
चीन में राष्ट्रपति चुनाव में दिखाया गया गलवान घाटी का वीडियो, जिसे भारतीयों जवानों ने पीटा, उसका हुआ सम्मान
चीन (China) की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) का 20वां अधिवेशन राजधानी बीजिंग में रविवार को शुरू हो गया। इस अवसर पर जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हुए चीनी सैन्य कमांडर भी राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्घाटन में शामिल हुए। इस चीनी कमांडर का नाम क्यूई फैबाओ (Qi Fabao) है। फैबाओ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस के 304 प्रतिनिधियों में से एक थे, जिन्हें पार्टी की सभी महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए चुना गया।

मीटिंग में विशाल स्क्रीन पर चलवाया गया वीडियो
आश्चर्य की बात तो ये है कि पूरी तरह राजनीतिक पार्टी मीटिंग में शी जिनपिंग ने क्यूई फैबाओ का वीडियो ग्रेट ऑडिटोरियम में फिर से विशाल स्क्रीन पर चलाया। ये वीडियो क्लिप गलवान घाटी की घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। चीनी सैन्य कमांडर क्यूई फैबाओ को गलवान घाटी में हुए भारत संग संघर्ष का चेहरा माना जाता है। क्यूई फैबाओ उस समय सीमा रक्षा रेजिमेंट के प्रमुख थे, जब भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष छिड़ गया था। भारतीय सैनिकों संग हुई मुठभेड़ की कुछ क्लिप में क्यूई फैबाओ नजर आते दिख रहे हैं। इस संघर्ष में क्यूई फैबाओ को भारतीय जवानों ने बुरी तरह मारा था।

मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए क्यूई फैबाओ का इस्तेमाल
गौरतलब है कि चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की 20वीं नेशनल कांग्रेस ऐसे वक्त में हो रही है कि जब शी जिनपिंग के और व्यापक पाबंदियों और लॉकडाउन के जरिए कोविड-19 को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की उनकी नीति के खिलाफ विरोध के सुर उठे हैं। इन पाबंदियों के कारण दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी आ रही है। ऐसे में देश के लोगों का गुस्सा ठंडा करने के लिए चीन ने घायल फैबाओ वीडियो फुटेज दिखाकर अपने देश के लोगों में जोश भरने की कोशिश की है।

भारतीय जवानों ने क्यूई फैबाओ को बुरी तरह पीटा
बीते तीन वर्षों के कठिन समय में कई वार्ता के बाद भारत-चीन की सीमा पर संबंधों में कुछ नरमी आई है। ऐसे वक्त में इस वीडियो के जारी किए जाने को लेकर इसलिए सवाल उठ रहे हैं। क्यूई फैबाओ को गलवान घाटी झड़प के दौरान सिर में गंभीर चोट लगी थी। जिसके कारण उन्हें महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। ऐसे में क्यूई फैबाओ अपने देश में सोशल मीडिया की वजह से वह बेहद जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं। उनकी मौजूदगी ही भारत के खिलाफ माहौल बनाती है।

शीतकालीन ओलंपिक में बने ध्वजवाहक
चीन बार-बार इसी का इस्तेमाल करता रहता है। इससे पहले चीन क्यूई फैबाओ को "सीमा की रक्षा के लिए हीरो रेजिमेंटल कमांडर" की उपाधि से सम्मानित कर चुका है। चीन ने इसी साल फरवरी में हुए शीतकालीन ओलंपिक में फैबाओ को ध्वजवाहक भी बनाया था, जिसके बाद भारतीय राजनयिकों ने इस समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया। भारत ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया था।
The territory of the motherland, not an inch of land! Feel the tender feelings and clanking vows of Qi Fabao, the hero head of defending the country. pic.twitter.com/ggmbFXyUGs
— SunSong _孫松 (@shandongSunsong) October 15, 2022