POK में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भड़के लोग, संविधान में बदलाव के फैसले के बाद हालात हुए बदतर
इस्लामाबाद, 14 अगस्तः पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जिलों में 15वां संविधान संशोधन लाने की पाकिस्तान सरकार की योजना के खिलाफ बड़े पैमाने पर लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। स्थानीय मीडिया की जानकारी के मुताबिक ये संशोधन स्थानीय सरकार की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों को इस्लामाबाद में स्थानांतरित कर देगा। सरकार के इस फैसले के खिलाफ क्षेत्र के सभी 10 जिलों के नागरिकों में आक्रोश है। विरोध प्रदर्शनों के चलते रावलकोट, बाग, पुंछ, मुजफ्फराबाद और नीलम घाटी में हालात बदतर हो गए हैं।
पीओके के संसाधनों पर पाकिस्तान की नजर
क्षेत्रीय कार्यकर्ता शब्बीर चौधरी के मुताबिक, संविधान में 15वें संशोधन को पेश करने से पाकिस्तान इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों को नियंत्रित करने पर नजरें गढ़ाए है। इससे क्षेत्र में सब कुछ पाकिस्तानी सेना और देश के प्रॉपर्टी कारोबारियों के नियंत्रण में आ जाएगा। शब्बीर चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान अपने साम्राज्यवादी एजेंडे को छिपाने के लिए इस्लाम के नाम का इस्तेमाल कर रहा है।
पीओके में बच्चों का किया जा रहा ब्रेनवॉश
शब्बीर चौधरी ने कहा कि हम पीओके के लोग 22 अक्टूबर 1947 से आजाद होने के झूठे अर्थों में रहे हैं। पिछले 75 वर्षों में इस क्षेत्र की संवैधानिक स्थिति का निर्धारण करने के लिए पाकिस्तान सरकार का यह 24वां प्रयास होगा। उन्होंने पीओके क्षेत्र के लोगों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए पाकिस्तान सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बचपन से ही सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक तंत्र के माध्यम से हमारे बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता है या उन्हें पाकिस्तान का एक अच्छा गुलाम बनाने के लिए शिक्षित किया जाता है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को मिलेंगी असाधारण शक्तियां
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 15वें संशोधन के प्रस्तावित मसौदे में सामने आए विवरण से पता चलता है कि 'राज्य' शब्द को 'आजाद जम्मू कश्मीर' से बदल दिया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र के उल्लेख में भी तब्दीली की जाएगी। इसके साथ ही कश्मीर परिष्द को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिसमें पीओजेके विधानसभा के छह सदस्य और पाकिस्तान के सात सदस्य शामिल होंगे। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री शामिल होंगे और इसका नेतृत्व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करेंगे।
छिन जाएगा पीओजेके का अधिकार
इसके बाद पाकिस्तान में 80 अरब रुपये की पीओजेके से संबंधित संपत्ति कश्मीर संपत्ति परिषद के अंतरर्गत लाई जाएगी और पीओजेके को इसकी बिक्री तक का अधिकार नहीं होगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को मुख्य न्यायाधीश, उच्च और सर्वोच्च न्यायाधीशों के साथ-साथ पीओके के मुख्यचुनाव आयुक्त को सीधे नियुक्त करने का अधिकार होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा की गई नियुक्तियों को अदालतों में चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी वित्तीय शक्तियां पीओजेके की सरकार से पाकिस्तान को हस्तांतरित कर दी जाएंगी।
1 जुलाई से ही चल रहा प्रदर्शन
डेली सिख के लिए लिखते हुए हरजाप सिंह ने कहा कि 1 जुलाई से क्षेत्र में महिलाएं और बच्चे सड़कों पर बैठकर आजादी के नारे लगा रहे हैं और सेना से बैरक में वापस करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, क्षेत्र में कर्फ्यू जैसे हालात हैं और कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवा तक आंशिक रूप से बंद है। टायर जलने के कारण सड़कें सभी तरह के वाहनों के लिए बंद हैं और पाकिस्तानी मीडिया को भी यहां के कवरेज से रोका जा रहा है। 25 जुलाई से प्रदर्शन बढ़े हैं।
दक्षिण
कोरिया
में
मंदी
के
डर
से
अमीर
लोगों
की
हो
रही
रिहाई,
सैमसंग
के
मालिक
को
सरकार
ने
किया
आजाद