर
तेहरान। सोमवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय ईरान दौरे का आखिर दिन है। इस मौके पर प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और साथ ही पीएम ने राष्ट्रपति हसन रूहानी से भी मुलाकात की।
तेहरान पहुंचे पीएम मोदी ने गुरूद्वारे में मत्था टेका कहा, ईरान से रिश्ते मजबूत होंगे
गालिब और पीएम मोदी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक ट्वीट में कहा, मोदी व रूहानी ने एकांत में मुलाकात की और विचारों का आदान-प्रदान किया।' खास बात रही कि इस दौरान पीएम मोदी ने मशहूर शायर मिर्जा गालिब का एक शेर पढ़ा। इस शेर के साथ ही उन्होंने अपनी ईरान की यात्रा को अंतिम पड़ाव पर पहुंचाया।
पीएम मोदी ने जो शेर पढ़ा वह कुछ इस तरह से था, 'जनूनत गरबे नफ्से- नफ्से-खुद तमाम अस्त, जे काशी पा-बे काशान नीम गाम अस्त।' इसका मतलब होता है कि अगर हम अपने दिमाग में एक दृढ़ निश्चय कर लें तो फिर काशी से काशान की दूरी सिर्फ चंद कदमों की रह जाती है।
आतंकवाद
से
साथ
मिलकर
निबटेंगे
भारत
और
ईरान
पीएम मोदी ने इस दौरान जानकारी दी कि भारत और ईरान ने एक साथ साइबर खतरे, आतंकवाद और चरमपंथ से लड़ने का फैसला किया है। ईरान में चाबहार बंदरगाह के विकास को लेकर सोमवार को यहां भारत, ईरान व अफगानिस्तान के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता साइन होने वाला है।
पीएम मोदी के एजेंडे में कुछ खास
इस दौरे के दौरान मोदी के एजेंडे में शीर्ष पर संपर्क, ऊर्जा सुरक्षा व द्विपक्षीय व्यापार है। उनका यह दौरा सऊदी अरब के दौरे के करीब डेढ़ माह बाद हो रहा है। पीएम मोदी यहां एक भारतीय सांस्कृति उत्सव का भी उद्घाटन करेंगे। वह यहां देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह सईद अली हुसैनी खामेनेई व राष्ट्रपति हसन रूहानी से वार्ता करेंगे।
पीएम मोदी का यह दौरा ईरान के ऊपर लगे प्रतिबंध हटाए जाने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के ईरान के साथ दोबारा संबंध बहाली के प्रयासों के चार माह बाद हो रहा है।
पीएम मोदी को ईरान में याद आया गालिब का एक शेर