UNGA में पीएम मोदी के 17 मिनट और पाकिस्तान का नाम तक नहीं, पूरी तरह भारत ने किया किनारे
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (UNGA) में अपना दूसरा संबोधन दिया। 17 मिनट के इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश के विकास का जिक्र किया। पीएम मोदी ने उन मुद्दों पर रोशनी डाली जो दुनियाभर से जुड़े हैं। उन्होंने आतंकवाद का जिक्र भी किया लेकिन जिस बात ने उनके इस भाषण को खास बना दिया, वह था पाकिस्तान का नाम तक न लेना। पीएम मोदी ने अपने भाषण में एक बार भी पाक का जिक्र नहीं किया। ऐसा करके उन्होंने एक ऐसी नई रीति को जन्म दिया है जो अब तक किसी भारतीय पीएम ने नहीं चलाई थी। अब तक यूनाइटेड नेशंस में पाकिस्तान का जिक्र आतंकवाद के साथ ही होता था मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
20 वर्षों में पहला मौका
20 वर्षों के इतिहास पर अगर नजर डालें तो कभी कारगिल की जंग तो कभी कश्मीर में सीमा पार से जारी आतंकवाद के बहाने पाक का नाम भारत की तरफ से लिया गया। पीएम मोदी की स्पीच इस बार अलग होगी, इस बात की संभावना पहले से थी लेकिन उनका संबोधन इस बार अनोखा होगा इस बात के बारे में बहुत से कम लोगों को था। साल 2010 में 10 बार पाक का जिक्र हुआ, साल 2011 में एक बार, साल 2013 में पांच बार, साल 2014 में पांच बार इसका जिक्र हुआ तो अगले चार वर्षों में यूएनजीए के संबोधन में क्रमश: तीन, छह, 15 और 12 बार पाकिस्तान का जिक्र हुआ। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती करार दिया।
इमरान के संबोधन के लिए भी नहीं रुके
अपना संबोधन खत्म करने के बाद पीएम मोदी होटल के लिए रवाना हो गए। वह पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का पहला संबोधन सुनने के लिए नहीं रुके। गुरुवार को पीएम मोदी ने अपने सारे तय कार्यक्रमों को पूरा करके उंगा के संबोधन की तैयारी की। सूत्रों की मानें तो जब तक पीएम मोदी खुद इसे लेकर कॉन्फिडेंट नहीं हुए इसे बार-बार लिखा गया। ते, तब तक इस पर काम जारी रहेगा। अधिकारियों की ओर से पहले ही इस बात की संभावना जताई गई थी कि पीएम मोदी की स्पीच में पाकिस्तान या फिर मतभेदों का जिक्र नहीं होगा। मगर मोदी आतंकवाद की चर्चा करेंगे हालांकि यह भी उनके संबोधन का केंद्र नहीं होगा।