जापान के 34 उद्योगपतियों के साथ पीएम मोदी की राउंडटेबल बैठक, इंडो-पैसिफिक पर दिया 3T का मंत्र
जापानी उद्योगपतियों से मुलाकात से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को टोक्यो में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) कार्यक्रम में भाग लिया।
टोक्यो, मई 23: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वक्त जापान के दौरे पर हैं और आज सोमवार को पीएम मोदी ने जापान की राजधानी टोक्यो में 34 से ज्यादा जापानी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और सीईओ के साथ एक गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की और नेताओं को भारत के "मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड" अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
जापानी उद्योगपतियों के साथ बैठक
पीएम मोदी ने गोलमेज सम्मेलन के दौरान जापानी उद्योगपतियों को भारत में व्यवसाय करने में आसानी लाने और जो भी कमियां हो रही हैं, उनमें सुधार लाने के साथ साथ भारत द्वारा किए गए हालिया सुधारों से कंपनियों को अवगत कराया है। इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री ने जापानी कारोबारियों से उन्हें 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि, 'टोक्यो में शीर्ष व्यापार जगत के नेताओं से मुलाकात की। हमारी बातचीत इनोवेशन से लेकर निवेश, तकनीक से लेकर वस्त्र, सुधार से लेकर स्टार्टअप तक विविध विषयों पर केंद्रित थी। भारत और भारत के युवाओं के उद्यमशीलता कौशल के प्रति उनमें बहुत उत्साह है और इसके लिए उनकी हम बहुत प्रशंसा करते हैं।"
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भारतीय उद्यमिता की सराहना
बिजनेस इवेंट से पहले, पीएम मोदी ने जापान के प्रमुख परिधान ब्रांड यूनीक्लो की मूल कंपनी फास्ट रिटेलिंग के सीईओ तदाशी यानाई और एनईसी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ नोबुहिरो एंडो सहित कई शीर्ष जापानी नेताओं से मुलाकात की। जहां यानाई ने भारतीयों के उद्यमशीलता के उत्साह की सराहना की, वहीं पीएम मोदी ने उनके साथ भारत में यूनिक्लो की बढ़ती उपस्थिति और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत कपड़ा निर्माण के लिए निवेश के अवसरों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के दूरसंचार क्षेत्र में, खास तौर पर चेन्नई-अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (सीएएनआई) और कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह (केएलआई) ओएफसी परियोजनाओं में एनईसी की भूमिका की सराहना की। इस बैठक के बाद गोलमेज बैठक क्वाड इन-पर्सन समिट के इतर आयोजित की गई थी।
पीएम मोदी ने दिया ‘3टी’ का मंत्र
जापानी उद्योगपतियों से मुलाकात से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को टोक्यो में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) कार्यक्रम में भाग लिया। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने रेखांकित करते हुए कहा कि, लचीला आपूर्ति श्रृंखलाओं की नींव 3T मंत्र के द्वारा रखी जा सकती है। यानि, ट्रस्ट, ट्रांसपैरेंसी और टायमलीनेस। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व वाली पहल में जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो की भागीदारी के साथ-साथ अन्य भागीदार देशों के नेता भी इस कार्यक्रम में वर्चुअली मौजूद थे। इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के नेता भी मिल थे। वहीं, कार्यक्रम को लेकर अमेरिका की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि, कार्यक्रम का मुख्य उद्येश्य एशिया में आपसी भागीदारी से व्यापार का विस्तार करना है।
क्या है आईपीईएफ?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "IPEF भारत-प्रशांत क्षेत्र में लचीलापन, स्थिरता, समावेशिता, आर्थिक विकास, निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के उद्देश्य से भाग लेने वाले देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है।" लॉन्च समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, आईपीईएफ की घोषणा भारत-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बनाने की सामूहिक इच्छा की घोषणा है। भारत ऐतिहासिक रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में ट्रेड फ्लो के केंद्र में रहा है और गुजरात के लोथल में दुनिया का सबसे पुराना वाणिज्यिक बंदरगाह है। पीएम मोदी ने इस दौरान भारत-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए सामान्य और रचनात्मक समाधान खोजने का आह्वान भी किया। इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री ने आईपीईएफ के लिए सभी इंडो-पैसिफिक देशों के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की जो समावेशी और लचीला दोनों है।
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