UK-India Week 2018: बीजेपी 2014 से पहले के कांग्रेस मॉडल को बदल रही है: पीयूष गोयल
लंदन। लंदन में आयोजित किए जा रहे 5वें वार्षिक यूके-इंडिया लीडरशिप कॉन्क्लेव में रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केकेआर के सीईओ संजय नायर के साथ बातचीत की। कॉन्क्लेव में बात करते हुए गोयल ने कहा कि, हम भारत में विदेशी मुद्रा भंडार विकसित करने में सक्षम हैं। भारत आज वैश्विक निवेशकों के लिए अधिक से अधिक आकर्षक बन रहा है। निवेशकों को आकर्षित करने की दूसरी वजह भारत एक ईमानदार इकनॉमी है। आपको उच्च स्थानों में भ्रष्टाचार के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, स्थिर, पूर्वानुमानित, सरलीकृत नीति ढांचा भारत को बदलने में मदद करेगा।
स्वच्छ भारत का निर्माण एजेंडा का हिस्सा है।आज हमारे पास एक ऐसा देश है जो दुनिया के साथ ईमानदार अर्थव्यवस्था के रूप में जुड़ रहा है। हमारा नीतिगत ढांचा यह सुनिश्चित कर रहा है कि हमारे देश में आने वाला पैसा स्वच्छ धन है। इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि भारत को भविष्य में तैयार करना है।
संजय नागर ने पीयूष गोयल से निजी और सरकारी विनिवेश के बारे में पूछा:
गोयल ने कहा कि, हम पूरे देश की मानसिकता को बदल रहे हैं। अतीत में, दीर्घकालिक दर्द को देखे बिना हम अल्पावधि निवेश के बारे में सोचते थे। बीजेपी 2014 से पहले के मॉडल को बदल रही है।
संजय नागर ने पीयूष गोयल से भारतीय बैकिंग सेक्टर में समस्याओं के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, हम बैंकिंग को कारपेट के नीचे फेंकने का दवाब नहीं डाल रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को जिस सहायता की आवश्यकता हो, उसे प्राप्त हो। हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली मजबूत और व्यवहार्य हो। सरकार जो भी निर्णय लेती है वह बैंकिंग व्यवस्था के हितों में होती है। वहीं उन्होंने बैंकिग के निजीकरण को नकार दिया।
गोयल ने कहा कि, भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश और महत्वाकांक्षी मध्यम वर्ग के चलते बाजारों में भारी मांग है। सभी के लिए दोहरी विकास दर असंभव बात नहीं है। इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था को दो अंकों की वृद्धि दर तैयार करने में मदद करेगा। विनिर्माण भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है। भारत बिजली के वाहनों को एक विशाल बाजार प्रदान करेगा।
इसी सेशन में बातचीत करते हुए भारती इंटरप्राजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल ने कहा कि, भारतीय एफडीआई दुनिया में सबसे ज्यादा उदारीकृत नीतियों में से एक है। भारत सरकार निवेशकों को आमंत्रित कर रही है जबकि कई सरकारें सुरक्षावाद की बात कर रही हैं। भारत में राज्य सरकारें जरुरत से परे जाकर निवेशकों के लिए काम कर रही हैं।
मित्तल ने कहा कि, ऐसे कई सकारात्मक पहलू हैं जो किसी विदेशी निवेशकों को भारत में आने और निवेश करने के लिए आकर्षित करेंगे। वहीं निजी क्षेत्र को भारत की प्राथमिक कृषि में निवेश करने की जरूरत है। प्रधान मंत्री मोदी जो कि किसान की आय को दोगुना करना चाहते हैं, उन्हें निजी क्षेत्र में निवेश करने की जरूरत है।
वहीं कॉन्क्लेव में केकेआर के सीईओ संजय नायर ने कहा कि, भारत सरकार ने सब्सिडी ना देने का अच्छा काम किया है। उन्हें बैंक निजीकरण पर काम करने की जरूरत है। नायर ने कहा कि, जब लोगों के दिमाग में मुद्रास्फीति की अपेक्षा होती है तब वे लोग रियल स्टेट और आभूषणों पर खर्च करते हैं। जब मुद्रास्फीति अधिक होती है तो वह रुपए की स्थिति पर असर डालती है। ऐसे में निर्यात को एक बड़ी भूमिका निभानी है। हर क्षेत्र अविकसित है, हमारे पास जाने का लंबा रास्ता है।
सेशन में शामिल एक अन्य पैनलिस्ट श्रुति सिंह ( उप सचिव, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, भारत सरकार) ने कहा कि, 2025 में भारतीयों की औसत आयु 29 वर्ष होगी। यह नया भारत है। भारत की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसदी बढ़ेगी। हम तीसरी सबसे बड़ी व्यापार अर्थव्यवस्था होंगे। प्रधान मंत्री मोदी चाहते हैं कि युवा भारतीय नौकरी बनाने वाले हों, ना की मांगने वाला। मेक इन इंडिया के तहत भारत रक्षा, एयरोस्पेस, दवा क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है। मेक इन इंडिया के तीसरे स्तंभ में इन्फ्रा चेंज शामिल हैं। स्मार्ट शहरों में इन्फ्रा विकास और हरित ऊर्जा पर जोर दिया गया है। दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर में 100 अरब डॉलर के निवेश की संभावना जताई जा रही है।