पीएम मोदी बोले- यूक्रेन-रूस युद्ध ने इंटरनेशनल लेबल पर स्थिरता में सवालिया निशान लगा दिए है
नई दिल्ली, 30 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात देशों के बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए वर्चुअली संबोधित किया। श्रीलंका की अध्यक्षता में इस साल आयोजित हुए शिखर सम्मेलन पीमए मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा रूस-युक्रेन युद्ध ने इंटरनेशलन लेबल पर स्थिरता को लेकर सवालिया निशान लगा दिया है।
क्षेत्रीय सहयोग करना एक बड़ी प्राथमिकता बन गया है
पीएम मोदी ने कहा क्षेत्रीय सहयोग विशेष रूप से दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच - प्राथमिकता बन गया था क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता के बारे में सवाल उठाए थे। पीएम ने सात देशों के क्षेत्रीय ब्लॉक के प्रतिनिधियों से कहा यूरोप में हाल के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता के बारे में सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में क्षेत्रीय सहयोग करना एक बड़ी प्राथमिकता बन गया है।
क्षमता को मजबूत करना महत्वपूर्ण है
उन्होंने कहा जैसे हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करता है, समय की आवश्यकता एकता और सहयोग की है! उन्होंने कहा यह देखते हुए कि भारत अपने operating बजट के लिए बिम्सटेक को $ 1 मिलियन प्रदान करेगा। पीएम मोदी ने कहा क्षमता को मजबूत करना महत्वपूर्ण है!
पीएम ने मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति के महत्व पर भी बात की
अपने छोटे से संबोधन में पीएम मोदी ने 'बिम्सटेक देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ाने' के लिए एक एफटीए, या मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति के महत्व पर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा बंगाल की खाड़ी को कनेक्टिविटी, समृद्धि और सुरक्षा का पुल बनाने का समय आ गया है। मैं सभी बिम्सटेक देशों से आह्वान करता हूं कि वे 1997 में एक साथ हासिल किए गए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नए उत्साह के साथ काम करने के लिए खुद को समर्पित करें। मालूम हो बिम्सटेक में भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं। यूक्रेन में संकट को लेकर जारी वैश्विक चिंता के बीच प्रधानमंत्री का यह बयान आया है।
युद्ध से भारत समेत अन्य देश भी हुए प्रभावित
24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े सशस्त्र संघर्ष को जन्म दिया, जिसमें हजारों लोग मारे गए और 10 मिलियन से अधिक लोग बेघर हुए। यूक्रेन में युद्ध के नतीजे ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है, जिसमें भारत सहित कई देश तेल और खाद्य कीमतों में वृद्धि से जूझ रहे हैं। वहीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि वह मौजूदा स्थिति पर गहराई से चिंतित है, जो शत्रुता की स्थिति शुरुआत से लगातार बिगड़ती जा रही है।
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