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लद्दाख तनाव के बाद जब पहली बार आमने-सामने मिले पीएम मोदी और शी जिनपिंग... फिर जानिए क्या हुआ?

प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई। हालांकि, उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फेस-टू-फेस मुलाकात हुई।

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नई दिल्ली/समरकंद, 17 सितंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई। हालांकि, उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच फेस-टू-फेस मुलाकात हुई। पहले चीन-भारत के बीच के संबंधों को देखते हुए दोनों शीर्ष नेताओं की मुलाकात पर आशंकाओं के बादल मंडरा रहे थे। चीन-भारत सीमा विवाद के बाद पहली बार एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग आमने-सामने आए। (pm Modi and Xi Jinping come face-to-face at the SCO summit for first time )

भारत-चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई

भारत-चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई

एससीओ की बैठक में सबसे बड़ा सस्पेंस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को लेकर बना रहा। ऐसा माना जा रहा था कि एलएसी से सेनाओं के पीछे हटने के बाद दोनों देशों के पीएम बातचीत करेंगे। हालांकि, एससीओ के मंच पर चीन से दूरी बनाकर भारत ने कड़ा संदेश दिया है कि विस्तारवादी सोच वाले चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना संभव नहीं होगा।

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गलवान हिंसा के बाद तनाव उत्पन्न हुआ

गलवान हिंसा के बाद तनाव उत्पन्न हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की यह जून 2020 में लगभग 27 महीने पहले गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प से उत्पन्न तनाव के बाद पहली बार एक दूसरे के आमने-सामने आए। शुक्रवार को एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक उजबेक शहर समरकंद पहुंचे थे। पीएम मोदी और जिनपिंग के अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत अन्य सदस्य देशों के प्रमुख इसमें शिरकत की।

गतिरोध के बाद शी और मोदी नहीं मिले

गतिरोध के बाद शी और मोदी नहीं मिले

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध की शुरुआत के बाद से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कभी नहीं मिले। 16 सितंबर को, मोदी और शी ने समरकंद (उज्बेकिस्तान) में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। सीमा विवाद के कारण मोदी और जिनपिंग की मुलाकात होगी, इसके कम ही कयास लगाए जा रहे थे। क्योंकि 27 महीने पहले गलवान घाटी में जो कुछ भी हुआ उससे उत्पन्न तनाव ने भारत और चीन के बीच की दोस्ती में दरार पैदा हो गई। सीमा पर माहौल एकदम तनावपूर्ण था। सीमा पर दोनों पक्षों के जवान डटे हुए थे।

शी और मोदी ने एक साथ खड़े होकर मंच साझा किया

शी और मोदी ने एक साथ खड़े होकर मंच साझा किया

हालांकि, पीएम मोदी और शी एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर व्यक्तिगत तौर पर द्विपक्षीय आधार पर नहीं मिले लेकिन दोनों नेताओं ने एक साथ खड़े होकर मंच साझा किया। दूसरी ओर, मोदी ने शिखर सम्मेलन के इतर रूस के व्लादिमीर पुतिन, ईरान के इब्राहिम रायसी, उज्बेकिस्तान के शवकत मिर्जियोयेव और तुर्की के रेसेप तईप एर्दोगन से अलग-अलग मुलाकात की।

पुतिन,शी, मोदी की वार्ता पर थी नजर

पुतिन,शी, मोदी की वार्ता पर थी नजर

16 सितंबर को मीडिया में दिनभर यह भी चर्चा होती रही कि पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के साथ भी द्विपक्षीय मुलाकात हो सकती है या नहीं? लेकिन दोनों ही नेता के साथ पीएम मोदी ने कोई वार्ता नहीं की। एससीओ शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक ने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया। दोनों नेताओं ने प्रथागत राजनयिक अभिवादन साझा किया, जिसमें मोदी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक युग युद्ध का समय नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने यूक्रेन के संघर्ष में भारत की भागीदारी को स्वीकार किया और एक त्वरित समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

एससीओ से कुछ दिन पहले सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हुई

एससीओ से कुछ दिन पहले सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हुई

एससीओ से कुछ दिन पहले सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हुई
बता दें कि, भारत चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी 15 पर सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का संयुक्त सत्यापन किया। दोनों पक्षों ने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया। इससे पहले दोनों देशों की सेनाओं ने वहां टकराव वाले बिंदु से अपने सैनिकों को वापस हटाने और अस्थायी बुनियादी ढांचे को खत्म किया था। दोनों देशों के इन क्षेत्र से पीछे हटने का कार्य ऐसे समय में हुआ था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग उज्बेकिस्तान के शहर समदकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने वाले थे। इसके कारण ऐसी अटकलें लग रही थीं कि इस शिखर बैठक से इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक हो सकती है।

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English summary
Since the beginning of the border stalemate in eastern Ladakh, Prime Minister Narendra Modi and Chinese President Xi Jinping have never really met. On September 16, Modi and Xi attended the annual summit of the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) in Samarkand (Uzbekistan), but there was little indication of a sign of bilateral relations, which were severely strained after the battle in Galwan Valley almost 27 months ago.
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